सुप्रीम कोर्ट का फैसला जघन्य अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में काम करेगा : मेनका 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   5 May 2017 8:32 PM GMT

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला जघन्य अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में काम करेगा : मेनका केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी

नई दिल्ली (भाषा)। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि 16 दिसंबर, 2012 के सामूहिक बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस तरह के जघन्य अपराधों के खिलाफ गंभीर निवारक के रूप में काम करेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की यह प्रतिक्रिया आई। दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अपराध की प्रकृति और तरीके ने सामाजिक विश्वास को तार - तार कर दिया और यह दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी में आता है जो चारों दोषियों के लिए मौत की सजा का आधार बनाता है।

मेनका ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कार्यालय में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि इस तरह का एक फैसला उन लोगों को एक सख्त संदेश भेजने के लिए जरूरी है जो ऐसे जघन्य अपराध करते हैं, भविष्य में अपराध करने वाले हैं और खासतौर पर किशोर...जो ऐसी हरकत कर सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या न्याय में देर हुई, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पांच साल हो गए हैं, लेकिन इस देश में न्याय पाने में दशकों लग जाते हैं, इसलिए न्याय निश्चिततौर पर हुआ है, मैं खुश हूं। समूचा देश खुश है।'' हालांकि, उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई की जरूरत है। ‘‘साढ़े चार साल में न्याय होना अब भी एक करिश्मा है।''

मंत्री ने मृतका के परिवार से भी सहानुभूति जताते हुए कहा कि ये पांच बरस माता पिता को तकलीफ पहुंचाने वाले रहे हैं।

गौरतलब है कि 23 वर्षीय छात्रा से 16 दिसंबर 2012 की रात सामूहिक बलात्कार हुआ था और उस पर नृशंस हमला किया गया था। इस घटना पर राष्ट्रव्यापी रोष छा गया था और देश ने एकजुट हो कर न्याय के लिए रैली की।

दोषी किशोर के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘‘हम उसे भी सजा दिलाना चाहते थे लेकिन उस वक्त कानून ने इसकी इजाजत नहीं दी।'' किशोर को तीन साल एक सुधार गृह में रहने की सजा मिली थी।

मंत्री ने कहा, ‘‘इस दौरान हमने जघन्य अपराधों को लेकर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम में संशोधन कराया।''

संशोधित कानून के मुताबिक अब जघन्य अपराधों में 16 साल और इससे अधिक उम्र के किशोरों के खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा चलेगा।

हमने 2,000 करोड़ रुपए का निर्भया कोष बनाया, जिनमें से 550 करोड़ रुपया खर्च हुआ है, हमने सखी के बैनर तले 150 सहायता केंद्र खोले जहां पीड़िता चिकित्सक, वकील, सलाहकार की सेवाएं पा सकती हैं, हमने आपात स्थिति के लिए मोबाइल फोन में एक बटन की भी व्यवस्था कराई।
मेनका गांधी केंद्रीय मंत्री

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मेनका ने कहा, ‘‘मैं कह सकती हूं कि अपराध होने के बाद 2012 में कोई महिला जैसा महसूस करती थी, उससे अधिक सुरक्षित 2017 में महसूस करती हैं।''

               

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