नहीं बन पा रही थी माँ, चिता पर जिंदा जलाने की कोशिश

लक्ष्‍मी गांव कनेक्‍शन से बताती हैं, 2001 में उनकी शादी हुई थी। इसके कुछ महीने तक सब सही रहा, लेकिन फिर ससुराल वाले बच्‍चे को लेकर दबाव बनाने लगे। यह बात इतनी बढ़ गई कि आए दिन मारपीट होने लगी।

Ranvijay SinghRanvijay Singh   22 Jan 2019 9:39 AM GMT

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नहीं बन पा रही थी माँ, चिता पर जिंदा जलाने की कोशिश

बिहार के भोजपुर में सोमवार को एक महिला को चिता पर जिंदा जलाने की कोशिश की गयी। महिला के मुताबिक, उसके ससुराल वालों ने यह काम इसलिए किया क्‍योंकि उसे बच्‍चा नहीं हो रहा था। 2001 में उसकी शादी हुई उसके बाद से ही ससुराल वाले बच्‍चे को लेकर दबाव बनाने लगे और इसे लेकर आए दिन मारपीट भी करते थे।

यह घटना भोजपुर के संदेश गांव की है। इस गांव की रहने वाली लक्ष्‍मी देवी सोमवार को गांव के पास ही सारीपुर बालू घाट के पास चिता पर मिली। लक्ष्‍मी बताती हैं, उसे नहीं पता कि वो वहां कैसे आईं। लक्ष्‍मी आरोप लगाती हैं कि उसके पति रविंद्र और सास-ससुर उसके साथ आए दिन मारपीट करते थे।

लक्ष्‍मी गांव कनेक्‍शन से बताती हैं, ''2001 में उनकी शादी हुई थी। इसके कुछ महीने तक सब सही रहा, लेकिन फिर ससुराल वाले बच्‍चे को लेकर दबाव बनाने लगे। यह बात इतनी बढ़ गई कि आए दिन मारपीट होने लगी। मेरी सास हर बात पर मुझसे नाराज रहती थीं और बात बात में ताना मारा करती थीं।''

लक्ष्‍मी से जब पूछा गया कि आप चिता तक कैसे पहुंची या कैसे पहुंचाई गईं। इसपर लक्ष्‍मी कहती हैं, ''उन्‍हें कुछ याद नहीं। वो बेहोश थीं। ऐसे में क्‍या हुआ उनके साथ इस बात की जानकारी नहीं है।''

संदेश थाने के इंस्‍पेक्‍टर अवधेश कुमार सिंह बताते हैं, ''सोमवार को हमें जानकारी मिली कि यहां के सारीपुर बालू घाट के पास एक महिला चिता पर लेटी है। वो बेहोश है। हम लोग आनन फानन में मौके पर पहुंचे और महिला को बेहोशी के हाल में अस्‍पताल पहुंचाया गया। जहां उसने बताया कि उसके पति और सास ससुर ने ये कदम उठाया है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल आरोपी फरार हैं, उनकी तलाश की जा रही है।''

   

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