केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में निधन, दिल्ली के अस्पताल में चल रहा था इलाज
गाँव कनेक्शन 8 Oct 2020 5:14 PM GMT
लम्बे वक़्त से बीमार चल रहे केन्द्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान (74 वर्ष) का गुरूवार शाम निधन हो गया। उनके बेटे और सांसद चिराग पासवान ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
चिराग पासवान ने अपने पिता के साथ अपनी बचपन की तस्वीर के साथ एक ट्वीट किया, "पापा ... अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। मिस यू पापा...".
बिहार के खगड़िया ज़िले में एक दलित परिवार में जन्मे रामविलास पासवान देश के इकलौते ऐसे राजनेता थे जिन्होंने छह प्रधानमंत्रियों की सरकारों में मंत्रिपद संभाला। अलग-अलग सरकारों में वो श्रम, रेल, संचार, खदान, रसायन और उर्वरक, उपभोक्ता व खाद्य जैसे मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी संभाल चुके थे।
पापा....अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 8, 2020
Miss you Papa... pic.twitter.com/Qc9wF6Jl6Z
केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान पिछले कुछ समय से गुर्दा और दिल संबंधी तकलीफ से पीड़ित थे। लगभग दो महीने से रामविलास पासवान का स्वास्थ्य ठीक नहीं था वो दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे, इस दौरान चिराग पासवान दिल्ली में ही उनके साथ थे। रामविलास पासवान 11 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुए थे। एम्स में दो अक्टूबर की रात को उनकी हार्ट सर्जरी की गई थी।
रामविलास पासवान, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में उपभोक्ता मामलों तथा खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। रामविलास पासवान की गिनती बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के कद्दावर नेताओं में की जाती थी।
उनकी मौत की ख़बर आते ही देशभर में शोक की लहर डूब गयी। सभी ने श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। उनके निधन पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, "केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय तथा सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है। वे वंचित वर्गों की आवाज़ मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे।"
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय तथा सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है। वे वंचित वर्गों की आवाज़ मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे।
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 8, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया और ट्वीट कर लिखा, ''मैं बेहद दुखी हूं, हमारे राष्ट्र में एक निर्वात पैदा हो गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। श्री रामविलास पासवान जी का निधन हमारी व्यक्तिगत क्षति है, मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी खो दिया। वो एक ऐसे इंसान थे जो हमेशा ये सुनिश्चित करने को उत्सुक रहते थे कि हर ग़रीब सम्मानपूर्ण जीवन जी सके।"
I am saddened beyond words. There is a void in our nation that will perhaps never be filled. Shri Ram Vilas Paswan Ji's demise is a personal loss. I have lost a friend, valued colleague and someone who was extremely passionate to ensure every poor person leads a life of dignity. pic.twitter.com/2UUuPBjBrj
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2020
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी। उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।"
रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 8, 2020
उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा, "केंद्रीय मंत्री एवं लोकप्रिय राजनेता राम विलास पासवान जी के निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुःख पहुंचा है। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।"
केंद्रीय मंत्री एवं लोकप्रिय राजनेता राम विलास पासवान जी के निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुःख पहुंचा है। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। https://t.co/sZTRR0iH5N
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 8, 2020
रामविलास पासवान कब-कब कैबिनेट मंत्री रहे
1989- श्रम कल्याण मंत्री
1996- रेल मंत्री
1996- संसदीय मामलों के मंत्री
1999- संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
2001- कोयला और खदान मंत्री
2004- रसायन व उर्वरक, स्टील मंत्री
2014 और 2019- उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय तथा खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री
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