पहले ही मैच में शून्य पर आउट से निराश सुरेश रैना खाना नहीं खा रहे थे, फिर राहुल द्रविड़ ने जो कहा वह मिसाल है

देश के सबसे चहेते किस्सागो नीलेश मिसरा के साथ क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना ने 'दी स्लो इंटरव्यू' में कई अनकहे, अनसुने किस्से साझा किये। टीम इंडिया के सीनियर्स का व्यवहार कैसा था, राहुल द्रविड़ का रोल क्या था। देखिये और क्या-क्या बता रहे हैं रैना।

Mithilesh DharMithilesh Dhar   2 Sep 2020 12:00 PM GMT

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sureh raina, slow interviewलखनऊ स्थित स्लो कैंपस में सुरेश रैना।

तारीख 30 जुलाई 2005। श्रीलंका का दांबुला क्रिकेट मैदान। त्रिकोणीय सीरीज का पहला मैच भारत बनाम श्रीलंका। टूर्नामेंट में तीसरी टीम थी वेस्टइंडीज। लगभग ढाई महीने बाद टीम इंडिया क्रिकेट के मैदान में थी। सचिन तेंदुलकर घायल होने की वजह से टीम में नहीं थे। नियमित कप्तान सौरव गांगुली पाकिस्तान के खिलाफ स्लो ओवर रेट की वजह से लगे प्रतिबंध की वजह से दो मैचों से बाहर थे। आखिरी वक्त पर वीवीएस लक्ष्मण भी घायल हो गये।

मैच की कप्तानी मिली टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी राहुल द्रविड़ को। द्रविड़ ने उस मैच में उत्तर प्रदेश से आये 18 साल के खिलाड़ी सुरेश रैना को 159 नंबर का कैप देकर प्लेइंग इलेवन में शामिल किया।

उस मैच में वेणुगोपाल राव को भी ओडीआई की जर्सी मिली। गांगुली के न होने की वजह से टीम इंडिया में युवराज सिंह के अलावा बायें हाथ का कोई दूसरा नियमित बल्लेबाज नहीं था, रैना को इसलिए भी तरजीह मिली।

तब श्रीलंका की टीम में कुमार संगाकारा, मार्वन अटापट्टू, महेला जयवर्धने, सनथ जयसूर्या और तिलकरत्ने दिलशान जैसे शानदार बल्लेबाज और मुथैया मुरलीधरन जैसे धुरंधर स्पिनर थे।

वीरेंद्र सहवाग के साथ महेंद्र सिंह धोनी ने पहली बार एकदिवसीय क्रिकेट में पारी की शुरुआत की। धोनी अपना पहला मैच खेल रहे दिलहरा फर्नांडो के शिकार बने और 7 गेंद पर महज 2 रन बनाकर चलते बने। इसके बाद सहवाग (14) और तीसरे नंबर पर आये युवराज सिंह भी कुछ खास नहीं कर पाये और 12 रन बनाकर आउट हो गये। मोहम्मद कैफ भी 8 रन ही बना सके।

'दी स्लो इंटरव्यू' में सुरेश रैना से बात करते नीलेश मिसरा

कैफ के आउट के बाद छठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आये सुरेश रैना। मुथैया मुरलीधरन की पहली गेंद रैना के बाएं पैर में जा लगी और वे स्टंप के सामने पाये गये। साइमन टफल की उंगली उठ गई। तेज हवाओं के साथ पड़ी गेंद को रैना समझ नहीं पाये और बिना खाते खोले वापस लौट गये।

टीम इंडिया 9 विकेट के नुकसान पर 205 रन ही बना सकी। भारत की ओर कप्तान द्रविड़ ने सबसे ज्यादा 54 रन बनाये, लेकिन ये स्कोर श्रीलंकन टीम के लिए छोटा साबित हुआ और भारतीय टीम को मैच में तीन विकेट से हार झेलनी पड़ी।

उस मैच के बाद रैना ने क्या किया, कैसा लगता है जब कोई खिलाड़ी पहले ही मैच पर शून्य पर आउट हो जाये, फिर वह बल्लेबाज कैसे वापसी करता है? यह सब खुद सुरेश रैना ने बताया नीलेश मिसरा के साथ 'दी स्लो इंटरव्यू' में। इस इंटरव्यू को सुरेश रैना ने खुद अपने जीवन का सबसे बेहतरीन इंटरव्यू माना और अपने क्रिकेटिंग करियर के कई दिलचस्च किस्से साझा किये।

पहले मैच में शून्य पर आउट होने के बाद क्या-क्या हुआ, इस बारे में सुरेश रैना कहते हैं, "राहुल भाई ने मुझे रात में ही बता दिया था कि तुम खेल रहे हो। उसके बाद से मैं रात भर सो नहीं पाया, लेकिन मैं पहली ही गेंद पर आउट हो गया और हम मैच भी हार गये।"

"रात को सभी खिलाड़ी खाना खा रहे थे लेकिन मैं नही खा रहा था। मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था। फिर मेरे पास राहुल भाई आये और बोले कि क्या हो रहा है सुरेश। मैं कुछ नहीं बोल पाया। इसके बाद राहुल भाई ने कहा कि अभी तो बहुत इनिंग्स में आउट होगा। अगले मैच में भी जीरो पर आउट हो जायेगा। क्यों परेशन है। मैंने सूना है कि तू यूपी से आया है। तेरा फिल्डिंग का बहुत सुना है। फिल्डिंग करो जरा, हमें भी दिखाओ। फिर मुझे लगा कि यार कप्तान कह रहा है। उससे मुझे जोश मिला। फिर मैंने खाना ,खाया। इसके बाद इरफान पठान ने कहा कि ये कप्तान नहीं, ये भाई हैं। फिर धोनी ने कहा कि चल दिखा जरा, बड़े स्टंप पर थ्रो मारता है तू।" वे आगे बताते हैं।

"फिर मैंने अगले मैच में अटापट्टू को रनआउट किया था। जहीर की गेंद पर फ्लिक करके अटापट्टू रन लेना चाहते थे, मैंने थ्रो सीधा स्टंप पर मारा। फिर द्रविड़ को लगा कि नहीं, मेरे अंदर कुछ जरूर है। फिर उनका मेरे ऊपर विश्वास मुझे सहज सा लगा। फिर मैं समझ गया कि हमारे सीनियर ऐसे हैं कि उनके साथ परेशान होना ही नहीं चाहिए।" रैना कहते हैं।

रैना ने राहुल द्रविड़ की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान किसी से कम नहीं है। रैना ने कहा, ''राहुल द्रविड़ ने 2008 से 2011 तक भारतीय टीम को जीतने में बहुत योगदान दिया। वह एक बहुत मजबूत नेतृत्वकर्ता भी थे और वे बहुत अनुशासित थे।''

धोनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका रवैया हमेशा ईमानदार और नि:स्वार्थ रहा है। वह एक बहुत बड़े कप्तान और बहुत अच्छे दोस्त हैं। वह एक अच्छे इंसान भी हैं, जो हमेशा जमीन से जुड़े रहते हैं, खेती करते हैं और मीडिया व स्टारडम के शोर-शराबों से दूर रहते हुए सुकून से अपनी जिंदगी जीना जानते हैं।

वर्ष 2005 में श्रीलंका के खिलाफ दाम्बुला में डेब्यू करने वाले सुरेश रैना ने 2007 तक लगातार क्रिकेट खेला और अपने आप को टीम इंडिया के वन डे टीम में स्थापित करने में सफल रहे। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और खतरनाक फील्डिंग के लिए जाने जाने वाले इस बल्लेबाज ने द्रविड़, गांगुली, लक्ष्मण, गंभीर, कैफ और युवराज जैसे दिग्गजों के रहते हुए टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर में महत्वपूर्ण जगह बनाई।

सुरेश रैना ने महेंद्र सिंह धोनी के साथ 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। रैना आखिरी बार जुलाई 2018 में भारतीय टीम के लिए खेले थे। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच जुलाई 2010 में श्रीलंका के खिलाफ और पहला टी20 दिसंबर 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था।

'दी स्लो इंटरव्यू' में रैना ने बताया कि उन्हें खाना बनाना भी बहुत पसंद है।

रैना ने भारत के लिए 226 वनडे, 18 टेस्ट और 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। तीनों फॉर्मेट में उनके नाम कुल 7988 रन दर्ज हैं। जिसमें 7 शतक और 48 अर्द्धशतक शामिल हैं। वहीं, उन्होंने आईपीएल में कुल 5368 रन बनाए हैं।

सुरेश रैना अकेले ऐसे भारतीय बल्लेबाज हैं, जिन्होंने वनडे, टेस्ट, टी20 अंतरराष्ट्रीय, वनडे विश्व कप, टी20 विश्व कप, आइपीएल और चैंपियंस लीग टी20 में कम से कम एक शतक जरूर मारा है। यही नहीं वनडे और टी20 विश्व कप में शतक जड़ने वाले भारत के इकलौते क्रिकेटर भी हैं। वहीं, भारत की ओर से टी20 अंतरराष्ट्रीय में शतक लगाने वाले भी पहले खिलाड़ी हैं।

आईपीएल 2020 में सुरेश रैनो के खेलने को लेकर संशय बना हुआ है। कोविड महामारी की वजह से IPL 2020 का आयोजन दुबई में होने वाला है। सभी टीमें वहां पहुंच भी चुकी हैं लेकिन कुछ पारिवारिक कारणों की वजह से रैना वापस भारत लौट आये हैं और आशंका व्यक्त की जा रही है कि वे शायद इस आईपीएल का हिस्सा नहीं होंगे।

आप सुरेश रैना के इस इंटरव्यू को यहां पूरा देख सकते हैं।

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