संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान: एक फरवरी का संसद कूच स्थगित, 30 जनवरी को गांधी पुण्यतिथि के अवसर पर एक दिन का उपवास
किसान नेताओं ने लाल किले की घटना की निंदा करते हुए जताया खेद, कहा- इस घटना के लिए दीप सिद्धू और किसान मजदूर संघर्ष समिति के साथ-साथ दिल्ली पुलिस और सरकार भी जिम्मेदार
गाँव कनेक्शन 27 Jan 2021 2:31 PM GMT
- सिंघु बॉर्डर से अरविंद शुक्ला के इनपुट के साथ
26 जनवरी के दिन किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और अराजकता पर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस ने खेद जताते हुए निंदा की है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था। कुछ लोगों ने आंदोलन की छवि को खराब करने के लिए लाल किले की ओर कूच किया, जो कि हमारे परेड मार्ग का हिस्सा नहीं था।
किसान नेताओं ने दीप सिद्धू और किसान मजदूर संघर्ष समिति का नाम लेते हुए कहा कि सरकार ने आंदोलन को खत्म करने के लिए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब और दीप सिद्धू मिलकर साजिश की और इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि तिरंगा और देश सबकी शान है और यह हमेशा रहेगा।
किसान मोर्चा ने कहा कि चूंकि यह ट्रैक्टर परेड किसान मोर्चा के द्वारा बुलाया गया था, इसलिए वे लोग घटना की जिम्मेदारी लेते हुए खेद जताते हैं और पश्चाताप के लिए गांधी जी की पुण्यतिथि 30 जनवरी को व्रत रखेंगे। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन जारी था, जारी है और जारी रहेगा। हालांकि कल की घटना के बाद अब बजट के दिन एक फरवरी को आहूत संसद मार्च के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
किसान मोर्चा ने दिल्ली पुलिस और सरकार पर स्पष्ट आरोप लगाते हुए कहा कि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी को सरकार ने साजिशन आगे बैठाया, सुबह आसानी से बैरिकेडिंग तोड़कर उन्हें निकलने दिया गया, जबकि इस दौरान पुलिस ने बहुत ही मामूली प्रतिरोध किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के ट्रैक्टर रूट को दिशा भ्रमित किया गया, सबको लाल किले और आईटीओ की तरफ जाने दिया गया ताकि किसान अंदर जाएं और विवाद और बड़ा हो।
इससे पहले कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन से दो किसान संगठनों हटने का फैसला लिया। मंगलवार 17 जनवरी को राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने खुद और अपने संगठन को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हम अपना आंदोलन यहीं खत्म करते हैं।
वीएम सिंह ने कहा कि 'हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो। इसलिए, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन वीएम सिंह और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इस विरोध को तुरंत वापस ले रही है। हमारा संगठन इस आंदोलन से अलग है।
Correction: I can't carry forward protest with someone whose direction is different. I wish them best but VM Singh & Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan* are withdrawing from the protest: VM Singh, Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & All India Kisan Sangharsh Coordination Committee pic.twitter.com/kXC70UvRWZ
— ANI (@ANI) January 27, 2021
वहीं भारतीय किसान यूनियन (भानू गुट) ने भी खुद को इस आंदोलन से दूर कर लिया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि चिल्ला बार्डर जो धरना करीब दो महीने से चला आ रहा है उसे खत्म किया जा रहा है। खत्म करने की घोषणा करने के दौरान भानु प्रताप सिंह ने 26 जनवरी को लालकिले पर हुई घटना की निंदा भी की।
कई किसान नेताओं पर दर्ज हुई एफआईआर
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की रैली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने कई किसान नेताओं पर गंभीर आरोपों के तहत FIR दर्ज किया है। किसान नेता दर्शन पाल सिंह, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह और जोगिंदर सिंह पर पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी एनओसी तोड़ने के लिए एफआईआर दर्ज किया गया है। FIR की कॉपी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का भी नाम है।
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