दुनिया में भारतीय खीरे की बढ़ रही है माँग, इस तकनीक से खेती कर आप भी हो सकते हैं मालामाल
खीरे की खेती से भी आप अच्छी कमाई कर सकते हैं, सिर्फ इसकी खेती से जुड़ी कुछ बातें आपको समझनी होगी। भारतीय खीरे की लगातार बढ़ती माँग के साथ हर साल 700 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के खीरे का निर्यात हो रहा है।
गाँव कनेक्शन 17 Feb 2024 10:42 AM GMT
देश के कई राज्यों में खीरा अब मुनाफे की सब्जी के तौर पर बोया जा रहा है। पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और हरियाणा और कर्नाटक तक के खीरा किसान दूसरे राज्यों के लिए मिसाल बन गए हैं।
खीरे की कुकुमिस हिस्ट्रिक्स प्रजाति ही नहीं, गर्किंन यानी अचारी खीरे ने तो कमाल कर दिया है।
हाल ही में अप्रैल-अक्तूबर (2020-21) के दौरान 114 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के साथ 1,23,846 मीट्रिक टन ककड़ी और गर्किंन यानी अचारी खीरे का निर्यात किया गया। इसके बाद भारत विश्व में खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है।
कब करें बुवाई
फरवरी-मार्च में किसान अगेती खीरे बुवाई शुरू कर देते हैं।
खीरा ऐसी फ़सल है, जिससे किसान कुछ महीनों में ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें शुरुआत से कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा।
अगर खीरे का बढ़िया उत्पादन पाना है तो बुवाई के लिए हमेशा बढ़िया जल निकास वाली बलुई और दोमट मिट्टी में खेती करनी चाहिए। जिस खेत में बुवाई कर रहे हैं उसका पीएच मान 6-7 के बीच में रहना चाहिए।
ज़ायद में इसकी अगेती बुवाई फरवरी से मार्च में की जाती है, अगर खरीफ में इसकी खेती करनी है तो जून-जुलाई में बुवाई करनी चाहिए।
खीरा की उन्नत किस्में
खीरे की कई प्रजातियाँ हैं जो देश के अलग अलग राज्यों में बोई जा रही हैं। स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पूना खीरा, पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90, कल्यानपुर हरा खीरा, कल्यानपुर मध्यम, खीरा 75, पीसीयूएच- 1, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा और स्वर्ण शीतल, पंत संकर खीरा- 1, प्रिया, हाइब्रिड- 1 और हाइब्रिड- 2 जैसी किस्मों की किसान बुवाई कर सकते हैं।
बुवाई का सही तरीका
किसान दो तरीकों से इसकी बुवाई कर सकते हैं। एक तो सीधे बीज से बुवाई और दूसरी पहले नर्सरी तैयार करके पौधे तैयार कर सकते हैं।
नर्सरी विधि से खीरे की खेती करने के लिए सबसे पहले नर्सरी ट्रे में कोकोपीट, वर्मीकुलाइट और पर्लाइट का 2:1:1 का मिश्रण डालना चाहिए। अब नर्सरी ट्रे के हर एक खाने में एक-एक बीज बोना चाहिए। इन्हें किसी छायादार जगह पर रखना होता है, जहाँ पर सीधी धूप न आती हो। 15-20 दिनों में जब पौधे तैयार हो जाते हैं। अब इनकी रोपाई कर सकते हैं।
रोपाई के लिए पहले खेत को तैयार करके 1.5-2 मीटर की दूरी पर लगभग 60-75 से.मी चौड़ी नाली बना लें। इसके बाद नाली के दोनों ओर मेड़ के पास 1-1 मी. के अंतर पर 3-4 बीज की एक स्थान पर बुवाई करते हैं।
रोपाई के लिए पहले खेत में क्यारियाँ बनाएँ। इसकी बुवाई लाइन में ही करें। लाइन से लाइन की दूरी 1.5 मीटर रखें और पौधे से पौधे की दूरी एक मीटर रखनी चाहिए।
इसी तरह बीजों की सीधी बुवाई भी कर सकते हैं, रोपाई और सीधी बुवाई प्रकिया एक ही तरह होती है।
बुवाई के बाद 20 से 25 दिन बाद निराई - गुड़ाई करके खेत से खरपतवार हटाते रहें। खेत में सफाई रखें और तापमान बढ़ने पर हर सप्ताह हल्की सिंचाई करें।
खीरे की फसल अवधि 45 से 75 दिन होती है, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 100 से 150 क्विंटल पैदावार होती है। यह एक ऐसी फसल है जिससे छोटे किसान भी लाखों की कमाई कर सकते हैं।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA ) ने बुनियादी ढाँचे के विकास और संसाधित खीरे की गुणवत्ता बढ़ाने, अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उत्पाद को बढ़ावा देने और प्रसंस्करण इकाइयों में खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों के कई कदम उठाये हैं। खीरा किसान अगर बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर निर्यात करना चाहते हैं तो यहाँ से जानकारी ले सकते हैं।
भारत में खीरे का उत्पादन
वैश्विक स्तर पर खीरे की माँग का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा भारत में उत्पादित होता है।
साल 2021-22 में भारत में खीरे के उत्पादन में शीर्ष 10 उत्पादक राज्यों का योगदान 84.7 प्रतिशत था; जिनमें सबसे ज़्यादा पश्चिम बंगाल का था, जहाँ 326,820 टन खीरा हुआ; यानी 20.32 फीसदी।
मध्य प्रदेश 237,330 टन के साथ दूसरे नंबर पर रहा, जहाँ खीरे का 14.76 फीसदी उत्पादन हुआ।
हरियाणा में खीरे का वार्षिक उत्पादन 182,960 टन था। इस राज्य का खीरे के उत्पादन में योगदान 11.38 प्रतिशत था।
ऐसे ही कर्नाटक में 130,360 टन ( 8.11% ), पंजाब में 108,710 टन ( 6.76% ), उत्तर प्रदेश में 103,740 टन (6.45% ), असम में खीरे का वार्षिक उत्पादन 90,230 टन (5.61%), आंध्र प्रदेश में 66,170 टन (4.11%), महाराष्ट्र 62,480 टन ( 3.88%), उड़ीसा 54,630 टन (3.40%) था।
इन देशों में जाता है भारतीय खीरा
खीरा वर्तमान में 20 से अधिक देशों को निर्यात किया जाता है, इनमें अमेरिका, फ्राँस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, दक्षिण कोरिया, कनाडा, जापान, बेल्ज़ियम, रूस, चीन, श्रीलंका और इज़राइल शामिल हैं।
#Cucumber farming #BaatPateKi Kisaan Connection
More Stories