फोन पर कर सकते हैं अब फसलों की खरीद-बिक्री, ई-नाम ऐप से होंगे कई फायदे
किसान भाइयों को अपना उत्पाद बेचने के लिए अब इधर उधर नहीं भटकना होगा। कई फायदे वाले ई नाम ऐप के जरिए न सिर्फ किसान बल्कि मंडी डीलरों, खरीददारों, व्यापारियों, कमीशन एजेंट और फसल उत्पादक संगठनों को भी सहूलियत होगी।
गाँव कनेक्शन 18 March 2024 4:49 AM GMT
अब एफपीओ से जुड़े किसानों को अपने उत्पादन के लिए बाज़ार तलाशने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
घर बैठे बस फ़ोन खोलते ही ई-नाम ऐप बता देगा आपके करीब की मंडी में कौनसी फसल किस रेट में कौन कौन खरीद रहा है। यही नहीं मंडी में मिल रहा दाम वाजिब है भी या नहीं चंद मिनटों में पता चल जाएगा।
पिछले कुछ साल में देश भर के लाखों किसान एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन से जुड़े हैं, लेकिन कई बार उन्हें सही बाज़ार नहीं मिल पाता।
एफपीओ से जुड़े किसानों का काम आसान बनाने के लिए दो मोबाइल ऐप लॉन्च किए गए हैं। इनमें पहला ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) मोबाइल ऐप है, जिसे ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) के साथ जोड़ दिया गया है और दूसरा है एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप।
कैसे काम करेगा ई-नाम मोबाइल ऐप
ओएनडीसी और ई-नाम मोबाइल एप के एक साथ आने से अब ई-नाम पर पंजीकृत एफपीओ/किसान कृषि/प्रसंस्करण उपज ओएनडीसी नेटवर्क वाले खरीदारों के माध्यम से बेच सकते हैं।
इससे एफपीओ/किसानों को ओएनडीसी नेटवर्क के जरिए अधिक खरीदारों तक पहुँचने में मदद मिलेगी।
ई-नाम अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग (ई-ट्रेडिंग) पोर्टल है, जो कृषि वस्तुओं के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का बड़ा मंच है।
माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में किसानों व एफपीओ के लिए ई-नाम मोबाइल ऐप, जिसे ओएनडीसी के साथ एकीकृत किया गया है और दूसरा, एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप लांच किए।#agrigoi #FPOs #eNAM #ONDC #DigitalIndia pic.twitter.com/eC80m2uZtS
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) March 15, 2024
ई-नाम की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को हुई थी। वर्तमान में 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 1389 थोक बाजारों में ई-नाम लागू किया गया है। किसानों की उपज की प्रतिस्पर्धी बोली के कारण ई-नाम पर किसानों की आय बढ़ रही है और विक्रेताओं को समय पर ऑनलाइन भुगतान भी प्राप्त होता है।
ई-नाम की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से यह पूरी तरह पारदर्शी है। 2016 में शुरू हुए ई-नाम पोर्टल पर अभी तक 1.77 करोड़ से ज़्यादा किसान और 2.55 लाख से ज़्यादा व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं। 3,600 से ज़्यादा एफपीओ भी ई-नाम प्लेटफार्म से जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ई-नाम के लिए 1.71 लाख से अधिक एकीकृत लाइसेंस जारी किए गए हैं।
फरवरी-2024 तक इस प्लेटफॉर्म पर 3.32 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार दर्ज किया जा चुका है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप की खूबियाँ
एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप 10 हज़ार एफपीओ के गठन और संवर्धन की योजना की सुविधा के लिए, प्रभावी निगरानी और रिकॉर्ड रखने के मकसद से विकसित किया गया है।
इस ऐप की प्रमुख विशेषताओं में से एक, निरीक्षण की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जियो निर्देशांक के साथ एफपीओ का निरीक्षण करने वाले व्यक्ति की छवि कैप्चरिंग है।
इस ऐप में, सीबीबीओ, एफपीओ से संबंधित संपूर्ण निगरानी और निरीक्षण गतिविधियाँ की जा सकती हैं, जिससे यह सुधार और संवर्धन में मददगार है। इन दोनों सुविधाओं से निश्चित रूप से एफपीओ, किसानों, विक्रेताओं, खरीदारों को बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम में एक सक्रिय भागीदार बनने के लिए खुद को विकसित करने के साथ ही; भारत को निकट भविष्य में डिजिटल कृषि अर्थव्यवस्था वाला विकसित देश बनाने में मदद मिलेगी।
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