कार्बाइड से पका केला बन सकता है बीमारियों की वजह

Lokesh Mandal shuklaLokesh Mandal shukla   9 Oct 2017 8:03 PM GMT

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कार्बाइड से पका केला बन सकता है बीमारियों की वजहफोटो: गाँव कनेक्शन 

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

रायबरेली। त्योहारी मौसम में बाज़ार में केले की मांग बढ़ जाती है। केला खरीदने जाने पर अधिकांश लोग दागरहित साफ पीला केला लेना अधिक पसंद करते हैं। साफ सुधरा केला कार्बाइडयुक्त हो सकता है। ऐसे में यह अवश्य जान लें कि कहीं बिक रहा फल कैमिकल युक्त तो नहीं है।

भारत केला की खेती में अग्रणी देश है, भारत दुनिया का करीब 23% केला उत्पादन करता है, यहां साल भर में करीब 14.2 मिलियन टन केले की पैदावार होती है।महाराष्ट्र भारत में सर्वाधिक केला उत्पादन के लिए जाना जाता है।

रायबरेली जिले में फलों व खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर बड़े स्तर पर काम रही गैर- सरकारी संस्था श्याम जान कल्याण समिति के वैद्य राजकुमार यादव ने बताया," केमिकल युक्त फल खाने से शरीर के पाचन तंत्र में खराबी आना शुरू हो जाती है। साथ ही आखों में जलन , छाती में तकलीफ़, जी मिचलाना , पेट दुखना , गले में जलन , अल्सर जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। और जब इसकी अधिकता हो जाती है तो कभी-कभी ट्यूमर होने का भी खतरा हो सकता है।"

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केले के लाभकारी गुण

  • केले खाने से हमारी पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं।
  • केला हमारा हाज़मा सही रखता हैं।
  • बहुत कमज़ोरी लगे तो सुबह दो केले खाने से फ़ायदा होता हैं ।
  • अगर वजन कम हो तो केले के सेवन से सही वजन को पाया जा सकता हैं।

जब केले के गुच्छे को कार्बाइडयुक्त पानी में डुबाया जाता है, तब कैमिकल की गैस केले में प्रवेश कर जाती है। इससे केला पक जाता है। इस केले के सेवन से पेट में जलन व भारीपन जैसी परेशानियां आने लगती हैं।
प्रवीण शुक्ला, बायो टेक्नोलॉजी लैब अधिकारी, दयानंद पी जी कॉलेज

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कैसे पहचाने कैमिकल युक्त केला

श्याम जान कल्याण समिति से मिली जानकारी के अनुसार अगर केले को प्राकृतिक तरीके से पकाया गया है,तो उसका डंठल काला पड़ जाता है और केले का रंग गर्द पीला हो जाता है।साथ ही केले पर थोड़े बहुत काले दाग रहते हैं।लेकिन केले पर कारबाइड का इस्तेमाल करके उसे पकाया गया है,तो उसका डंठल हरा होगा और केले का रंग लेमन यलो अर्थात नींबुई पीला होगा। इतना ही नहीं ऐसे केले का रंग एकदम साफ पीला होता है,उसमे कोई दाग धब्बे नहीं होते है।

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