ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू, हसन रुहानी को चुनौती पेश कर रहे हैं कट्टरपंथी धर्मगुरु इब्राहिम रईसी 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   19 May 2017 11:43 AM GMT

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ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू, हसन रुहानी को चुनौती पेश कर रहे हैं  कट्टरपंथी धर्मगुरु इब्राहिम रईसी ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने भी अपना वोट डाला।

तेहरान (आईएएनएस)। ईरान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हो रहा है। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने मतदान पेटी में अपना मत-पत्र डाला। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, खामनेई ने लोगों से बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचकर वोट डालने की अपील की।

उन्होंने कहा किर ईरान में राष्ट्रपति चुनाव महत्वपूर्ण हैं और लोगों को अधिकाधिक संख्या में वोट डालने चाहिए।

ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी की देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोलने और ठहरे आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के प्रयासों को लेकर फैसला देने के लिए आज मतदान शुरू हो गया है। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रुहानी के सामने कट्टरपंथी धर्मगुरु इब्राहिम रईसी (56 वर्ष) की कड़ी चुनौती है, जिन्होंने स्वयं को गरीबों के रक्षक के रूप में पेश किया है और पश्चिम के खिलाफ कड़ा रख अपनाए जाने की अपील की है।

सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने सुबह आठ बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात तीन बजकर 30 मिनट) पर मतदान शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद अपना मत डाला।

इस देश का भविष्य ईरानियों के हाथ में है।
अयातुल्ला अली खामनेई सर्वोच्च नेता (तेहरान में मतदान करने के बाद)

देशभर में मतदान करने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। उदारवादी धर्मगुरु 68 वर्षीय रुहानी ने इस चुनाव को महान नागरिक स्वतंत्रता एवं अतिवाद के बीच चयन के रूप में पेश करने की कोशिश की है। रईसी ने कहा कि वह वर्ष 2015 में वैश्विक शक्तियों के साथ किए गए परमाणु समझौते का पालन करेंगे, जिसके तहत प्रतिबंधों में राहत के बदले ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक की बात की गई है लेकिन उन्होंने निरंतर आर्थिक मंदी का जिक्र करते हुए कहा कि यह इस बात का सबूत है कि रुहानी के राजनयिक प्रयास विफल रहे हैं।

उन्होंने पवित्र शहर मशहद में बुधवार को अंतिम रैली में कहा, ‘‘समस्याओं को सुलझाने के लिए हमारे युवकों के सक्षम हाथों का इस्तेमाल करने के बजाए वे विदेशियों के हाथों में हमारी अर्थव्यवस्था को सौंप रहे हैं।''

इसके जवाब में रुहानी ने मतदाताओं से अपील की कि वे कट्टरपंथियों को ईरान के नाजुक राजनयिक मामलों से दूर रखें। रुहानी ने अपनी मशहद रैली में कहा, ‘‘राष्ट्रपति के एक गलत फैसले से युद्ध छिड़ सकता है और एक सही निर्णय से शांति आ सकती है।'' यह चुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब अमेरिका और ईरान के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है।

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रुहानी को बुधवार को उस समय राहत मिली जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने परमाणु संबंधी प्रतिबंधों को हटाने का समझौता फिलहाल लागू रखने पर सहमति जताई। लेकिन ट्रंप ने समझौते की 90 दिवसीय समीक्षा शुरू की है जिसके बाद समझौते को रद्द भी किया जा सकता है और ट्रंप ईरान के कट्टर क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब से इस सप्ताहांत मुलाकात कर रहे हैं।

               

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