VVPAT से केवल कमल चिन्ह निकलने वाली खबर अफवाह, पंजा भी आया था: मुख्य निर्वाचन अधिकारी
गाँव कनेक्शन 2 April 2017 12:36 AM GMT
भोपाल ( भाषा )। सलीना सिंह ने मीडिया में आ रहीं खबरों का खंडन किया है जिसमें यह कहा गया है कि ईवीएम मशीन से जुड़े वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से केवल भाजपा का चुनावी चिन्ह ‘कमल' वाली पर्चियां ही निकल रहीं हैं। उन्होंने इस तरह की खबरों को अफवाह बताया और इसी वजह से शुक्रवार को भिंड में अटेर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए एक ‘डेमो’ भी कराया।
अटेर में नौ अप्रैल को उपचुनाव होना है और यह ‘डेमो’ आने वाले चुनाव के लिए ही किया गया। सलीना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बताया, “इस डेमो के दौरान ईवीएम मशीन में केवल दो ही बटन दबाए गए। पहला मैंने दबाया, जिससे (भाजपा का निशान) कमल का चिन्ह आया और दूसरा वहां मौजूद किसी और व्यक्ति ने दबाया, जिससे (कांग्रेस का निशान) हाथ का पंजा आया।” उन्होंने आगे कहा, ‘‘मध्यप्रदेश की दो सीटों पर, भिंड जिले की अटेर और उमरिया जिले की बांधवगढ़ में नौ अप्रैल को उपचुनाव होना है। इनमें ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपीएटी पावती वाली रसीद निकलने वाली प्रिंटर मशीनें जुड़ी रहेंगी जो दोनों सीटों के सभी मतदान केंद्रों में होंगी। यह मध्यप्रदेश में पहली बार होगा कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपीएटी सभी मतदान केंद्रों में दिखेगा। अटेर संवेदनशील सीट है।”
देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
डेमो के दौरान भी गलतफहमी के चलते जब सलीना से कहा गया कि कमल का चिन्ह दो बार निकला, तो इस पर सलीना ने जवाब दिया, “दो बार कमल का फूल नहीं आया। एक बार कमल का चिन्ह और एक बार पंजे का चिन्ह आया।” उन्होंने कहा कि डेमो के लिए केवल एक ही मशीन का ही उपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि कल ईवीएम मशीनों का ‘छद्म मतदान' नहीं था, केवल डेमो था जिसकी ट्रेनिंग दी जा रही थी।
वीवीपीएटी मशीन पर की गई घोषणा गलत मिली तो छह महीने की कैद
मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीन से जुडे प्रिंटर से निकलने वाली वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल 'वीवीपीएटी' पर्ची के बारे में गलत जानकारी देने वाले मतदाता को छह महीने की सजा व 1,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। मध्यप्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने यह बात शनिवार को मीडिया से कही।
उन्होंने कहा कि ‘यदि किसी मतदाता को ऐसा लगता है कि उसने जिस उम्मीदवार को वोट दिया, उसकी वीवीपीएटी पर्ची नहीं आई और उसकी जगह किसी अन्य उम्मीदवार की आई है, तो वह संबंधित पीठासीन अधिकारी को इसकी शिकायत कर सकता है। शिकायत करने वाले मतदाता को इसका घोषणापत्र पीठासीन अधिकारी को देना होता है। इसके बाद पीठासीन अधिकारी एक अन्य फार्म 17-ए भरता है व उससे फिर वोटिंग करवाता है।''
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रक्रिया में यदि घोषणा सही पाई जाती है, तो मतदान तुरंत रोक दिया जाता है। यह जिला निर्वाचन अधिकारी पर निर्भर है कि वह मतदान फिर से नई तिथि में करवाये या नया ईवीएम मशीन या वीवीपीएटी लगवाए।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories