बरसात में गांव से निकलना हो जाता है मुश्किल, चारपाई पर लादकर ले जाते हैं मरीज

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मनीष वैद्य, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

देवास (मध्य प्रदेश)। "हमारे गांव से सरकारी अस्पताल तो सिर्फ दो किलोमीटर दूर है लेकिन अगर बारिश के मौसम में कोई बीमार हो जाए, या किसी महिला को बच्चा होना हो तो उसे चारपाई पर लादकर ले जाना पड़ता है क्योंकि सड़क ही नहीं है। एक दो बार तो रास्ते में ही प्रसव हो चुके हैं।" मध्य प्रदेश के झीरी गांव की सुमन बाई बताती हैं।

सुमन बाई का गांव मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 150 किलोमीटर है और देवास जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर है। लेकिन उनके गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती। एंबुलेंस और चार पहिया वाहन तो दूर बरसात के सीजन में दोपहिया (बाइक) भी नहीं जा पाती। गांव तक सड़क न होने को वो गांव की सबसे बड़ी समस्या बताती हैं।


'राजस्व ग्राम घोषित न होने की वजह से गांव में नहीं पहुंची योजनाएं'

गांव की ऐसी हालत क्यों है। इसपर ग्राम पंचायत सचिव अरविंद व्यास कहते हैं, "झिरी राजस्व ग्राम घोषित नहीं हो पाया है। जिस वजह से शासन की ज्यादातर योजनाएं इस गांव में नहीं पहुंच पाई हैं। यही वजह है कि अभी तक यहां पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। वह आगे बताते हैं कि सरकारी नियमों के मुताबिक झिरी गांव वन और पर्यावरण विभाग के अंतर्गत आता है इसलिए यहां किसी भी तरह के निर्माण पर वन विभाग का हक है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है झिरी ग्राम वन विभाग के अंदर आता है लेकिन जहां रास्ता बनाने की बात हो रही है वह राजस्व क्षेत्र में आती है।"

झिरी में प्राथमिक स्कूल तक ही शिक्षा की व्यवस्था है। इसके बाद बच्चों को पढ़ाई के लिए अम्बापानी या बागली जाना होता है। कच्ची सड़क पर कीचड़ की वजह बच्चों का स्कूल जाना प्रभावित होता है और उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। ग्रामीणों ने इसके लिए कई बार प्रशासन को आवेदन किया। लेकिन प्रशासन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं कर सका।


सुमन बाई कहती हैं कि हम एसडीएम बागली के पास शिकायत करने गए थे। एसडीएम साहब ने बोला कि सीओ साहब के पास जाओ। साहब ने आश्वासन दिया है कि अधिकारियों को जल्द गांव में स्थिति को देखने के लिए भेजेंगे । इससे पहले भी कई बार शिकायतें की है।

अधिकारियों को दे दिया समस्या सुलझाने का निर्देश

इस समस्या को लेकर जब गांव कनेक्शन ने बागली तहसील के एसडीएम अजित श्रीवास्तव से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि ग्रामीण मेरे पास सड़क के लिए आवेदन लेकर आया था। मैंने वन विभाग के अधिकारियों से इस मामले पर बात करने के बाद तत्काल सीओ बागली और ग्राम प्रधान अम्बापानी को समस्या सुलझाने का निर्देश दे दिया था। अब तो वहां काम भी शुरू हो चुका है।


   

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