भारत बांग्लादेश टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारत ने बनाया रनों का पहाड़ 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   10 Feb 2017 6:44 PM GMT

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भारत बांग्लादेश टेस्ट मैच के दूसरे दिन  भारत ने बनाया रनों का पहाड़ हैदराबाद में दूसरे दिन भारत के पारी घोषित करने के बाद पवेलियन जाते हुए विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा व रविंद्र जडेजा।

हैदराबाद (भाषा)। हैदराबाद के राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में भारत बांग्लादेश टेस्ट मैच 2017 के दूसरे दिन कप्तान विराट कोहली के लगातार चौथी टेस्ट श्रृंखला में चौथे दोहरे शतक के रिकार्ड से भारत ने बांग्लादेश के कमजोर गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ आज यहां छह विकेट पर 687 रन के विशाल स्कोर पर पारी घोषित की।

बांग्लादेश ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट गंवाकर 41 रन बना लिए थे। उमेश यादव ने सलामी बल्लेबाज सौम्या सरकार का विकेट झटका।

कोहली ने 204 रन की पारी खेली और उन्होंने इस तरह महान सर डान ब्रैडमैन और राहुल द्रविड के रिकार्ड को तोड़ा। जिन्होंने लगातार श्रृंखलाओं में तीन दोहरे शतक लगाए थे। कोहली ने इससे पहले वेस्टइंडीज (200), न्यूजीलैंड (211) और इंग्लैंड (235) के खिलाफ दोहरे शतक जड़े थे। टीम का छह विकेट पर 687 रन का स्कोर भी विश्व रिकार्ड है क्योंकि कोई भी टीम इससे पहले लगातार तीन टेस्ट मैचों में 600 रन से ज्यादा का स्कोर नहीं बना सकी है। इससे पहले भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई और चेन्नई में ऐसा किया था।

भारत के लिए अच्छी खबर यह रही कि टीम में वापसी करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा खुद पर दिखाए गए भरोसे पर खरे उतरे और उन्होंने 155 गेंदों में नाबाद 106 रन बनाए जो उनका दूसरा टेस्ट शतक है। रिद्धिमान और रविंद्र जडेजा (नाबाद 60 रन) ने मिलकर भारत को प्रति ओवर में चार से ज्यादा रन बनाने में मदद की। इन दोनों ने सातवें विकेट के लिए 118 रन की अटूट साझेदारी की।

अजिंक्य रहाणे ने 133 गेंद में 82 रन बनाए, वह भी इंग्लैंड सीरीज के दौरान खराब फार्म और चोट से वापसी के बाद लय में लौटे। पिच कुछ टर्न हो रही है, बांग्लादेश के बल्लेबाजों को मैच बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी, हालांकि स्पिनर आर अश्विन और जडेजा के सामने यह अंसभव ही दिखता है।

कोहली ने अपनी पारी के दौरान जो कई रिकार्ड बनाए उनमें एक घरेलू सत्र में सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने का रिकार्ड भी शामिल है। उन्होंने वीरेंद्र सहवाग के रिकार्ड को तोड़ा। दूसरे दिन का पहल सत्र कोहली के नाम रहा जिन्होंने पांच घंटे से भी कम समय में दोहरा शतक जमाया। उन्होंने इस बीच 239 गेंदें खेली तथा 24 चौके लगाए। इस पारी से उन्होंने फिर जतला दिया कि वह किस स्तर के बल्लेबाज है। कोहली ने लंच के बाद अपना दोहरा शतक पूरा किया और फिर स्पिनर ताईजुल इस्लाम की आर्म बाल पर लेट कट करने के प्रयास में पगबाधा आउट हुए। लेकिन तब तक उन्होंने सुनिश्चित कर दिया था कि भारत की इस मैच में दूसरी बार बल्लेबाजी करने की नौबत नहीं आएगी।

कोहली और रहाणे ने चौथे विकेट के लिए 222 रन जोड़े। रहाणे शतक से चूक गए, युवा मेहदी हसन मिराज ने बायें हाथ के स्पिनर ताईजुल इस्लाम की गेंद पर एक हाथ से डाइव करते हुए शानदार कैच लपका। रहाणे ने अपनी 133 गेंद की पारी में 11 चौके लगाए। भारत ने शुरुआती सत्र में 121 रन और दूसरे सत्र में 143 रन जोड़े। बाद में साहा ने आक्रामक रवैया अपनाया। बंगाल के विकेटकीपर ने 155 गेंद में छह चौके और दो छक्के जड़े। उन्होंने बांग्लादेश के सबसे सफल गेंदबाज ताईजुल (156 रन देकर तीन विकेट) की गेंद पर छक्का जड़कर शतक पूरा किया।

रिद्धिमान और जडेजा की जोडी ने 25.3 ओवर में 118 रन जोड़े। जडेजा ने 78 गेंद में चार चौके और दो गगनचुंबी छक्कों से 60 रन बनाए।

बांग्लादेश के गेंदबाजों ताईजुल, तास्किन अहमद (127 रन देकर एक विकेट), कामरुल इस्लाम रब्बी (100 रन देकर कोई विकेट नहीं), मेहदी हसन मिराज (165 रन देकर एक विकेट), साकिब अल हसन (104 रन देकर कोई विकेट नहीं) ने 100 से ज्यादा रन गंवाए। भारत ने सुबह तीन विकेट पर 356 रन से आगे खेलना शुरू किया और बांग्लादेश के गेंदबाजों को कल की तरह संघर्ष करते रहने के लिये मजबूर किया। सुबह के सत्र में भारत ने रहाणे के रुप में एकमात्र विकेट गंवाया।

सुबह रहाणे ने अधिक आत्मविश्वास से बल्लेबाजी की जबकि कोहली ने कल की तरह अपना सदाबहार अंदाज में रन बटोरे। उन्होंने साकिब अल हसन पर फुल टास पर चौका जमाकर अपना अर्धशतक पूरा किया। यह उनका 10वां टेस्ट अर्धशतक था। मुंबई का यह खिलाड़ी 62 रन पर आउट हो सकता था जब शब्बीर रहमान डीप थर्ड मैन पर उनका कैच छोड़ दिया।

वहीं कोहली ने बांग्लादेशी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाना जारी रखा, इस दौरान उन्हें डीआरएस की अपील ने बचाया भी। 180 रन के स्कोर पर मैदानी अंपायर ने मिराज की गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट किया। भारतीय कप्तान ने अपने साथी खिलाड़ी साहा से सलाह करने के बाद डीआरएस लेने का फैसला किया और यह उनके हक में रहा।

     

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