गाँव से मंत्री बनने तक का सफर: यूपी के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का ख़ास इंटरव्यू

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जलशक्ति मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की पहचान बीजेपी में बड़े नेता के तौर पर की जाती है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर यूपी में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र देव की बड़ी भूमिका रही है। उनके पास संगठन के साथ-साथ सरकार के काम काज संभालने का भी अच्छा अनुभव है। मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र कहे जाने वाले स्वतंत्र देव सिंह से पानी, गाँव और नई योजनाओं पर विस्तार से हुई बातचीत का अंश -

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आपका गाँव से गहरा सम्बन्ध रहा है, कुछ अपने बारे में बताइये कैसे गाँव से निकल कर मंत्री बनने तक का सफर पूरा किया ?

मेरा जन्म मिर्जापुर में हुआ, आठवीं तक की शिक्षा गाँव के स्कूल में ही हुई, फिर कक्षा नौ से कालपी आ गया। यहाँ अलग भाषा और अलग परिवेश, अलग खानपान, बुंदेलखंड का अलग खानपान है यहाँ लोग चावल पसँद करते थे वहाँ लोग रोटी सब्जी खाते थे।

फिर 1986 में संघ के संपर्क में आने के बाद जीवन में एक बदलाव आया, संघ का प्रचारक, संगठन मंत्री जैसे पदों पर रहा। अगर देखा जाए तो मेरा जीवन बहुत संघर्ष भरा रहा, संघर्ष का मतलब जो अनुभव रहा वो बहुत कठिन रहा। जब मैं संघ विस्तारक था तो अगर तीन घर भोजन पूछने वाला था तो काम चल जाता, अगर किसी ने नहीं पूछा तो हम ऐसे ही गाँव की पगडंडियों, बैल गाड़ियों के रास्तों से गुजरते थे।


भिंड, मुरैना मेरा क्षेत्र था, तब वी पी सिंह यहाँ के मुख्यमंत्री थे, अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उस समय हम साइकिल से 30-35 किमी तक सफर करते थे , तब आनंद आता था। कई बार ऐसा होता था कि भोजन नहीं मिलता था, ऐसी कठिन परिस्थितियों में कानपुर में भी रहा। कानपुर में तो एक ऐसा वाकया हुआ एक आदमी ने हमें अपने यहाँ भोजन पर आमंत्रित किया, उनके यहाँ गए और जैसे ही भोजन की थाली आयी उनके पिता ने उठा दिया कि इतने बड़े-बड़े लोग हैं, इन्हें कैसे जानते हो। फिर उन्हें पता चला कि हम कौन हैं तो तीन दिन बाद फिर भोजन पर बुलाया। ऐसी तमाम परिस्थितियों से मैं गुजरा हूँ। तभी तो आज यहाँ पर पहुँचा हूँ।

जल जीवन मिशन से घर-घर पहुँच रहा साफ पीने का पानी

जल जीवन मिशन मोदी जी का एक महत्वपूर्ण मिशन है, जिसे 2024 तक हम लोगों को पूरा करना है। उत्तर प्रदेश के अंदर पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी है, उसकी समय-समय पर पानी की जाँच करनी होती है। आज हम डेढ़ करोड़ से अधिक घरों में पीने का साफ पानी पहुँचा रहे हैं और 2024 तक हम सभी पंचायतों को इससे जोड़ देंगे।

पिछले सत्तर वर्षों में बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में जो लोग तरसते थे कि मेरे घर तक पानी आ जाएगा कि नहीं आएगा, ट्रेन से पानी आता था, आज बुंदेलखंड के सभी घरों में लगभग पानी पहुँच गया है। कहीं 80% से 82% तो कहीं 96% तक पानी पहुँच गया है। जो पिछले 70 वर्षों में नहीं हो पाया था, उसे मोदी जी ने पिछले कुछ वर्षों में कर दिखाया है। यही नहीं साल 2024 तक हर घर जल पहुँचा देंगे और सबसे बड़ी बात मोदी-योगी की सरकार ने सभी घरों में शुद्ध जल पानी पहुँचाने का संकल्प लिया है।

जाहिर सी बात है कि अगर लोगों के घरों तक शुद्ध जल पहुँच रहा ये बहुत महत्वपूर्ण है।

बाढ़ग्रस्त ज़िलों की बदली स्थिति

दूसरा बाढ़ के क्षेत्र में देखिए, मोदी-योगी जी नेतृत्व में जो परियोजाएँ बन रहीं हैं, इनके कारण आज गाँव बाढ़ से सुरक्षित हैं। आज गाँव भी सुरक्षित हैं और लोग भी सुरक्षित हैं। और लगभग 100 साल का बाढ़ का रिकॉर्ड टुटा है जिसके कारण न्यूनतम नुकसान हुआ। आज माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में लगभग एक करोड़ 74 लाख लोग बाढ़ से सुरक्षित हैं।


पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, महराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, बलिया जैसे ज़िले भयंकर बाढ़ से प्रभावित रहते थे। लेकिन अब बाढ़ के लिए चल रहीं परियोजनाओं के चलते ये सभी सुरक्षित हैं।

अब किसानों के लिए उनके खेत तक पानी पहुँचाया जा रहा है, पाँच किमी तक की कई नहरें हैं, यहाँ से हमें काशी, आजमगढ़ और बलिया जैसे ज़िलों तक पानी पहुँच रहा है। फिर भी खेत तक पानी पहुँचता रहे, इसके लिए हम दिन रात मेहनत करते हैं।

आज जल स्तर तो बढ़ा ही है, साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी मिल रहा है।

आम लोगों को जागरूक होना होगा

जैसे घर का पानी घर में, खेत का पानी खेत में और खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़, जिसके कारण जल संचय की योजना है हमारी, जिससे हमारा जलस्तर सुदृढ़ हुआ है। चेक डैम बनाए जा रहे हैं तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, इसके कारण हमारा काम आगे बढ़ रहा है। इसके साथ नलकूप का भी निर्माण हो रहा है।

वाटर हार्वेस्टिंग के लिए रूफ टॉप टैंक बनाए जा रहे हैं, जिसके कारण जल संचयन की प्रणाली विकसित हो रही है।


मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना से गहरे, मध्यम और उथले पंपों का निर्माण हो रहा है। जिस से स्वच्छता अभियान चलाया गया उसी तरह से जनता जनार्दन इस जल आंदोलन से जब तक नहीं जुड़ेगी तब तक हम इस आंदोलन को प्रगति पर नहीं ले जा पाएँगे। इसलिए स्वच्छता मिशन और जल जीवन मिशन से जुड़ना होगा।

योजनाओं की जानकारी के लिए चलाए जा रहे जागरुकता अभियान

सभी नहर की टेल पर चौपाल लगाई जाती है, हेलो किसान भी चल रहा है और ट्यूबवेल से जो किसान जुड़े हुए हैं उनको भी समय-समय पर जागरूक किया जाता है। ट्यूबवेल और टेल पर चौपाल लगाई जाती है। आज हमारी कोशिश है कि 2047 तक पानी की क्या स्थिति होगी उस पर काम करना होगा। पीने के लिए पानी मिलेगा या सिंचाई के लिए कितने पानी की ज़रूरत होगी, इसके लिए योजना, परियोजना हम लोग कैसे बना सकते हैं । 2023 में हमारी क्या स्थिति होगी और 2047 में क्या स्थिति रहेगी उस समय हम पीने के लिए और खेत के लिए पानी कैसे उपलब्ध करा सकते हैं ये भी देखना है।

हमारे सभी तालाब की बात आती हैं, तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए या पानी बचाने के लिए स्कूल में बच्चों को अवेयर करने की जरुरत है।

सभी आंगनबाड़ी में टंकी और नल का शुद्ध पानी हर जगह पहुँच रहा है इसकी चिन्ता अब ना करें।

अपको हमेशा एक बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है, संगठन या फिर पार्टी को लेके उनके बारे में आप का क्या कहना हैं?

युवाओं को भी राजनीति में आना चाहिए

देखिए बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं, जैसे कि रैलियां, सदस्यता अभियान जैसी जिम्मेदारियों को निभाता आया हूँ। बहुत से ऐसे नेता होते हैं जो गरीबों के दर्द को समझ सकते हैं। एक गरीब को पूरी सुविधा दें, जाने उसकी आवश्यकता क्या है।

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में रेहड़ी पटरी वालों की मदद करना, लोगों को आत्मनिर्भर बनाना, करोड़ों लोगों को मुफ्त में राशन उपलब्ध कराना। ऐसे ही बहुत सारे काम किए गए हैं।


कठिन परिस्थितियों में भी दोनों सरकार आम लोगों के साथ खड़ी रहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता एक मिशन के लिए कार्य करते हैं।

उनका जो विजन हैं एक मिशन है, उसी के लिए काम करते हैं। राजनीति व्यापार नहीं हैं मिशन है, उनका सपना है कि मेरी माँ उच्च स्थान पर बैठे जो पूरी दुनिया को दर्शाए और पंक्ति के आखिरी व्यक्ति को मान सम्मान मिले। भरपूर भोजन मिले, रहने के लिए छत मिले। मोदी जी शिक्षा, चिकित्सा सब फ्री करते जा रहे हैं।

आज दलित समाज से आदिवासी समाज से लोग उच्च पद पर बैठे हैं, आदिवासी बहन जी राष्ट्रपति के पद पर हैं। आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक अगर कोई चिंता कर रहा है तो भारतीय जनता पार्टी कर रही है और सभी समाज को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। कोई काम कर रहा है तो भारतीय जनता पार्टी है।

एक समय अमित शाह जी यहाँ प्रभारी थे, हम लोग तीसरे नम्बर की पार्टी रहे हैं और जब हम प्रभारी बने और लोक सभा में चुनाव हुआ तो हम पहले नंबर पर आ गए।


आज लोग सत्ता में हैं, सभी कार्यकर्ता का परिश्रम पराकाष्ठा जनता जनार्दन का आर्शीवाद है। सीताराम जी का आर्शीवाद है और भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आती है। गरीबों की सेवा के लिए गरीबों के कल्याण के लिए कार्य करती है, इसलिए आप देखेंगे की युवा बड़े पैमाने पर बीजेपी से जुड़ते हैं।

युवाओं के सामने एक मिशन हैं 2047 कैसा हो, जिस देश के युवा ज्ञानी होंगे, ईमानदार होंगे, पढ़े-लिखे होंगे और मातृभूमि से प्यार करेंगे वो आगे बढ़ेगा ही । जातिवाद, परिवारवाद, व्यक्तिवाद, क्षेत्रवाद से दूर रहे हैं। जो स्वामी विवेकानंद , क्षत्रपति शिवा जी , महाराणा प्रताप और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच थी उसपर चलने पर यकीन रखते हैं।

ऐसे लोगों ने जो तपस्या की है, हर युवा उस रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। ऐसा ही एक किस्सा है, एक युवा मुझसे मिला जिसकी सोच बताता हूँ। वो युवा फरीदाबाद से था उसने कहा कि अंकल क्या रखा है, अच्छी थाली में भोजन, अच्छे अच्छे कपड़े पहनने से, बड़े बड़े महलों में रहने से अच्छी अच्छी गाड़ी चलाने से क्या होगा। उसने आगे कहा बस राधा रानी के हमारे ठाकुर जी के दर्शन हो जाए, इसलिए बरसाना आया हूँ।

आज के युवा इस देश के बारे में इस मातृ भूमि के बारे में सोच रहे हैं। इसी कारण तो वो युवा मोदी जी के साथ खड़े हैं।

2047 में भी हम नंबर वन होंगे, हमारी आर्थिक स्थिति नम्बर वन पर होगी, इसलिए बड़े पैमाने पर युवा भी बीजेपी से जुड़ रहे हैं।


नौकरी करना बिजनेस करना ठीक है, लेकिन राजनीति से भी युवाओं को जुड़ना चाहिए। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी वंशवाद की पार्टी नहीं है। एक युवा को भी देश चलाना है तो उसको भारतीय जनता पार्टी से जुड़ना चाहिए सक्रिय राजनीति से जुड़ना चाहिए।

हर ज़िम्मेदारी अच्छे से निभायी

शुरू से ही रहा है कि जिस दायित्व पर बैठा हूँ, उसको दिल से जोड़ा और ईमानदारी से निभाता चला गया। जब नई-नई सरकार बनी थी परिवहन मंत्रालय का विभाग मिला था तो सबसे पहले भ्रष्टाचार धीरे धीरे बंद हुआ। अपने आप विभाग के कर्मचारी समर्पण भाव से परिश्रम करने लगे।

विभाग के नीचे के कर्मचारी से लेकर ऊपर के अधिकारियों ने अगर तय कर लिया है कि विभाग ईमानदारी से चलाना है तो विभाग अपने आप नम्बर एक पर आ जाएगा, लेकिन जो प्रेरणा मैं देता हूँ स्वयं से सीखा है, वही मैं अधिकारियों के बीच में रखता हूँ।

भाई विभाग इसलिए नहीं हैं कि उसे कोई खोखला कर दे। ये विभाग गरीबों की सेवा करने के लिए बनाये गए हैं ।

आज सिंचाई विभाग है, तो इसलिए बना है कि सभी मिलकर काम कर रहे हैं। टेल तक पानी कैसे पहुंचे ये मेरा प्रथम कर्तव्य और दायित्व है। इसीलिए विभाग के सभी कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करना पड़ेगा। ताकि नहर की सफाई होती रहे, टेल तक पानी रहे, पाइप लाइन बिछे और पाइप लाइन जो बिछे वो अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए। अगर साफ पानी मिलेगा तभी लोग बीमारियों से मुक्त रहेंगे।

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