यूपी: जन्म प्रमाण पत्र में हुई गड़बड़ी, कोर्ट ने दिया आदेश, प्रधान-VDO बोले- रंजिश में हुआ केस
Ranvijay Singh 22 Jan 2020 1:09 PM GMT
उत्तर प्रदेश की एक खबर कई न्यूज वेबसाइट्स पर चल रही है। इसके मुताबिक, यूपी के शाहजहांपुर जिले के बेला गांव में दो बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में गड़बड़ी हुई है। बच्चों के अभिभावक ने आरोप लगाया है कि प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी (VDO) ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहले घूस मांगा और न देने पर जन्म प्रमाण पत्र में गड़बड़ी करके बच्चों की उम्र 102 और 104 साल कर दी।
यह खबर और रोचक तब हो जाती है जब अभिभावक पवन कुमार इस मामले को लेकर बरेली के एंटी करप्शन कोर्ट में जाते हैं और कोर्ट इस मामले पर पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश देती है। ऐसे में यह रोचक खबर तमाम न्यूज वेबसाइट पर चल रही है और खूब शेयर भी की जा रही है, लेकिन इस खबर का एक पक्ष और है जिसे कहीं नहीं दिखाया जा रहा। यह पक्ष है प्रधान और VDO का।
बेला गांव के प्रधान प्रवीण मिश्रा और वीडीओ सुशील अग्निहोत्री पर जन्म प्रमाण पत्र के लिए 500 रुपए घूस मांगने का आरोप लगा है। इस आरोप के पीछे वो नई कहानी बताते हैं। प्रधान और वीडीओ का कहना है कि यह मामला रंजिश के तहत किय गया है। साथ ही वो यह आरोप भी लगाते हैं कि बच्चों के अभिभावक की ओर से जन्म प्रमाण पत्र में गड़गड़ी खुद ही की गई ताकि उन्हें फंसाया जा सके।
प्रधान प्रवीण मिश्रा बताते हैं, ''यह मामला रंजिश के तहत उठाया गया है। हमारे गांव में विद्या देवी करके एक कोटेदार होती थीं, मामला उठाने वाले पवन कुमार उनके देवर हैं। जून 2019 में डीएम गांव में आए थे। इस दौरान कोटे की दुकान में काफी गड़बड़ी पाई गई। ऐसे में डीएम ने कोटा निरस्त कर दिया और खुद एफआईआर दर्ज कराते हुए विद्या देवी को जेल भेज दिया। जब डीएम कोटे की दुकान का निरीक्षण कर रहे थे तो मैं और वीडीओ भी वहां मौजूद थे। इस वजह से पवन कुमार को लगा कि हमने कोटा निरस्त कराया है और तभी से वो रंजिश पाल लिया है।''
प्रवीण मिश्रा जून 2019 में डीएम द्वारा की गई जिस कार्रवाई का जिक्र करते हैं उसकी गवाही खबरें भी दे रही हैं। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर इस घटना को लेकर 14 जून 2019 को एक खबर लगी है। इस खबर का शीर्षक है- 'राशन दुकान सील, कोटेदार पर मुकदमा, सचिव को फटकार।' इस खबर से यह तो साबित होता है कि शाहजहांपुर जिले के बेला गांव में डीएम ने कोटेदार पर मुकदमा दर्ज कराया था। यानी प्रधान प्रवीण मिश्रा सही घटना बता रहे हैं।
इसी घटना के बारे में VDO सुशील अग्निहोत्री भी बताते हैं। वो कहते हैं, ''इस घटना के बाद से ही पवन कुमार शिकायत पर शिकायत कर रहा है। इसी कड़ी में यह शिकायत की गई है।'' सुशील बताते हैं, पवन ने अपने भतीजे संकेत का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया था। उस वक्त ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा था तो मैंने मैनुअल ही जन्म प्रमाण बनाया था। मेरी ओर से दो साल का जन्म प्रमाण पत्र ही बनाया गया, जिसमें हेरफेर की गई और उसे 102 साल का कर दिया गया।''
सुशील कहते हैं, ''हम पर यह भी आरोप लगाया गया कि हमने घूस मांगा और न देने पर गलत प्रमाण पत्र बना दिया। यह कितनी अजीब बात है। अगर कोई भी घूस मांगता है तो फिर घूस न मिलने पर प्रमाण पत्र क्यों बनाएगा? वो भी गलत प्रमाण पत्र जिसमें वो फंस सकता हो। यह साफ तौर से रंजिश का मामला है। जहां तक कोर्ट के आदेश की बात है, करप्शन कोर्ट की ओर से हमारा पक्ष सुना ही नहीं गया था और सीधे आदेश दिया गया। हालांकि हमने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया है और अभी कोई केस दर्ज नहीं हो रहा।''
इस मामले में केस न दर्ज करने की बात खुटाल पुलिस स्टेशन के एसएचओ तेजपाल सिंह कहते हैं, ''एंटी करप्शन कोर्ट की ओर से केस दर्ज करने का आदेश आया था, लेकिन आरोपियों की ओर से मामले में हाई कोर्ट से स्टे ले लिया गया है। अब अगली सुनवाई फरवरी में है तब जो आदेश होगा उस हिसाब से कार्यवाही करेंगे।''
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