जम्मू: धान रोपाई के लिए नहीं मिल रहे मजदूर, किसानों दी जा रही नई तकनीक की जानकारी

किसान जीरो टिलेज मशीन से धान की सीधी बुवाई कर सकते हैं। इस तकनीक से रोपाई और जुताई की लागत में बचत में होती है व फसल भी समय से तैयार हो जाती है।

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रविंदर श्रीवास्तव, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

जम्मू(जम्मू-कश्मीर)। इस समय अधिकतर प्रदेशों में खरीफ के धान की रोपाई चल रही है, जम्मू के कई गाँवों में धान रोपाई के लिए मजदूर न मिलने पर कृषि अधिकारी किसानों को धान बुवाई की नई तकनीक के बारे में बता रहे हैं।

जम्मू के आरएसपुरा के किसान इन दिनों धान की रोपाई में जुटे हैं, वहीं कृषि विभाग के सहयोग से किसानों ने डायरेक्ट सीड ड्रिल मशीन से धान की फसल की बिजाई नई तरीके से करना शुरू कर दिया है। किसानों के मुताबिक इस नई तकनीक से उन्हें भरपूर फायदा मिल रहा है एक तरफ कोविड-19 की मार से जहां लेबर नहीं मिल पा रही है वही नई तकनीक से उन्हें फायदा पहुंच रहा है इस तकनीक के जरिए किसानों को पानी की भी लगाने की जरूरत नहीं है।

किसानों का मानना है कि अगर इस बार अच्छा उत्पादन मिला तो हम हर बार धान की बुवाई ऐसी ही करेंगे।


कृषि प्रसार अधिकारी परमजीत सिंह कहते हैं, "हमारी तो पूरी खेती बाहर के मजदूरों से ही होती है, अगर मजदूर ही नहीं होंगे तो हम कैसे खेती करेंगे। कृषि विभाग डायरेक्ट सीड ड्रिल मशीन पर सब्सिडी भी दे रहा है। इसका फायदा है कि इसमें पानी भी कम लगता है और धान की सीधी बिजाई हो जाती है।"

धान की खेती में नर्सरी से लेकर रोपाई में समय भी ज्यादा लगता है और खर्च भी। ऐसे में किसान जीरो टिलेज मशीन से धान की सीधी बुवाई कर सकते हैं। इस तकनीक से रोपाई और जुताई की लागत में बचत में होती है व फसल भी समय से तैयार हो जाती है, जिससे अगली फसल की बुवाई सही समय में हो जाती है। धान की सीधी बुवाई उचित नमी और खेत की कम जुताई करके या फिर खेत की जुताई किए बिना ही आवश्यतानुसार खरपतवारनाशी का प्रयोग कर जीरो टिलेज मशीन से की जाती है।


कृषि विभाग के अधिकारी रोशन लाल भगत कहते हैं, "इस नई तकनीक से किसानों की धान की बिजाई में खर्चा काफी कम हुआ है वह क्षेत्र के अनेक किसानों को इस तकनीक को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने की जरूरत है। विभाग द्वारा इस मशीन को लेने वाले किसानों को 20% सब्सिडी दी जा रही है।

प्रवासी मजदूर ना मिलने के कारण आर एस पुरा के सीमावर्ती किसान ड्रिल मशीन के माध्यम से धान की रोपाई करने में जुटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते सभी मजदूर अपने घरों में चले गए हैं ऐसे में वह ड्रिल सीड मशीन के माध्यम से अपनी फसल लगा रहे हैं। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी किसानों को फसल लगाने बारे जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को प्रवासी मजदूरों की भी जरूरत नहीं होगी।


     

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