#स्वयंफेस्टिवल : फसल को खेत में जलाना अगली फसल के लिए खतरा

Rishi MishraRishi Mishra   7 Dec 2016 5:33 PM GMT

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#स्वयंफेस्टिवल : फसल को खेत में जलाना अगली फसल के लिए खतराग्राम शुक्लपूर्वा में किसान पंचायत के दौरान किसानों ने दिखाया गांव कनेक्शन के प्रति जोश।

अश्विनी दिवेदी, कम्युनिटी संवाददाता

लखनऊ। स्वयं फेस्टिवल के तहत राजधानी के ग्राम शुक्लपूर्वा में किसान पंचायत का आयोजन बुधवार को किया गया। जहां किसानों को कई जरूरी जानकारियां दी गईं। कृषि विभाग के विजय पाल ने किसानों को जलवायु परिवर्तन के बारे में बताते हुए कहा कि फर्टिलाइजर को संतुलित मात्रा में उपयोग करना चाहिये। फर्टिलाइजर के ज्यादा प्रयोग से एक् तो जलस्तर नीचे चला जाता है और साथ ही मृदा की उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है। खेती पर ग्लोबल वार्मिंग असर पड़ रहा है जितने ग्रीन हाउस गैसेज बढ़ते जा रहे हैं। उतना ही कृषि पर असर पड़ेगा। किसान जो फसले खेत में जला रहे है ये फसल के अगले उत्पादन और मृदा को नुकसान पहुचाते है।

किसानों को कृषि विभाग के विशेषज्ञों दी जरूरी जानकारियांं।

कृषि विभाग के विजय पाल ने बताया की फसल बोने से पहले भूमि और बीज को शुद्ध किया जाता है भूमि को शुद्ध करने के लिए एक एकड़ जमीन में एक किलो ट्राइकोडर्मा को 25 किलो गोबर की सडी हुई खाद में मिलाकर पुरे खेत में फ़ैलाने के बाद खेत की जुताई करनी चाहिए ।साथ ही बीजो की शुद्धि भी करनी चाहिये गेहू की बीज की शुद्धि के 100 किलोग्राम गेहू को जमीन पर फैलाकर उस पर हल्के पानी का छिड़काव करना चाहिये और उसके बाद 300 ग्राम थीरम पाउडर का छिड़काव करके गेहू को पाउडर के साथ मैश करके बीज शुद्धि करनी होती है जिसके बाद फसल गारंटीड अच्छी होगी । शुक्लन पुरवा गाव के संतोष शुक्ल ने पूछा की यहां दीमक का प्रकोप ज्यादा है जिस पर कृषि विभाग के विजय ने ट्राइकोडर्मा दवाई प्रयोग करने की सलाह दी।

कृषि विभाग को बांटा गया कृषि साहित्य।

पशुचिक्तिसा अधिकारी डॉ सुरेश ने बताया कि जानवरो की 50 प्रतिशत बीमारी खान पान वजह से होती है रखा जाए यदि पशुओं का गर्भाधान सही नस्ल के साँड़ से या कृतिम गर्भाधान द्वारा कराया जाए और जानवरो का सही समय पर टीकाकरण कराये तो जानवरो में बीमारी होने के चांस 70 से 80 से फीसदी कम हो जाता है। कृषि विभाग के अभिषेक मौर्या ने छोटे किसानों के लिए नाबार्ड की तरफ से चल रही योजना केरी लोन के बारे में बताते हुए कहा कि 10 गाय या भैस को पालने के लिए सरकार 10 लाख रूपये का लोन भी देती है जिसमे लाभार्थी को 25 प्रतिशत मार्जिन मनी जमा करनी पड़ती है तथा 25 प्रतिशत अनुदान नाबार्ड द्वारा दिया जाता है।किसानो के लिये यह योजना बहुत ही उपयोगी है डॉ सुरेश कुमार , पशु विभाग से इन्होंने पषुपालन से सम्बंधित सभी जानकारिया दी। देशराज शुक्लनपुर्वा से है , इन्होंने अपने गाय और बछड़े से सम्बंधित प्रश्न पूछे , इन्होंने पूछा की कैसे पता करेंगे की जानवर के पेट मे कीड़े हैं। इसका जवाब देते हुए डॉ सुरेश ने बताया कि आप समय समय से टीकाकरण करवाये और उनके गोबर की जांच कराते रहे। अगर गोबर मे बदबू आती है या आँखों मे कीचड़ आये तो उसका समय पर उपचार करे। साथ ही साथ इन्होंने गलाघोटू बीमारी की भी जानकारी ली।

 

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