चर्बी घटाने या सेक्सुअल हेल्थ ठीक रखने के लिए बंद कीजिये कुछ भी खाना, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

आजकल सोशल मीडिया पर कई वीडियो और पोस्ट वायरल होते हैं, जिनमें बताया जाता है कि क्या खाएँ और क्या न खाएँ; इनको देखकर लोग ऐसा ही करते हैं, जिससे कई बार नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। गाँव कनेक्शन के ख़ास कार्यक्रम गाँव पॉडकास्ट में आहार विशेषज्ञ डॉ नेहा मोहन सिन्हा ने बताया कब और क्या खाना चाहिए।

Manvendra SinghManvendra Singh   20 March 2024 8:09 AM GMT

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कहते हैं हम जो खाते हैं वैसे ही बन जाते हैं; मतलब अच्छा खाएंगे तो नींद अच्छी आएगी, स्वस्थ रहेंगे, दिमाग भी तेज़ चलेगा, लेकिन क्या अच्छा है और क्या बुरा इसका पैमाना सब पर बराबर लागू होता है क्या? इन सभी सवालों के जवाब आहार विशेषज्ञ नेहा मोहन सिन्हा ने गाँव पॉडकास्ट के शो पर बड़े विस्तार से दिए हैं।

क्या होती है डाइट?

डाइट जो हम खाते हैं या जो हम अच्छा खाते हैं उसको डाइट कहते हैं, इसमें एक चीज़ ध्यान देने की हैं हमारी डाइट बैलेंस होनी चाहिए। इसमें माइक्रो न्यूट्रिएंट्स यानी वो तत्व जो हमारे शरीर को ज़्यादा मात्रा में चाहिए होते हैं। जैसे कि कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स और फैट और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स। जो हमारे शरीर को कम मात्रा में चाहिए होते हैं लेकिन वो शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं जैसे की विटामिन्स और मिनरल्स ये सब हमारी डाइट में होने चाहिए। तभी वो बैलेंस डाइट होगी।

कुछ दिनों में चर्बी घटाएँ - क्या ऐसी दवाएँ सच में काम करती हैं?

इतने सालों से जो मेहनत मशक्क़त करने के चर्बी जमा की है उसको कुछ दिनों में नहीं घटाया सकता है। अगर कोई ऐसा दावा करता है तो वो किसी न किसी दवा या सप्लीमेंट का हेल्प लेता है। ये सप्लीमेंट या दवा जब तक आपको वो पता नहीं की वो है क्या तब तक नहीं लेना चाहिए। क्योंकि कहीं न कहीं वो अभी तो आपका वजन कम करवा देगा; लेकिन बाद में वो आपको किस तरह तक़लीफ़ देगा ये आप भी नहीं जानते।

ये बहुत ज़रूरी है की आपकी जो चर्बी घट रही हो वो खाते पीते घट रही हो और सही तरीके से घट रही हो। और वो चर्बी ऐसे घटे की वो वापस न आये। मेरे जानने में भी बहुत से लोगों ने ऐसे प्रोडक्ट्स इस्तेमाल किए हैं और उनको भी आगे चल कर तक़लीफ़ हुई है।


एक मैंने लीवर डिस्फंक्शन के पेशेंट को हैंडल किया था; जिसने करीब 8 महीने पहले ऐसा कुछ लिया था और मेरे पास 19 से 20 साल का एक लड़का आया था। उसने जिम ज्वाइन किया था वहाँ उसको वजन बढ़ाने के लिए डब्बा दिया गया, जिसके बाद उसके लीवर ने काम करना बंद कर दिया और उसको इन्सुलिन के इंजेक्शन लगते हैं और उसे मधुमेय की बीमारी हो गई। सोचिये एक 19 से 20 साल के बच्चे को मधुमेय हो गया।

जिम जाने वाले युवाओं में प्रोटीन को लेकर उत्साह रहता है तो उन्हें कितना प्रोटीन लेना चाहिए?

आज कल व्हेय प्रोटीन का नाम बहुत लिया जाता है, जब हम दूध को फाड़ते हैं तो उसमें से पनीर अलग हो जाता है। लेकिन उसके बाद जो पानी बचता है वो ही आपका व्हेय प्रोटीन होता है। उसी को सूखा कर डब्बे में बंद करके लोग बेचते हैं। व्हेय प्रोटीन का बायोलॉजिकल वैल्यू बहुत अच्छा माना जाता है।


लेकिन एक स्कोप प्रोटीन में करीब 22 से 24 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है, आपके लिए उतना प्रोटीन ठीक है; जितना आपकी बॉडी डाइजेस्ट और अब्सॉर्ब कर ले रही है उससे ज़्यादा खाएंगे तो बॉडी उतना ही प्रोटीन लेती है, जितना उसको ज़रुरत होती है। उसके अलावा आपकी किडनी एक्सक्रीट कर देती हैं और अगर किडनी किसी भी वजह से एक्सक्रीट करने में सफल नहीं हो पाती तो यही प्रोटीन यूरिक एसिड के फॉर्म में जगह जगह जमा हो जाता है।

क्या सुबह दूध पीने से पेट ख़राब होता है?

दूध पीने से पेट ख़राब ज़्यादातर उन लोगों को होता है जिनको लैक्टोज असहिष्‍णुता होती है और खाली पेट दूध गैस ज़रूर पैदा करता है तो इसके लिए हम अक्सर लोगों को यही सलाह देते हैं कि दूध लेने से पहले आप कुछ खा लें। लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ ही लोगों के साथ होता है क्योंकि हमने और हमारे बच्चों ने भी सुबह उठते ही सबसे पहले दूध ही पिया है।

विटामिन डी शरीर के लिए कितना ज़रूरी है?

इसको सनशाइन विटामिन भी कहते हैं जो हमारी स्किन की ऊपरी परत होती है ,जिसे हम एपिडर्मिस कहते हैं वो सनशाइन को अब्सॉर्ब करके उसको कंपाउंड में हमारे लिवर में वो कन्वर्ट करती है। जो हमारी किडनी में जाता है जहाँ उसे वो विटामिन D के एक्टिव फॉर्म में कन्वर्ट करता है। विटामिन D जो है वो कैल्शियम को अब्सॉर्ब करने के लिए बहुत ज़रूरी होता है।

हमारे रीतिरिवाज़ों में हमने देखा होगा की मकर संक्रांति के दिन हम लोग तिल के लड्डू खाते हैं। तिल के लड्ड्ओं में कैल्शियम की मात्रा बहुत अच्छी होती है। उसके बाद हम पतंग उड़ाते हैं तो उसका एक कारण है कि क्योंकि धूप में पतंग उड़ाते वक़्त हमको विटामिन D मिलता है। और विटामिन डी बॉडी में जो कैल्शियम गया है उसको अब्सॉर्ब करने में मदद करता है। तो अगर आपको अपनी हड्डियाँ मजबूत चाहिए हो और अपने शरीर में कैल्शियम फ़ास्फ़रोस का बैलेंस सही चाहिए, आपको अपने दाँत अच्छे चाहिए तो हमको विटामिन डी ज़रूर लेना चाहिए।

सेक्सुअल हेल्थ ठीक रखने के लिए क्या खाएँ?

इस पर मैं यही कहना चाहूँगी कि हमको अपनी डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आज कल हम देख रहे है कि पुरुषों में स्पर्म काउंट में कमी आ गयी है और महिलाओं में भी हार्मोनल इम्बैलेंस देखा जा रहा हैं। हम इधर उधर बहुत सारी चीज़ें सुन लेते हैं कि बोन मैरो का सूप पीना चाहिए, हम सुन लेते हैं हमको प्रोटीन खाना चाहिए हम प्रोटीन के पीछे पड़ जाते हैं।


देखिए आज हम जो भी पैकेट से निकाल कर खाते हैं उसको प्रोसेस्ड किया गया है। उसमें प्रिज़र्वेटिव डाले गए हैं उससे होता क्या है एक तो जो आप खा रहे हैं उसकी पौष्टिकता कम हो जाती है और दूसरा उसमें जो केमिकल इस्तेमाल हुए हैं वो हमारे शरीर को नुकसान देती है। तो घर का खाना खाएँ, फल, सब्ज़ियाँ और इसके साथ साथ सम्पूर्ण भोजन करें इससे आपकी सेक्सुअल हेल्थ भी अच्छी रहेगी।

आहार विशेषज्ञ डॉ नेहा मोहन सिन्हा ने गाँव पॉडकास्ट के शो पर सेहत और पोषण से सम्बंधित कई प्रश्नों के सटीक जवाब दिए हैं, जिनको सुन कर अगर आप अमल करते हैं तो एक स्वस्थ जीवन शैली अपना सकते हैं।

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