बेंगलुरु में एयर शो रिहर्सल के दौरान दो विमान आपस में टकराए, एक पायलट की मौत
रिहर्सल के दौरान दो सूर्य किरण एयरक्राफ्ट उड़ान के दैरान क्रैश हो गए
गाँव कनेक्शन 19 Feb 2019 9:50 AM GMT
बेंगलुरु। कर्नाटक के बेंगलुरु में एयर शो के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। येलाहंका एयरबेस में बुधवार से वायुसेना का एयर शो होना था। जिसकी तैयारी को लेकर वायुसेना मंगलवार को ही रिहर्सल कर रही थी और उसी दौरान वायुसेना के दो सूर्यकिरण विमान आपस में टकरा गए और उनमें आग लग गई। हादसे में एक पायलट कि मौत हो गई जबकि दो लोग सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं।
फिलहाल हादसे के पीछे कारण का अभी पता नहीं चल गया है लेकिन यह कहा जा रहा है कि दोनों विमानों में आपस में टक्कर के दौरान हादसा हुआ। फायर सर्विसेस के डीजीपी एमएन रेड्डी ने बताया, " हादसे में एक पालयट की इलाज के दौरान मौत हो गई है। दो घायलों का इलाज जारी है। "
#WATCH Two aircraft of Surya Kiran Aerobatics Team crashed today at Yelahanka airbase in Bengaluru, during rehearsal for #AeroIndia2019. One civilian hurt. Both pilots ejected, the debris has fallen near ISRO layout, Yelahanka new town area. #Karnataka pic.twitter.com/gJHWx6OtSm
— ANI (@ANI) February 19, 2019
पहले भी हो चुका है हादसा
सूर्यकिरण टीम का गठन 27 मई 1996 में हुआ था। सूर्यकिरण के साथ इस हादसे के अलावा और भी हादसे घटित हुए हैं। सूर्यकिरण विमान का इस्तेमाल 2011 में बंद कर दिया गया था लेकिन वर्ष 2015 में पुनः वायुसेना में शामिल कर लिया गया। मार्च 2006 में बीदर एयरबेस के निकट अभ्यास के दौरान विमान क्रैश हो गया था। इस हादसे में स्क्वाड्रन लीडर शैलेन्द्र सिंह और विंग कमांडर धीरज भाटिया गंभीर रुप से घायल हो गए थे। एक सैन्य प्रशिक्षण के दौरान 23 दिसंबर 2007 को विमान HJT-16 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 21 जनवरी 2009 में एक प्रदर्शन के दौरान विंग कमांडर आरएस धालीवाल का विमान क्रैश हो गया था।
Spot visuals: Two aircraft of Surya Kiran Aerobatics Team crashed today at Yelahanka airbase in Bengaluru, during rehearsal for #AeroIndia2019. One civilian hurt. Both pilots ejected, the debris has fallen near ISRO layout, Yelahanka new town area. #Karnataka pic.twitter.com/SaQ5NznTjF
— ANI (@ANI) February 19, 2019
क्या है सूर्यकिरण टीम
सूर्यकिरण विमान एयरफोर्स की एयरोबेटिक्स टीम का हिस्सा है। श्रीलंका से लेकर सिंगापुर तक इसके 450 एयर शो हो चुके हैं। सूर्यकिरण विमान उड़ाने के लिए पायलट को कम से कम 1000 घंटे का अनुभव होना चाहिए। इसमें सिर्फ लड़ाकू फाइटर जेट उड़ाने वाले पायलट ही चुने जाते हैं। इसकी रफ्तार लगभग 150 से 650 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है।
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