गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता: केरल हाईकोर्ट
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता संतोष पिछले साल 26 अप्रैल की शाम को गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात भी कर रहा था। उसे तभी पकड़ा गया था।
mohit asthana 17 May 2018 10:30 AM GMT
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है क्योंकि इसके लिए कोई कानून ही नहीं बना है। डिविजन बेंच के जस्टिस एएम शफीक और जस्टिस पी सोमराजन ने यह फैसला दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने ये बात मानी कि गाड़ी चलाते वक्त लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। हाईकोर्ट कोच्चि के रहने वाले एमजे संतोष की तरफ से दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता संतोष पिछले साल 26 अप्रैल की शाम को गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात भी कर रहा था। उसे तभी पकड़ा गया था। सिंगल बेंच के जस्टिस सतीशचंद्रन ने पाया था कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना केरला पुलिस की धारा 184 और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 118 (ई) में अपराध है। हालांकि कोर्ट ने बिना जुर्माने के मामले का निपटारा कर दिया था।
कोर्ट ने पुलिस से कहा कि वह कार्रवाई तभी कर सकता है जब किसी शख्स द्वारा फोन पर बात करने से लोगों की जिंदगी पर खतरा मंडराता हो। यह भी पाया गया कि राज्य पुलिस के कानून में अभी तक ड्राइवर्स को फोन पर बात करने से रोकने के लिए कोई कानून नहीं बना है। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई केस दर्ज करना है तो उसके लिए पहले विधानसभा द्वारा वर्तमान कानून में संशोधन करना होगा। हाईकोर्ट ने जस्टिस सतीशचंद्रन के आदेश को सही माना।
(एजेंसी)
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