समुद्री लुटेरों को सबक सिखाने भारतीय-चीनी नेवी हुए एक 

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समुद्री लुटेरों को सबक सिखाने भारतीय-चीनी नेवी हुए एक व्यापारिक जहाज की मदद के लिए चीन और भारत की नौसेनाएं एक साथ आगे आईं।

नई दिल्ली। कुछ दिनों से भारत और चीन बौद्ध गुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को लेकर भले ही भारत और चीन के बीच आपसी कड़वाहटें बढ़ी हैं, लेकिन अपनी जिम्मेदारियों को लेकर दोनों ही सजग हैं। शायद यही कारण है कि समुद्री लुटेरों से घिरे एक व्यापारिक जहाज की मदद के लिए शनिवार की रात चीन और भारत की नौसेनाएं एक साथ आगे आईं। समुद्री लुटेरों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का सम्मान करते हुए दोनों देशों की नौसेनाओं ने आपसी सहयोग से जहाज को डाकुओं से बचाया और लुटेरों की कोशिश को नाकाम कर दिया। यह घटना अदन की खाड़ी की है।

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सूत्रों ने बताया कि 8 अप्रैल की देर रात उन्हें अदन की खाड़ी में एक विदेशी व्यापारिक जहाज के समुद्री लुटेरों से घिरे होने की सूचना मिली। इस समय भारतीय नौसेना के कुछ जहाज- तरकश, त्रिशूल और आदित्य अदन की खाड़ी से गुजर रहे थे। इन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुसीबत में फंसे उस व्यापारिक पोत को घेर लिया और इस जहाज के कप्तान से संपर्क किया गया।

लुटेरों से बचने के लिए इस जहाज के कप्तान ने नियमों के मुताबिक क्रू मेंबर्स के साथ खुद को स्ट्रॉन्ग रूम में बंद किया हुआ था। कार्रवाई से पहले स्थिति समझने के लिए भारतीय नौसेना के हेलिकॉप्टर रात के अंधेरे में उस जहाज के आसपास के हालात का जायजा लेने लगे। इसके बाद इंडियन नेवी के जवान जहाज के ऊपरी डेक से समुद्री डाकुओं को हटाने की कोशिश करने लगे। सुबह होने तक समुद्री डाकू ऊपरी डेक को छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद भारतीय नौसेना द्वारा सुरक्षा दिए जाने और 'ऑल क्लियर सिग्नल' मिलने पर उस जहाज के क्रू मेंबर्स धीरे-धीरे स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकले। इस कार्रवायी में चीनी नेवी ने भी मदद की।

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