#स्वयंफेस्टिवल: शोहरतगढ़ के किसानों को मिला खेती की समस्याओं का निदान

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#स्वयंफेस्टिवल: शोहरतगढ़ के किसानों को मिला खेती की समस्याओं का निदानशोहरतगढ़ में किसानों को जानकारी देते संस्था के नरेंद्र चौधरी।

स्वयं डेस्क/ दीनानाथ (28 वर्ष)

सिद्धार्थनगर। "हमारे आलू की खेत में पाले की समस्या बहुत है इस समय। पाले से बचाने के लिए कोई उपाय बताएं?" चेहरे पर शिकन के साथ किसान रामलाल ने अपनी समस्या के बारे में जब सवाल पूछा तो और किसानों ने भी सवालों की झड़ी लगा दी। यह नजारा था सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ में आयोजित की गई किसान गोष्ठी का, जहां शोहरतगढ़ एनवॉयरमेंट सोसाइटी संस्था के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को जानकारी तो दी ही, साथ ही उन्नत खेती के बारे में भी बताया। इस किसान गोष्ठी का आयोजन गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर 2 से 8 दिसंबर तक 25 जिलों में मनाए जा रहे 'स्वयं फेस्टिवल' के तहत किया गया। बता दें कि देश के सबसे बड़े इस ग्रामीण उत्सव 'स्वयं फेस्टिवल' में 1000 कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

रामलाल को मिला समाधान

संस्था के नरेंद्र चौधरी ने रामलाल की समस्या का समाधान किया। उन्होंने बताया कि अगर आलू के खेत को पाले से बचाना है तो जरूरी है कि आलू की खेती में 10 से 15 दिनों में पोटाश का छिड़काव करें। इससे काफी हद तक आलू में पाला पड़ने की समस्या को दूर किया जा सकता है। वहीं नरेंद्र चौधरी ने आलू और प्याज की उन्नत खेती के बारे में भी किसानों को कई जानकारी दी। उन्होंने आलू की खेती को कीट नियंत्रण के बारे में भी बताया। वहीं, एक और किसान महेश खेती में चैपा कीट से परेशान थे। इससे आलू की खेती को बचाने के लिए उन्होंने गोष्ठी में कृषि विशेषज्ञों से सवाल पूछा। संस्था के नरेंद्र चौधरी ने बताया कि चैपा रोग से उपचार के लिए देसी गाय का 5 लीटर मट्ठा लेकर उसमे 5 किलो नीम की पत्ती या दो किलोग्राम नीम की खली एक बड़े मटके में 40-50 दिन भरकर तक सड़ा लें। सड़ने के बाद उस मिश्रण में से 5 लीटर मात्रा को 200 लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। इसके अलावा किसानों को प्याज की उन्न्त खेती के बारे में भी जानकारी दी गई।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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