जान लेती हताशा : लखनऊ में एक प्रेमी और दो प्रेमिकाओं ने दी जान, देश में हर घंटे 4 लोग कर रहे खुदकुशी

Abhishek PandeyAbhishek Pandey   4 Aug 2017 9:49 PM GMT

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जान लेती हताशा : लखनऊ में एक प्रेमी और दो प्रेमिकाओं ने दी जान,  देश में हर घंटे 4 लोग कर रहे खुदकुशीलखनऊ में रिवर फ्रंट सुसाइड प्वाइंट बनता जा रहा है।

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी में शुक्रवार को एक प्रेमी जोड़े ने प्यार में असफल होने पर ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। वहीं दूसरी ओर एक 19 वर्षीय युवती ने प्रेमी से प्यार में धोखा खाने पर गोमती नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। दोनों ही मामलों में खुदकुशी करने की कोई खास वजह नहीं थी, लेकिन युवा वर्ग खुदकुशी जैसा कदम उठाकर घर परिवार की मान-मर्यादा बचाने का प्रयास करते हैं। भारत में हर एक घंटे में चार लोग खुदकुशी का रास्ता चुन रहे हैं, जिसमें युवाओं की संख्या अधिक है।

भारत में हर साल एक लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में 18,4, 062 लोगों ने खुदकुशी की थी। खुदकुशी करने वालों में 80 फीसदी लोग साक्षर थे। भारत में पिछले 15 वर्षों में हर एक घंटे में चार लोग कहीं न कहीं अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं।

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मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सिंह का कहना है, “संयुक्त परिवारों में बसा हमारा समाज पहले ऐसा नहीं था। चाहे किसानों के संदर्भ में ले लें, चाहे छात्रों के मामले में। मौजूदा वक्त में संयुक्त परिवार खत्म होकर अब एकल परिवार में सिमट गया है, जिसके चलते कोई परेशानी होने पर परिवार के बुजुर्ग से इंसान सुख-दुख की बातें नहीं कर पाता और खुदकुशी की ओर अपने कदम बढ़ा लेता है। घरेलू हिंसा से तंग आकर विवाहिता घर में ही खुदकुशी कर रही हैं।”

वो आगे बताते हैं, “दूसरी ओर युवा आमतौर पर रिश्ते और प्यार में विफल रहने पर ऐसा करते हैं, धोखाधड़ी और सम्बन्ध विच्छेद व्यक्ति को आत्महत्या की ओर ले जा रहा है। यहां तक कि विवाहित जोड़ों के लिए गलतफहमी, आपसी मतभेद और विश्वासघात भी आत्महत्या की वजह है। भयानक शारीरिक बीमारियों के कारण लोग खुदकुशी करते हैं।”

प्यार में परेशान प्रेमी जोड़े ने ट्रेन के आगे आकर दी जान।

वर्ष 2014 के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि खुदकुशी के 15,419 मामले पुरानी और लम्बी बीमारियों से सम्बंधित थे। वर्ष 2014 में मानसिक बीमारियों से पीड़ित 7104 भारतीयों ने खुदकुशी कर ली।

देश में पिछले 15 वर्षों में लगभग 18.41 लाख लोगों ने आत्महत्या की है। एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, किसानों की आत्महत्या के मामलों में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 30 दिसंबर 2016 को जारी एनसीआरबी के रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 में 12,602 किसानों और खेती से जुड़े मजदूरों ने खुदकुशी की है। 2014 की तुलना में 2015 में किसानों और कृषि मजदूरों की कुल खुदकुशी में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई। साल 2014 में कुल 12360 किसानों और कृषि मजदूरों ने खुदकुशी की थी। किसानों के खुदकुशी के मामले में सबसे ज्यादा खराब हालत महाराष्ट्र राज्य की है, जहां साल 2015 में 4291 किसानों ने खुदकुशी कर ली थी। महाराष्ट्र के बाद किसानों की आत्महत्या के सर्वाधिक मामले कर्नाटक (1569), तेलंगाना (1400), मध्य प्रदेश (1290), छत्तीसगढ़ (954), आंध्रप्रदेश (916) और तमिलनाडु (606) में सामने आए। एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों और कृषि मजदूरों की खुदकुशी की वजह कर्ज, कंगाली, और खेती से जुड़ी दिक्कतें हैं।

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प्यार में धोखा खाने में खुदकुशी का रास्ता चुना छात्रा ने

राजधानी के गौतमपल्ली थानाक्षेत्र में शुक्रवार सुबह बीकॉम की एक छात्रा ने सुसाइड नोट लिखकर गोमती में छलांग लगा दी। छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में खुदकुशी की वजह प्रेमी द्वारा धोखा देना लिखा है। प्राइवेट गोताखोरों ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद शव को नदी की गहराई से खोज निकाला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। तालकटोरा क्षेत्र स्थित पुराना टिकैतगंज की रहने वाली अंकिता सिंह (19 वर्ष) पुत्री लक्ष्मी कुमार जय नारायण पीजी कॉलेज में बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा थी। अंकिता शुक्रवार को रोज की तरह कॉलेज जाने की बात कहकर घर से निकली थी, लेकिन कॉलेज न जाकर सीधे 1090 चौराहे पर स्थित गोमती रीवर फ्रंट पहुंच गई। वहां पहुंचते ही अंकिता ने अपना बैग पुल की बाउंड्री पर रखा और गोमती में छलांग लगा दी। पुलिस का कहना है कि छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है जो अंग्रेजी में लिखा था। सुसाइड नोट में अंकिता ने एक लड़के का जिक्र किया है, जिससे वह प्यार करती थी। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि तुमने मुझे धोखा दिया है, यह सदमा मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती। मैं अपनी जान देने जा रही हूं।

प्रेमी जोड़े ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी

हताशा और निराशा ले रही है जान।

राजधानी के हुसैनगंज स्थित वाशिंग लाइन पर शुक्रवार सुबह एक प्रेमी जोड़े की लाश पड़ी मिली। स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला जीआरपी का देख उन्हें जानकारी दी। जीआरपी ने मौके पर पहुंच कर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। एसपी जीआरपी सौमित्र यादव का कहना है कि युवती की पहचान आधार कार्ड के जरिए हुई है परिजनों से सम्पर्क किया जा रहा है।

हुसैनगंज थानाक्षेत्र के सदर स्थित रेलवे की वाशिंग लाइन पर सुबह स्थानीय लोगों ने युवक और युवती के शव पड़े देखे। सूचना हुसैनगंज पुलिस को दी गई। जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और शवों की जांच-पड़ताल के बाद उन्हें कब्जे में करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेजा। एसपी जीआरपी का कहना है कि युवती के पास से आधार कार्ड बरामद हुआ है। जिस पर अनामिका नाम लिखा हआ है जबकि निवास औरैया लिखा है। वहीं लड़के पास से कोई भी पहचान पत्र नहीं मिल सका है। इंस्पेक्टर का कहना है कि जांच की जा रही है कि मामला खुदकुशी का है या फिर कोई हादसा।

आज के युवा बड़ों से अपनी बात साझा करने में डरते हैं और घर के बड़े भी उन्हें समय नहीं दे पाते, जिसके चलते परेशानी के वक्त उनके साथ कोई ऐसा शख्स नहीं होता, जिससे वह अपनी जिंदगी की उलझन साझा कर सके। इसलिए वह अपनी जिंदगी खत्म करना आसान रास्ता समझ रहे हैं।
आलोक चांटिया, अस्सिटेंट प्रोफेसर, केकेसी कॉलेज

मौजूदा समय में न्यूरो की शिकायत लेकर सबसे अधिक हमारे पास युवा वर्ग आता है। उनकी एक ही शिकायत रहती है कि डॉक्टर साहब काम के लोड के चक्कर में रात में नींद नहीं आती है। मरीजों की संख्या में सबसे अधिक युवतियां होती हैं, जिनकी काउंसलिंग कर उन्हें उनकी परेशानी से निजात दिलाने का प्रयास किया जाता है।

अभिनव पाण्डेय, न्यूरोलॉजिस्ट

देश में आत्महत्याओं के वर्ष 2001 से 2015 के आंकड़े

  • क्षेत्र कुल खुदकुशी फेल होने पर खुदकुशी युवाओं की खुदकुशी
  • भारत 1841062 34525 99591
  • मध्यप्रदेश 119085 2262 6577
  • राजस्थान 63803 816 2953
  • उत्तरप्रदेश 5945 1612 3975
  • पश्चिम बंगाल 202897 5878 2377
  • तमिलनाडु 212313 3857 8492
  • केरल 133278 1085 4627
  • महाराष्ट्र 230288 4375 14003
  • बिहार 11538 389 999
  • ओड़ीसा 66947 1105 4409
  • दिल्ली 22856 645 2464

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