सड़क हादसों में रफ्तार बड़ी वजह, ग्रामीण इलाकों में होते हैं ज्‍यादा हादसे - NCRB

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सड़क हादसों में रफ्तार बड़ी वजह, ग्रामीण इलाकों में होते हैं ज्‍यादा हादसे - NCRB

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शुक्रवार रात को तेज रफ्तार ट्रक और स्लीपर बस में आमने सामने की भि‍ड़ंत हो गई। इस टक्‍कर के बाद स्‍लीपर बस में आग लग गई और कई यात्री इसी में फंसे रह गए, जिनकी जलकर मौत हो गई। कानपुर रेंज के आईजी का कहना था कि हादसा इतना भयानक था कि शव बुरी तरह जल चुके हैं, जिनकी पहचान डीएनए टेस्ट से की जाएगी।

कन्‍नौज में हुए सड़क हादसे की तहर की खबरें अक्‍सर सामने आती रहती हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो हाल ही में जारी हुई नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्‍यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में 4,45,514 सड़क हादसे दर्ज किए गए। इन हादसों में 4,46,518 लोग घायल हुए और 1,52,780 लोगों की मौत हो गई।

इन हादसों के पीछे एक वजह जो अक्‍सर सामने आती है वो है ओवर स्‍पीडिंग। एनसीआरबी की रिपोर्ट भी इस बात को जाहिर करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में हुए सड़क हादसों में से ज्‍यादातर सड़क हादसे ओवर स्‍पीड‍िंग की वजह से हुए हैं, जोकि कुल सड़क हादसों का 59.3% है। ओवर स्‍पीडिंग की वजह से हुए हादसों में 84,346 लोगों की मौत हुई और 2,74,997 लोग घायल हुए।

एनसीआरबी की रिपोर्ट में बेपरवाह ड्राइविंग और ओवरटेकिंग की वजह से हुए हादसों का भी जिक्र किया गया है। 2018 में खतरनाक, बेपरवाह या ओवरटेकिंग की वजह से 1,09,695 सड़क हादसे हुए। यह कुल सड़क हादसों का 24.6% है। इन हादसों में 41,653 लोगों की मौत हुई और 1,00,458 लोग घायल हुए। वहीं, कुल हादसों का केवल 2.5% खराब मौसम की वजह से हुआ है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट में ग्रामीण और शहरी इलाकों में हुए हादसों का भी जिक्र किया गया है। 2018 में ग्रामीण इलाकों में 2,59,161 (58.2%) सड़क हादसे दर्ज किए गए। वहीं शहरी इलाकों में 1,86,353 (41.8%) सड़क हादसे दर्ज हुए। वहीं, कुल सड़क हादसों का 30.6% रिहायशी इलाकों में दर्ज किया गया है।

 

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