गाँवों में खुलेंगी मिनी लाइब्रेरी, किसानों के लिए उप्लब्ध होंगी कृषि संबंधी किताबें और सीडी

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गाँवों में खुलेंगी मिनी लाइब्रेरी, किसानों के लिए उप्लब्ध होंगी कृषि संबंधी किताबें और सीडीरायबरेली जिले के गाँवों में खुलेंगी मिनी लाइब्रेरी

किशन कुमार- कम्युनिटी जर्नलिस्ट

रायबरेली। युवाओं के बीच ई-बुक्स की लोकप्रियता होने के बावजूद पुस्तकालय जाकर किताबें पढ़ने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। लोगों में किताबों की ललक जगाने व किताबों के माध्यम से नई-नई जानकारी प्रदान करने के लिए राजकीय जिला पुस्तकालय, रायबरेली ने एक नई कार्ययोजना बनाई है, जिसके अंतर्गत जिले के ब्ल़ॉकों में मिनी लाइब्रेरी बनाई जाएगी।

अपनी भावी योजनाओं के बारे में बताते हुए पुस्तकालय अध्यक्ष उत्कर्ष सिंह ने कहा, ‘‘हम जल्द ही पायलेट के तौर पर जिले के दो ब्लॉकों में हमारी मिनी लाइब्रेरी का काम शुरू कर दिया गया है। इसका फायदा आस-पास के गाँव के पाठकों को होगा।’’

सन 1986-87 में शुरू हुए राजकीय जिला पुस्तकालय में हिन्दी साहित्य की कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, हास्य रंग, संदर्भ ग्रन्थ, शब्दकोष तो हैं ही, इसके अलावा पत्रकारिता, दर्शन शास्त्र, धर्म कानून, अर्थशास्त्र, राजनीति, संविधान, कम्प्यूटर विज्ञान के साथ-साथ औषधि विज्ञान जैसे विषयों पर 40 हज़ार पुस्तकों का विशाल संग्रह है। ऐसे में इस पुस्तकालय का छोटा स्वरूप यानी की मिनी लाइब्रेरी गाँवों में रहने वाले लोगों के लिए एक रचनात्मक जगह बन सकती है।

मिनी पुस्तकालय के बारे में यहां के अध्यक्ष उत्कर्ष सिंह (32) बताते हैं, ‘‘मिनी पुस्तकालय में शिक्षाप्रद पुस्तकों के अलावा किसानों के लिए कृषि व पशुपालन संबंधी किताबें रखी जाएंगी। इसके अलावा पुस्तकालय में खेती-किसानी पर आधारित सीडी-डीवीडी भी उप्लब्ध कराई जाएंगी।’’

मिनी पुस्तकालयों का समय और सदस्यता के नियम

-सुबह 9.00 से 11.00 बजे तक

-दोपहर 1.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक

-पुस्तकालय का सदस्यता शुल्क मात्र 300 रुपए और पांच से 12 वर्ष के बच्चों का सदस्यता शुल्क 100 रुपए है। इस शुल्क में वो 1000 रुपए की पुस्तकें 15 दिन के लिए घर ले जा सकते हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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