देश में उचित पोषण नीति से रोकी जा सकती है भुखमरी, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

हमारा देश दुनिया भर में अनाज उगाने के लिए जाना जाता है। इसके बावजूद भी यहां की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्‍सा भुखमरी की चपेट में है। बीते साल विश्‍व भूख सूचकांक में भारत की खराब रैंकिंग आई थी। इसके बाद विशेषज्ञों ने सरकार से देश में भोजन की कमी से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एक व्यापक पोषण नीति बनाने का आग्रह किया है।

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देश में उचित पोषण नीति से रोकी जा सकती है भुखमरी, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

लखनऊ। हमारा देश दुनिया भर में अनाज उगाने के लिए जाना जाता है। इसके बावजूद भी यहां की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्‍सा भुखमरी की चपेट में है। बीते साल विश्‍व भूख सूचकांक में भारत की खराब रैंकिंग आई थी। इसके बाद विशेषज्ञों ने सरकार से देश में भोजन की कमी से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एक व्यापक पोषण नीति बनाने का आग्रह किया है।

वाशिंगटन विश्‍वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रक्सि एंड इवेल्यूएशन (आईएचएमई) द्वारा हाल ही में एक सर्वे किया गया। इससे पता चला कि वैश्विक स्तर पर सिर्फ खराब आहार के कारण 1.1 करोड़ से अधिक मौतें होती हैं। अप्रैल में लॉंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, खराब आहार से भारत में सालाना सैकड़ों मौतें होती हैं।

अध्यन में 195 देशों में 1990 से 2017 तक 15 आहार कारकों की खपत के रुझान पर नजर रखी गई, जिसमें दिखाया गया कि भारत में प्रति एक लाख लोगों में 310 मौतों के साथ 118वें स्थान पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पौष्टिक भोजन तक पहुंचाने का काम सुनिश्‍चित करना होगा।

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बीते साल एक रिपोर्ट के अनुसार भारत भूखे देशों की सूची में 103वें स्थान पर था जबकि इसी रिपोर्ट के 2017 के आंकड़ों के अनुसार भारत 100वें स्थान पर था। वहीं 2014 में भारत इसी सूची के अनुसार 55वें स्थान पर था। 2018 तक यह 48 स्थान नीचे आ चुका था। सोचने वाली बात यह थी कि बांग्लादेश और नेपाल जैसे देश जिन्हें भारत के मुकाबले कम सक्षम माना जाता है वो भी इससे ऊंचे पायदान पर थे।

एक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी गोदामों में पिछले 10 सालों से रखा 7.80 लाख कुंतल अनाज सड़ गया। हमारे देश में प्रति व्यक्ति अनाज की खपत लगभग 500 ग्राम है। इस तरह से रोजाना करीब 43 हजार लोगों का खाना बर्बाद होता है। इसी खबर के मुताबिक देश में हर दिन करीब 20 करोड़ लोग भूखे रह जाते हैं या अल्प भोजन पर निर्भर हैं। इतना ही नहीं, 821 बच्चे प्रतिदिन पर्याप्त खाना नहीं मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं।


वहीं ग्लोबल फूड वेस्ट नॉट वांट नॉट के 2013 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 21 मिलियन टन गेंहू बर्बाद हो रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह भी कहा गया कि भारत में कुल 6300 कोल्ड स्टोरेज हैं, इनकी क्षमता 3.01 करोड़ टन है। भारत में कुल कोल्ड स्टोरेज की संख्या जितनी है उतनी ही और कोल्ड स्टोरेज की जरूरत भारत को है।

पारस अस्पताल, गुरुग्राम के एक वरिष्‍ठ विशेषज्ञ राजेश कुमार ने कहा, हम एक उचित पोषण खाद्य नीति के मामले में विफल रहे हैं। खराब आहार में विटामिन, प्रोटीन, वसा, खनिज और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती है, जिसके कारण आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता है। (इनपुट भाषा)


  

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