महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश के बाद पंजाब-कर्नाटक के किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर करेंगे आंदोलन

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   12 Jun 2017 8:45 AM GMT

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महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश के बाद पंजाब-कर्नाटक के किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर करेंगे आंदोलनमहाराष्ट्र के किसान। साभार इंटरनेट

नई दिल्ली। किसानों की कर्जमाफी की आग महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के बाद अब देश के अन्य राज्यों में भी फैलने लगी है। महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार ने यूपी की देखा देखी किसानों के कर्ज माफी का फैसला कर लिया है। जिसके बाद बाकी राज्यों के किसान भी यहीं मांग करने लगे हैं। आज पंजाब और कर्नाटक के किसान सड़कों पर उतरकर कर्जमाफी की मांग करेंगे।

हालांकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी तस्वीर ना तो यूपी की साफ है और न महाराष्ट्र की। कर्ज माफ का फैसला तो हो गया, लेकिन इसके लिए पैसा कहां से आएगा? इस बीच एनसीपी नेता शरद पवार ने बीजेपी सरकार पर दबाव बनाते हुए कहा है कि बिना देरी किए तुरंत कर्जमाफी की व्यवस्था की जानी चाहिए।

फसल की सही कीमत न मिलना और कर्ज से परेशान हैं किसान

10 दिन से महाराष्ट्र के किसान खेती बाड़ी छोड़कर सड़क पर आंदोलन कर रहा था। जिन फसलों को पसीना बहाकर खड़ा किया था उसे अपने ही हाथों से सड़क पर बर्बाद करने पर किसान मजबूर हुए। किसानों की शिकायत थी कि उन्हें एक तो फसल की सही कीमत नहीं मिलती। दूसरे कर्ज का बोझ उन्हें जीने नहीं दे रही थी।

यूपी में 36 हजार करोड़ का किसान कर्ज माफ करने का फैसला

यूपी में 36 हजार करोड़ का किसान कर्ज माफी होने के बाद महाराष्ट्र के किसानों को भी अपनी सारी मुश्किलों का हल इसी में दिखने लगा। महाराष्ट्र की सरकार को झुकना पड़ा। मुंबई में किसान संगठन और राज्य सरकार के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक के बाद कर्ज माफी का फैसला हो गया।

स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के आधार पर कर्जमाफी

मोटे तौर पर सहमति ये बनी है कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र में कर्ज माफी होगी। स्वामीनाथन आयोग ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को लागू करने के लिए बनी समिति के मुखिया सीएम फडणवीस खुद होंगे। समिति पीएम मोदी से भी बात करके जरूरी फैसला करेगी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस मुद्दे पर राजनीति तेज करते हुए कहा है कि अगर सरकार ने कर्जमाफी का फैसला ले लिया है तो फिर इसे बिना देरी किए तुरंत लागू कर देना चाहिए ताकि खरीफ की खेती से पहले किसान नए कर्ज के लिए अवेदन कर सके।

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