इनसे सीखिए मछली पालन का तरीका, पालते हैं देसी किस्म की मछलियां
Mohit Shukla 20 July 2019 1:48 PM GMT
सीतापुर (उत्तर प्रदेश)। अमेरिका में ग्यारह साल नौकरी कर के वापस अपने गाँव में पांच एकड़ जमीन पर नौ तालाब बना कर आधुनिक विधि से मछली पालन शुरू किया है। आज सालाना लाखों का टर्न ओवर करते हैं। यही नहीं वो इसके साथ ही जल संरक्षण को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मिश्रिख ब्लॉक के सिद्दीकपुर गाँव के चीनू खान लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वर्ष 1991 में अमेरिका चले गए इसके बाद 2007 में अमेरिका से नौकरी छोड़ने के बाद अपने वतन वापस आकर के चीनू खान मूंगफली, गेहूं, धान, मसूर आदि की खेती बाड़ी करते थे।जिसे
चीनू खान बताते हैं, "गेहूं, धान, मूंगफली की खेती में जब फायदा नहीं हुआ तो साल 2016 में मछली पालन शुरू किया, जिसमें काफी फायदा हुआ।" आज चीनू खान के पास 9 तालाबों में देसी प्रजाति के करीब साढ़े बारह लाख मछलियों के बच्चे हैं।
ऐसे करें मछली पालन, होगा ज़्यादा मुनाफा
चीनू खान बताते हैं, "किसान भाइयों को देशी मछलिया रोहू, कतला, मृगल प्रजाति को पालना चाहिए जो महज तीन से चार सौ रुपये किलो के हिसाब से बीज मिलता है। ये प्रजाति की मछलियां बहुत तेजी से बढ़ती है। इनका भोजन कोई विशेष नहीं होता है, बहुत आसानी से पाली जा सकती है।
मछली पालन के किये ऐसे तैयार करें तालाब
कृषक भाई मछली पालन करने से पहले जमीन की मिट्टी का परीक्षण अवश्य करें इसके लिए जहां तालाब बनाना है उस स्थान की मिट्टी निकाल कर गोला तीन इंच व्यास बनाकर उसे बेलनाकार घुमा कर 5-6 इंच तक बढ़ा इस दौरान अगर नहीं टूटे तो यह स्थान तालाब के लिए अच्छा है।
तालाब खुदाई करते समय इन बातों का रखें ध्यान
तालाब ज्यादा लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात 1:2-3 होना चाहिए। तालाब की लंबाई पूरब से पश्चिम दिशा में होनी चाहिए, जिसके कारण हवा का बहाव होने से आक्सीजन की मात्रा अधिक रहती है। तालाब की गहराई उतनी होनी चाहिए जहां सूर्य की रोशनी पहुंच सके। जहां पानी का साधन हो वहां तालाब की गहराई से 4-6 फीट रखी जा सकती है।
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