अब अधिकारी नापेंगे काली नदी में कालिख का पैमाना

Sundar ChandelSundar Chandel   23 Jun 2017 6:06 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
अब अधिकारी नापेंगे काली नदी में कालिख का पैमानाकाली नदी

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। एनजीटी के निर्देश पर सरकारी मशीनरी काली नदी के प्रदूषण को खुद परखेगी। नगर के कारखानों से निकलने वाले कचरे ने नदी को बिल्कुलविषैला बना दिया है,जिसके चलते आस-पास के गाँवों में रहने वाले लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर ही एनजीटी नेनदी में हो रहे प्रदूषण को मापने के आदेश जारी किए हैं। संबंधित विभाग के अधिकारी इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश एवं केन्द्र के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजेंगे।

ये भी पढ़ें : रामगंगा में ई-कचरा फेंकने पर देना होगा एक लाख रुपए का मुआवजा : एनजीटी

काली नदी की वजह से पास के गाँव गोकलपुर, हसनपुर, मउखास सहित करीब आधा दर्जन गाँवों का पानी गंदा हो गया है। नलों से निकलने वालेपानी का रंग भी बदल गया है। साथ ही पानी को पीने से बीमारी होने के केस सामने आ चुके हैं। इसकी ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिननतीजा सिफर निकला। इस बार एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को टीम गठित कर नदी में गिरने वाले दूषित पानी की जांच के लिए निर्देषित किया है। इसके लिए टीम भी गठित कर दी गई है। अगले माह टीम नदी पर पहुंचकर दूषित पानी की मात्रा का आंकलन करेगी।

क्यों हो रही नालों की जांच

नदी में गिरने वाले नालों की जांच पूर्व में भी कई बार की जा चुकी है, लेकिन इस इसकी जांच का कारण विशेष रखा गया है। साथ ही नलों के पानी कापरीक्षण कर नदी के पानी साफ करने भी प्रावधान है,ताकि ग्रामीणों को कोई दिक्कत न हो सके। काली नदी में शहर के कारखानों से निकलने वालेकरीब 10 नाले गिर रहे हैं। जिनकी वजह से पानी पूरी तरहा विषैला हो गया है। इसी की परख के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड, जल निगम व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगले माह तक टीम मेरठ पहुंच जाएगी।

ये भी पढ़ें : सरकार ने एनजीटी से कहा- गलत धारणा है कि सिर्फ डीजल वाहन ही प्रदूषण फैलाते हैं
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके श्रीवास्तव कहते हैं, “एनजीटी के आदेश पर काली नदी में गिरने वाले नालों के पानी की जांच की जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि कितना कचरा पानी में जा रहा है। इसे मापने के बाद अग्रिम योजना तैयार की जाएगी।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहांक्लिक करें।

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.