मातृत्व सप्ताह: उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
मातृत्व सप्ताह: उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण पहलमातृत्व सप्ताह के तहत महिलाओं की जांच करते डॉक्टर

कम्युनिटी जर्नलिस्ट

डॉ. वरुण सिंह कटियार (क्लस्टर ऑफिसर पर्यवेच्छक, जलालाबाद)

जलालाबाद/कन्नौज। जनहित मे मातृत्व सप्ताह काफी अच्छी पहल साबित हो रहा है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाएं अपने गर्भ के विषय मे अत्यधिक जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ पुरानी रीति-रिवाजों की वजह से होने वाले नुकसान से भी खुद को एवं अपने गर्भ मे पल रहे बच्चे को बचाती हैं। वो जागरूक हो रही हैं। इस जागरूकता का असर उनके परिवार में भी हो रहा है। नई जानकारियों का लोग स्वागत कर रहे हैं।

मैं इस समय चार महीने की गर्भवती हूं जब मुझे इस अभियान के बारे में पता चला तो हमारे गाँव की आशा बहू हमे यहाँ लेकर आयी। वो आगे बताती हैं इस समय मेरा वजन 35 किलो निकला, डॉ. साहब ने 100 आयरन की टैबलेट दी है और खाने में क्या खाना है वो भी बताया है।
सोनी (24 वर्ष), किस्वपुर गाँव

जलालाबाद क्लस्टर ऑफिसर डॉ. वरुण सिंह कटियार का कहना है कि इस योजना मे समस्त गर्भवती महिलाओ की जांच करने के साथ-साथ उनमें गर्भावस्था के दौरान पाई जाने वाली जटिलताओं की समय रहते पहचान हो जाने के कारण समय पर उपचार हो जाता है। जिससे शिशु मृत्यु दर एवं कुपोषण मे आने वाले समय मे काफी कमी आ जाएगी। समय से पूर्व जांच होने से गर्भ मे पल रहे बच्चे एवं माँ को उचित आहार इत्यादि देकर या किसी भी कमी को समय रहते पूरा होने की वजह से स्वस्थ माँ एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देगी और इस योजना जे तहत ये उम्मीद पूरी होते दिख रही है।

वो आगे बताते है गांव-गांव जाकर कई डॉक्टर इन महिलाओ की हो रही जांच का सुपरविजन कर रहे हैं। मैं खुद बारीकियां बताता हूँ। उस दौरान मैंने पाया की पूर्व की तुलना ने आज ग्रामीणों को गर्भावस्था के बारे मे उचित जानकारी है। जिससे इस अभियान को और गति एवं इस योजना से मिलने वाले लाभ से संतुष्टि का माहौल बन रहा है। 14 अक्टूबर से ये अभियान जिले में शुरू हो चुका है और 21 अक्टूबर तक चलेगा।

इस योजना के दौरान गर्भवती महिला को निम्न बिंदुओं पर सेवायें दी जाती है-

1- गर्भवती का पंजीकरण

2- वजन की जांच

3- ब्लड प्रेशर की जांच

4- हीमोग्लोबिन की जांच

5- पेशाब मे शुगर/एल्बूमिन की जांच

6- पेट के गर्भ की जांच

7- जटिल गर्भावस्था वाली महिलाओ का चिन्हीकरण एवं संदरभन

8- संस्थागत प्रसव की योजना

9- टिटनेस की सुई

10- iron, कैल्शियम की गोलियां

11- पोषण संबंधी सलाह

हाई रिस्क प्रेग्नन्सी में चिन्हित महिलाओ के कार्ड पर एक लाल बिंदी की मोहर लगाकर उनको निर्धारित दिवस मे उचित इलाज मुहैया कराकर उनकी समय समय पर प्रसव होने तक देखभाल की जाती है। इस योजना में शामिल हों और इसका लाभ लें जिससे माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

  

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.