फायदे का सौदा है ब्रोकली की खेती 

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फायदे का सौदा है ब्रोकली की खेती ब्रोकली की खेती।

भारतवर्ष में सब्जियों की खेती 9.2 मिलियन हेक्टेयर में की जा रही है। सब्जियों का कुल उत्पादन 162 मिलियन टन के आस-पास है तथा सब्जियों की उत्पादकता 17.6 टन प्रति हेक्टेयर है। गोभी वर्गीय सब्जियों में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। पूरे विश्व में गोभी उत्पादन में भारत का 35.6 प्रतिशत हिस्सा है। भारत से गोभी वर्गीय सब्जियों का निर्यात में 47 प्रतिशत मालद्वीप, 29 प्रतिशत संयुक्त राज्य अमीरात और 7 प्रतिशत पाकिस्तान को किया जाता है।

अत्यधिक पौष्टिक और पोषक तत्वों से परिपूर्ण

गोभी वर्गीय एवं सब्जियों में ब्रोकली या हरा फूल गोभी का प्रथम स्थान है। ब्रोकली अपने में अत्यधिक पौष्टिक और पोषक तत्वों से परिपूर्ण है। ब्रोकली का भारतीय खानपान में प्रयोग होना प्रासंगिक है। ब्रोकली का इस्तेमाल यूरोप एवं अमेरिका में अनेक व्यंजनों को तैयार करने में होता है। यह व्यंजन सब्जियों का सूप पीजा, मैकरोनी, सलाद और विभिन्न सब्जियों के व्यंजन तैयार करने में होता है।

ब्रोकली का पोषण एवं औषधीय महत्व

ब्रोकोली में ग्लूकोसीनोलेट नामक सल्फर युक्त पोषक तत्व पाया जाता है। ग्लूकोसीनोलेट के विखण्डन के बाद गोभी में जो विशेष गंध आती है, वह इसी तत्व के कारण होती है। यह तत्व कैंसर रोधी औषधीय क्षमता भी रखता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने यह सुझाव दिया है कि ब्रोकोली के नियमित सेवन से कैंसर दूर रहता है। इसके अतिरिक्त मानव खून में प्लाज्मा की मात्रा बढ़ जाती है और फेफड़ा कैंसर में लाभकारी है। ब्रोकोली के सेवन से कोलेस्ट्रॉल की कमी आती है।

ब्रोकली की किस्में

लकी- यह ब्रोकोली की अत्यन्त महत्वपूर्ण किस्म है। इसे तैयार होने में 80-90 दिन का समय लगता है। इसके हेड का वजन 600-800 ग्राम तक होता है।

फीस्ट- यह किस्म 90 दिन में तैयार हो जाती है। इसके हेड का वजन 1 किलोग्राम के आसपास होता है।

फेस्टीवल- यह ब्रोकोली की नई किस्म है। तैयार होने में लगभग 90 दिन का समय लगता है। 600-800 ग्राम वजन की हेड तैयार होते हैं।

आरिया- हेड या फूल का रंग गहरा हरा होता है। हेड का औसत वजन 1 से 1.5 किलोग्राम तक होता है। तैयार होने का समय 90-95 दिन है।

कैसे करें ब्रोकली की उन्नत खेती

ब्रोकली की खेती उन मृदाओं के लिए उपयुक्त है, जिसमें कार्बानिक पदार्थ की मात्रा अधिक पायी जाती हैं। यह पीएच मान 5.5 से 7.5 तक की मृदाओं में तैयार की जा सकती है। भूमि तैयार करने के लिए तीन बार गहरी जुताई करनी चाहिए। पौध लगाने हेतु कूढ़ों का निर्माण करना चाहिए। ब्रोकोली ठंडे मौसम की फसल है। अच्छे हेड 15-20 डिग्री तापमान पर तैयार होते हैं। अगर ग्रीनहाउस की व्यवस्था हो तो ब्रोकोली खेती पूरे वर्ष की जा सकती है। ब्रोकोली की खेती में बीज दर 400-500 ग्राम प्रति हेक्टेयर होती है।

ब्रोकोली की खेती में प्रयोग होने वाले खाद एवं उर्वरक

एक हेक्टेयर खेत में 20-25 टन/हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर की खाद तथा 130 किलो नाइट्रोजन, 70 किलो फॉस्फोरस एवं 50 किलो पोटेशियम देना चाहिए। कुल नाइट्रोजन की आधी मात्रा, 65 किलो को तीन बार 30 दिन के अन्तराल पर देना चाहिए।

क्या है ब्रोकली बुवाई की विधि

ब्रोकली की खेती में तीन से चार सप्ताह पुरानी या पांच से सात पत्तीदार पौध की रोपाई करनी चाहिए। पौध से पौध की दूरी 45 से 30 सेमी तथा लाइन से लाइन की दूरी 60 सेमी रखनी चाहिए। ब्रोकली का फूल जब पूरा परिपक्व तथा पीला पड़ जाये, तब उसकी तुड़ाई करनी चाहिए। एक हेक्टेयर खेत से 15-20 टन ब्रोकली प्राप्त की जा सकती है। 10-12 डिग्री सेंटी ग्रेड तापमान पर ब्रोकली को 15 दिन तक ताजा रखा जा सकता है।

ओपीनियन पीस - डॉ. शैलेन्द्र विक्रम सिंह, उद्यान वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायबरेली

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

  

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