मक्के की फ़सल को बर्बाद कर रहा है ये अमेरिकी कीट, कृषि विभाग की इस सलाह से करें बचाव

हिमाचल प्रदेश में मक्का की ख़ेती करने वाले किसानों को पिछले कई साल से फॉल आर्मीवर्म की वज़ह से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बार फ़िर कीटों ने किसानों को परेशान कर दिया है।

Divendra SinghDivendra Singh   4 July 2023 5:25 AM GMT

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मक्के की फ़सल को बर्बाद कर रहा है ये अमेरिकी कीट, कृषि विभाग की इस सलाह से करें बचाव

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले के नादौन, सुजानपुर, भोरंज और बिझड़ी ब्लॉक के गाँवों में कीटों का प्रकोप देखा गया है, कृषि विभाग ने किसानों के लिए सलाह भी जारी की है।

किसान विकास स्याल की मक्के की फ़सल में पिछले कुछ दिनों से कीटों का प्रकोप बढ़ गया है, दो बार कीटनाशक का भी छिड़काव किया, लेकिन अभी भी उनकी फ़सल से कीटों का प्रकोप कम नहीं हुआ।

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले के सुजानपुर ब्लॉक के डोली गाँव के किसान विकास स्याल पिछले तीन साल से मक्का की फ़सल में लगने वाले फॉल आर्मीवर्म से परेशान हैं।

12 कनाल (1.375 एकड़) में मक्का की ख़ेती करने वाले विकास गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "पिछले तीन साल से मक्का की फ़सल में सुंडी लग जाती है, कितनी भी दवा का छिड़काव करो, ये नहीं मरती हैं। अभी कृषि विभाग से लोग आए थे, उन्होंने दवाई बतायी लेकिन कुछ असर नहीं हुआ। हमारे गाँव में करीब 1100 कनाल में मक्का की ख़ेती होती है, सभी किसानों के यहाँ यही समस्या है।"

वो आगे कहते हैं, "अब यही चारा बचा है जिस पौधे पर ये कीट दिख रहे हैं, उन्हें उखाड़कर फेंक दे रहे हैं।"


विकास की तरह ही हमीरपुर ज़िले के नादौन जिले के बढ़ेरा गाँव के किसान नेकचंद की फ़सल का भी यही हाल है। वो अब सिर्फ दो कनाल में मक्का की ख़ेती करते हैं, बाकी एरिया में सब्ज़ियों की ख़ेती करते हैं।

हमीरपुर ज़िले के नादौन, सुजानपुर, भोरंज और बिझड़ी ब्लॉक के गाँवों में कीटों का प्रकोप देखा गया है, कृषि विभाग ने किसानों के लिए सलाह भी जारी की है।

करीब छह साल पहले अफ्रीका में मक्के की फ़सल बर्बाद करने वाला फॉल आर्मीवर्म अब भारत के कई राज्यों में पहुँच गया है। इस कीट को भारत में सबसे पहले मई, 2018 में कर्नाटक के शिवमोगा में देखा गया था। इसके बाद तमिलनाडु, आँध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बँगाल, गुजरात, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान, झारखण्ड, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और सिक्किम में भी हानिकारक स्तर तक किसानों के ख़ेतों में पाया गया।


हमीरपुर के कृषि विभाग के उप कृषि निदेशक डॉ. अतुल डोगरा गाँव कनेक्शन से बताते हैं, "हमीरपुर ज़िले के कई ब्लॉक में फॉल आर्मीवर्म की सूचना मिली है। किसानों के लिए हमने एडवाइजरी भी जारी की है। पिछले कुछ सालों में हिमाचल प्रदेश के ज़्यादातर ज़िलों में इसका प्रकोप देखा गया है, अब तो चंबा तक पहुँच गए हैं। किसानों को कीटनाशक छिड़काव के लिए भी सलाह जारी है। विभाग के लोग गाँव-गाँव जाकर पता कर रहे हैं।"

फॉल आर्मीवर्म मक्का की फसल बर्बाद करता है, अगर मक्का की फसल नहीं मिलती तो ज्वार की फसल पर आक्रमण करता है। अगर मक्का और ज्वार दोनों फसलें नहीं मिलती तो दूसरी फसलें, जैसे-गन्ना, चावल, गेहूँ, रागी जैसी फसलों को बर्बाद करते हैं। कभी-कभी जो कपास और सब्ज़ियों की फसलों को भी बर्बाद करते हैं। फॉल आर्मीवर्म के वयस्क पतंगे खाने की तलाश में 100 किमी तक उड़ सकते हैं।


"सबसे पहले खेत में फेरोमोन ट्रैप लगा लें, जिससे नर कीट इसमें फंस जाएं, साथ ही अंडों को खत्म करने के लिए ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करें। साथ ही क्वीनालफास 25 ईसी 800 मिली प्रति हेक्टेयर या फिर प्रोफेनोफॉस 40 प्रतिशत साइपर 4 प्रतिशत दर 750 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें। सबसे ज़रूरी होता है पूरी फसल का निरीक्षण करते रहें।"

आईसीएआर-भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान, लुधियाना के वैज्ञानिक डॉ. मुकेश चौधरी बताते हैं, "फॉल आर्मी वर्म की मादा एक रात में कई सौ किमी तक का सफर कर लेती है, इसलिए यह तेज़ी से फैलता है।"

इसे सबसे पहले मई, 2018 में कर्नाटक में देखा गया। जुलाई में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश, अगस्त में ओडिशा और महाराष्ट्र, अक्टूबर तक बंगाल पहुंच गया फिर नवंबर में बांग्लादेश में रिपोर्ट हुआ, उसके बाद म्यांमार, थाईलैंड, जापान और चीन तक पहुँच गया। मार्च 2020 में यह ऑस्ट्रेलिया में पाया गया, जैसे हवा चली वह फैलता है।"

इसको बढ़ने के लिए जो वातावरण चाहिए वह भारत में एकदम ठीक है, बहुत ज़्यादा ठंडी में यह खुद मर जाता है, रबी के सीजन में इसका प्रकोप नहीं देखा जाता, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, यह भी बढ़ता जाता है।


दुनिया के 109 देशों में बर्बाद कर रहा है मक्का

कृषि एवं खाद्य संगठन के अनुसार, अमेरिकी फॉल आर्मीवर्म मूल रूप से अमेरिका का कीट है, लेकिन 2016 में अफ्रीका में दिखा और देखते ही देखते पूरे अफ्रीका में फैल गया। इसके साथ ही यह भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम, कोरिया, कंबोडिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, जॉर्डन, सीरिया, स्पेन जैसे देशों तक पहुँच गया है।

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