इन वज़हों से भारत ही नहीं मॉरीशस और मलेशियाकी मंडियों में भी चमक रहा है 'स्टार फ्रूट'

गाँव कनेक्शन | Aug 01, 2023, 06:00 IST
बचपन में स्कूल के बाहर अक्सर बिकते हुए दिखाई देने वाला स्टार फ्रूट या कमरख अफ्रीका और पूर्वी एशिया के कुछ देशों में फ़लों का राजा बना हुआ है। अपने खट्ठे मीठे स्वाद के कारण सभी का पसंदीदा ये फ़ल डायबिटीज और कैंसर तक जैसी बीमारी में कारगर तो है ही, किसानों के लिए मुनाफे का बड़ा रास्ता भी है। कैसे कर सकते हैं इसकी खेती और कहाँ कहाँ है इसका बड़ा बाज़ार इसी पर है ये खास रिपोर्ट।
star fruit
कमरख, कामरंगा, करंबल या कैम्बोला जिस भी नाम से आप चाहे इसे पुकारे फ़ल एक ही है 'स्टार फ़्रूट'। इसका वैज्ञानिक नाम एवरोआ कैरमबोला है। मलेशिया में सबसे अधिक इसकी पैदावार होने से वहाँ के बाज़ार में वाकई ये सितारा है। अब इस स्टार की चमक इंडोनेशिया, फिलीपींस, पेरू, कोलम्बिया, त्रिनिदाद, इक्वेडोर, गुयाना, ब्राजील, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका तक पहुँच गई है। ऑन लाइन अमेज़न,बिगबास्केट और जिओ मार्ट पर तो है ही।

मलेशिया के बाद सबसे ज़्यादा अगर ये फ़ायदे का फ़ल साबित हो रहा है तो वो है मॉरीशस और भारत। आपको जानकार हैरानी होगी कि इसके कुछ किसान भारत और मलेशिया से भी ख़ेती की जानकारी लेकर कर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। भारत में जहाँ खुले बाज़ार में ये 120 रूपये किलो तक बिकता हैं वही मॉरीशस में 108 से 150 रूपये तक इसकी कीमत है। (मॉरीशस का एक रुपया भारत में करीब 1 रुपए 81 पैसे के बराबर होता है)

इस फ़ल में विटामिन सी, विटामिन बी, सोडियम, ऑयरन, पोटेशियम और कैल्सियम जैसे कई तत्व होते हैं। इसमें कैलोरी भी कम होती है, जबकि फाइबर अधिक है। बस यही वज़ह कि यह फ़ल बुखार से लेकर डायबिटीज और कैंसर तक में रामबाण बना हुआ है।

366840-star-fruit-cultivation-india-mauritius-malaysia-star-fruit-farming-5
366840-star-fruit-cultivation-india-mauritius-malaysia-star-fruit-farming-5

मॉरीशस के उत्तर पूर्व के गाँव क्रेव क्योर में स्टार फ्रूट की ख़ेती करने वाले सुनील पाल कहते हैं, ''स्टार फ्रूट की ख़ूबी है इसका पौधा, बहुत तेज़ी से बड़ा होता है और इसे आप किसी भी मौसम में लगा सकते हैं। पौधा लगाने के करीब चालीस से पचास दिनों के बाद, इसमें फूल आने लगते हैं। फलों को पकने में 45 से 50 दिन लगते हैं। कहीं कहीं जहाँ ठंडा होता है वहाँ समय लग सकता है। स्टार फ्रूट को आप एक दवा की तरह समझिये, इसके कई फ़ायदे हैं इसीलिए इससे कई दवाएँ भी बनती हैं।"

वे बताते हैं, "मॉरीशस में कोई भी पौधा आराम से लग जाता है। इसे लगाने के लिए चिकनी मिट्टी, रेतीली मिट्टी या कोकोपीट और वर्मी कम्पोस्ट को बराबर मात्रा में आप मिला लें। अगर रेतीली मिट्टी नहीं है, तो आप वर्मी कम्पोस्ट को थोड़ा बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, पौधे को जल्दी ज़माने के लिए दो चम्मच बोन मील, दो चम्मच हॉर्न मील और एक चम्मच मैग्नीशियम सल्फेट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अक्सर कुछ चीजे नहीं मिलती हैं फिर भी पौधे के मरने की संभावना कम ही रहती है।"

मॉरीशस के किसानों को कृषि विभाग या फ़ल उद्यान विभाग से समय- समय पर ख़ेती बाड़ी की ज़रूरी जानकारी दी जाती है।

ख़ेती और बागवानी के जानकर राजन दसोय कहते हैं, "मॉरीशस के हॉर्टिकल्चर डिवीज़न में रहते हुए सैकड़ों लोगों को मैंने ख़ुद पेड़-पौधों के बारे जानकारी दी है। भारत और मलेशिया में भी अच्छा काम हो रहा है, कई किसान जो वहाँ घूमने जाते हैं वहाँ से देख सीख कर आते हैं, लेकिन हमारे देश में जलवायु अलग है। यहाँ कृषि वैज्ञानिक आधुनिक तरीके से गन्ने की ख़ेती के साथ फ़ल की पैदावार से जुड़ी पूरी जानकारी और ट्रेनिंग (दिखाकर बताते हैं) देते हैं।"

कैसे करें स्टार फ्रूट की ख़ेती

स्टार फ्रूट को अगर पूरे साल धूप और गर्मी मिले तो इसमें हमेशा फ़ल आते रहते हैं। जिससे इससे जुड़े किसानों को मुनाफ़ा होता रहता है।

स्टार फ्रूट के पेड़ की ऊँचाई 5 से 10 मीटर तक होती है। इसकी शाखाएँ घनी और सुन्दर होती हैं और पत्ते साल भर हरे रहते हैं। कच्चा फल हरे रंग का होता है और पकने पर पीला हो जाता है। इसका फ़ल 7.5 से 10 सेटीमीटर लम्बा होता है। पूरी तरह तैयार पेड़ से साल में 100 किलोग्राम तक फ़ल मिल जाता है।

सुनील कहते हैं, "इसकी ख़ेती के लिए गरम जगह अच्छी रहती है, साथ ही ये देखना होगा कि मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच हो। स्टार फ्रूट की अच्छी पैदावार के लिए पोषक तत्वों से भरपूर जलोढ़ मिट्टी सही होती है। ये ज़रूर ध्यान रहे इसके बाग़ीचे में पानी रुके नहीं और अगर ज़्यादा ठंड या पाला गिरने वाला इलाका है तो भी इसकी पैदावार पर असर पड़ सकता है।"

366841-star-fruit-cultivation-india-mauritius-malaysia-star-fruit-farming-4
366841-star-fruit-cultivation-india-mauritius-malaysia-star-fruit-farming-4

स्टार फ्रूट के पौधों की रोपाई से पहले उन्हें नर्सरी में तैयार करना पड़ता है। इन्हें करीब सभी सामान्य तरीके से ही तैयार किया जा सकता है। जैसे भेंट कलम, दाब लगाना, ढाल चश्मा, फोरकर्ट चश्मा और बगली कलग। दाब और चश्मा विधियों के लिए थोड़ा ठंड का वक़्त बढ़िया होता है।

"पौधे लगाने से पहले खेत की दो से तीन बार अच्छी तरह जुताई कर लेनी चाहिए। बरसात से महीना भर पहले पौधों की रोपाई के लिए इस तरह से गड्ढे खोदने चाहिए जिससे उनके बीच की दूरी आठ -आठ मीटर की रहे। फिर रोपाई के वक़्त 5 किलोग्राम खाद और मिट्टी को मिलाकर इससे गड्ढों को भरना चाहिए और साथ ही पेड़ का थाला भी बनाना चाहिए। इन थालों की नियमित सफ़ाई और निराई-गुड़ाई करना चाहिए। इससे पौधे की बढ़वार अच्छी होती है।"

366842-gaon-moment
366842-gaon-moment

वे बताते हैं, "रोपाई के बाद स्टार फ्रूट की हल्की सिंचाई करनी चाहिए। बारिश के दिनों में सिंचाई की ज़रूरत नहीं है,लेकिन पेड़ों के पास पानी जमा न हो ये ध्यान रखना चाहिए। ये हमेशा आपको फ़ल देगा इसलिए बेहतर पैदावार के लिए साल भर में 100 किलोग्राम गोबर की सड़ी खाद देना ज़रूरी है। अगर इतना कर लेंगे तो इस फ़ल के पेड़ को किसी रासायनिक खाद की ज़रुरत नहीं पड़ेगी।"

"स्टार फ्रूट का फल पकने पर हरे से पीला हो जाता है। तब इसे सावधानी से तोड़ना चाहिए। तोड़ाई के बाद इसे अच्छी तरह से धोकर और साफ़ करके बाज़ार में भेजना चाहिए। इससे दाम अच्छे मिलते हैं।" सुनील पाल ने कहा।

कमरख ख़ुशबूदार, गूदेदार और रसीला होता है। इसका स्वाद खट्टा मीठा दोनों तरह का होता है और दोनों किस्मों का इस्तेमाल दवाईयाँ बनाने में भी होता है। चटनी, अचार, जूस और जेम तो बनता ही है।

भारत में इसकी ख़ेती ओड़िशा, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में ज़्यादा की जाती है। कई देशों में इसे कच्चा ही खाते हैं। शकरकन्द की चाट के साथ तो इसका ज़ायक़ा ग़जब का होता है। इन ख़ूबियों के कारण ही विदेशी बाज़ार में इसकी बढ़ती माँग ने किसानों को अच्छा बाज़ार दे दिया है।

Also Read: मलेशिया में मॉरीशस के उच्चायुक्त बालकनी में उगाते हैं घर की सब्ज़ियाँ, आप भी कर सकते हैं

Tags:
  • star fruit
  • Mauritius Connection
  • Mauritius

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.