देसी गायों के दुग्ध उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा, दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा 'नंद बाबा पुरस्कार'
देसी नस्ल की गायों के दुग्ध उत्पादन और उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने इनके दूध का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वालों को 'नंद बाबा पुरस्कार' देने का प्रस्ताव मंजूर किया है। इस पुरूस्कार के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में 52.01 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
गाँव कनेक्शन 17 Oct 2018 7:24 AM GMT
लखनऊ। देसी नस्ल की गायों के दुग्ध उत्पादन और उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने इनके दूध का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वालों को 'नंद बाबा पुरस्कार' देने का प्रस्ताव मंजूर किया है। इस पुरूस्कार के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में 52.01 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। संत-महंत योगी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया, "प्रदेश में देसी नस्ल की गायों के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन देने स्वरूप और दुग्ध उत्पादन को लेकर उनके बीच प्रतिस्पर्धा के लिए 'नंद बाबा पुरस्कार' योजना लागू की गई है।"
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योजना के तहत मिलेंगे 1500 लीटर दूध पर 5100-51000 रुपये
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आगे बताया, "देशी नस्ल की गाय के दूध की प्रत्येक विकास खंड, जिला, प्रदेश में सर्वाधिक आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादक को जिसने वर्ष में दुग्ध उत्पादक संघ को न्यूनतम 1500 लीटर दूध की बिक्री की हो, उसे ब्लॉक स्तर पर 5100 रुपये, जिला स्तर पर 21,000 रुपये और प्रदेश स्तर पर 51,000 रुपये का नकद पुरस्कार 'नंद बाबा पुरस्कार' योजना के तहत दिया जाएगा।" इसके अलावा सरकार दुग्ध उत्पादकों को शील्ड और प्रमाण पत्र भी देकर सम्मानित करेगी।
योजना का लाभ उठाने के लिए सहकारी समिति का सदस्य होना अनिवार्य
दुग्ध उत्पादक इस योजना का लाभ केवल तभी उठा सकता है जब वह सहकारी संघ के तहत गठित दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य हो।
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अलग-अलग स्तर पर गठित की जाएगी समिति
मंत्री सिद्धार्थनाथ ने कहा, "उत्पदकों के चयन के लिए विकास खंड स्तर पर विकास अधिकरी, जिला स्तर पर डीएम और प्रदेश स्तर पर मुख्य महाप्रबंधक पीसीडीएफ की अध्यक्षता में चयन समिति गठित की जाएगी।
एक देसी गाय से रोज 2.57 लीटर दुग्ध का होता है उत्पादन
सिद्धार्थनाथ ने बताया, "हमारे उत्तरप्रदेश में भारतीय नस्ल की देसी गायों की संख्या 15,97,8000 है।" उन्होंने बताया, "प्रत्येक देसी गाय रोज 2.57 लीटर दूध का उत्पादन करती है। इस आंकड़े के हिसाब से प्रति वर्ष इन गायों से 45,46000 टन दूध का उत्पादन होता है।"
इनपूट एजेंसी
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