यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुप्रीम कोर्ट का झटका, खाली करने होंगे सरकारी घर

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुप्रीम कोर्ट का झटका,  खाली करने होंगे सरकारी घरप्रतीकात्क तस्वीर।

उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को कार्यकाल की समाप्ति के बावजूद सरकारी आवास में बने रहने की अनुमति देने वाले कानूनी संशोधन को आज रद्द कर दिया।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, कानून में संशोधन संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है क्योंकि यह संविधान के तहत प्रदत्त समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। पीठ ने कहा कि यह संशोधन 'मनमाना, भेद- भाव करने वाला' और समानता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला है।

न्यायालय ने कहा कि एक बार कोई व्यक्ति सार्वजनिक पद छोड़ देता है तो उसमें और आम नागरिक में कोई अंतर नहीं रह जाता। शीर्ष अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास में बने रहने की अनुमति देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कानून में किये गए संशोधन को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन की याचिका पर अपना फैसला 19 अप्रैल के सुरक्षित रख लिया था।

न्यायालय ने पहले कहा था कि एनजीओ लोक प्रहरी ने जिस प्रावधान को चुनौती दी है, अगर उसे अवैध करार दिया जाता है तो अन्य राज्यों में मौजूद समान कानून भी चुनौती की जद में आ जाएंगे। एनजीओ ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन , भत्ते और अन्य प्रावधान ) कानून , 1981 में किये गये संशोधन को चुनौती दी थी।

याचिका में न्यास , पत्रकारों , राजनीतिक दलों , विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष , न्यायिक अधिकारियों तथा सरकारी अफसरों को आवास आवंटित करने वाले कानून को भी चुनौती दी गयी है।

साभार : भाषा

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.