एसबीआई ने आधार डाटा लीक होने की जताई आशंका, UIDAI ने कहा- डाटा सुरक्षित
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने आधार डाटा लीक होने की आंशका जताई है। हालांकि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है।
गाँव कनेक्शन 30 Jan 2019 11:14 AM GMT
नई दिल्ली। एक बार फिर से आधार डाटा लीक होने की खबरें हैं। इस बार भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने आधार डाटा के लीक होने की आशंका जताई है। दरअसल यह मामला तब शुरू हुआ जब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने पंजाब के विक्रम नाम के एक शख्स पर अपनी ऑपरेटर आईडी के जरिए फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई आधार कार्ड बनाने का आऱोप लगाया और उस पर 33 लाख रूपए का जुर्माना लगाया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया के एक रिपोर्ट के अनुसार विक्रम सहित ऐसे 250 ऑपरेटरों को यूआईडीएआई द्वारा बैन कर दिया गया है और उनकी आईडी डिऐक्टिवेट कर दी गई है। इन सभी ऑपरेटरों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने का आरोप लगा था।
यूआईडीएआई का आरोप है कि विक्रम ने 9 नवंबर से 17 नवंबर के बीच कई फर्जी आधार कार्ड बनाए। इसके लिए अलग-अलग जगहों के कुल 143 डिवाइसों का इस्तेमाल किया गया था। यूआईडीएआई का कहना है कि विक्रम ने ऐसा मल्टीपल स्टेशन आईडीज की मदद से किया। आपको बता दें कि मल्टीपल स्टेशन आईडीज की मदद से एक ही आईडी से एक ही समय में अलग-अलग डिवाइसों पर आधार कार्ड बनाए जा सकते हैं।
एक रजिस्ट्रार के रूप में केवल एसबीआई के पास ही कई स्टेशन आईडीज को मंजूरी देने का अधिकार है। एसबीआई का कहना है कि विक्रम सहित सभी 250 ऑपरेटरों को ऐसे कोई अधिकार नहीं दिए गए थे, जिससे वह मल्टीपल स्टेशन का प्रयोग कर आधार कार्ड बना सके। लेकिन फिर भी आधार कार्ड बने। इसी आधार पर एसबीआई ने आधार डाटा के असुरक्षित और लीक होने की आशंका जताई है।
एसबीआई के उप महाप्रबंधक बी. राजेंद्र कुमार ने टाइम्स को बताया कि विक्रम और अन्य ऑपरेटर जिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें इसकी जानकारी है। एसबीआई ने यूआईडीएआई के सामने यह मुद्दा उठाया है और उनसे अपील की है कि वे सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाने और डाटाबेस को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए काम करें.
एसबीआई ने आंतरिक जांच करते हुए विक्रम सहित ऐसे सभी ऑपरेटरों को आऱोपमुक्त कर दिया है। एसबीआई ने यूआईडीएआई से अपील की है कि वह विक्रम पर लगे जुर्माने को हटा लें औऱ उन्हें काम पर वापस आने दें। वहीं यूएडीआई ने इस मामले में डाटा लीक के किसी भी आरोप को खारिज कर दिया है। प्राधिकरण का कहना है कि आधार का डाटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है और किसी भी सुरक्षा में सेंध नहीं लगी है। हालांकि यूआईडीएआई ने इस मामले में जांच जारी होने की बात स्वीकारी है। सूत्रों के अनुसार इस घटना के बाद 19 जनवरी को यूआईडीएआई ने सुरक्षा के तौर पर आधार ऑपरेटर के पंजीकरण में एक नया चरण भी जोड़ा है। हालांकि डाटा कैसे चोरी हुई औऱ फर्जी आधार कार्ड कैसे बने, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।
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