गीत गाते-गाते गाँव के बच्चों ने सीख लिया हाथ धुलने का सही तरीका

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गीत गाते-गाते गाँव के बच्चों ने सीख लिया हाथ धुलने का सही तरीकागाँव में बच्चों ने हैंड वॉश डे पर हाथ धोने का सीखा सही तरीका

कम्युनिटी जर्नलिस्ट: रेखा गौतम राही

प्रधानाध्यापिका उच्च प्राथमिक विद्यायल, टकटौली कानपुर नगर

शिवराजपुर (कानपुर नगर)। चौथी कक्षा में पढ़ने वाली शिवानी खुश होकर बताती हैं कि हम अपने स्कूल में हर रोज साबुन से हाथ धोकर ही खाना खाते हैं, गंदे हाथों से खाना खाने से हम बीमार पड़ जायेंगे, ये हमारे मास्टर जी ने बताया है।

हाथ धुलने का बताया सही तरीका


बच्चों को बताया गया हाथ धोने का सही तरीका

कानपुर नगर से 30 किलोमीटर दूर बसेंन गाँव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने शनिवार को पूरे 30 सेकेण्ड तक हाथ धुले। यहाँ के प्रधानाध्यापक गजेन्द्र सिंह यादव ने बच्चों को हाथ धुलने का सही तरीका बताया। गजेन्द्र सिंह का कहना है सिर्फ “हैण्ड वाशिंग डे” को ही नहीं, बल्कि प्रतिदिन हमारे स्कूल के बच्चे साबुन से हाथ धुलने के बाद ही खाना खाते हैं। वो आगें बताते हैं कि बच्चे सिर्फ स्कूल में ही नहीं, बल्कि घर पर भी शौच के बाद, खाना खाने से पहले हाथ जरुर धुलें। गाँव के बच्चे पहले मिट्टी या राख से हाथ धुलते थे, लेकिन जबसे स्कूल में बताया गया है, तबसे साबुन से ही हाथ धुलते हैं।

तब समझ आई मास्टर जी की बात


बच्चाें ने मास्टर जी की मानी बात

इस स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ने वाली शालिनी का कहना है कि जो बच्चे हमारे स्कूल में सही से हाथ धुलकर खाना नहीं खाता, उसका हम मजाक बनाते हैं जिससे वो दोबारा गलती नहीं करता हैं। शालनी कहती हैं कि पहले हम हाथ राख से धुलते थे क्योंकि हमारे बाबा भी रख से ही धुलते थे। मगर जबसे मास्टर जी ने स्कूल में बताया, तबसे साबुन से हम और हमारे बाबा दोनों हाथ धुलते हैं।

बहुत हद तक कम किया जा सकता है संक्रमण का खतरा

शिवराजपुर ब्लॉक में आज “हाथ धुलाई दिवस” पर 134 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ये दिवस मनाया गया। सभी विद्यालयों के शिक्षकों ने बच्चों को ये बताया कि एक छोटी सी सही आदत आपको बीमार होने से रोक सकती हैं। उन्हें ये भी बताया गया कि भोजन से पहले और शौच के बाद अच्छी तरह साबुन से हाथ धोने से बीमारियों के संक्रमण का खतरा बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

गीत गाकर बच्चे धुलते हैं अपने हाथ


बच्चों ने गीत गाकर हाथ धुले

एबीआरसी शिवराजपुर गीता झा बताती हैं कि हमने बच्चों को हैण्ड वाश पर एक गीत याद करवाया है- “छो-छो छोटे कीड़े, आँखों से न दीखते कीड़े, रहते गंदे पानी में, ये पलते नाली कीचड़ में, पेट में जाकर हलचल करते, दस्त उल्टी के बनते कारण, गंदे हाथों में ये पलते, साफ-सफाई में ये मरते। सभी बच्चे मस्ती में ये गीत गा-गाकर अपने हाथ धुलते हैं। कानपुर में ही नहीं बल्कि और भी कई जिलों में स्वयं सेवी संस्थाएं और स्कूल के बच्चों ने हैण्ड वाश डे मनाया।

सही से हाथ न धुलने से फ़्लू, सर्दी-जुखाम, उल्टी-दस्त जैसी तमाम बीमारियाँ होती हैं। सही ढंग से हाथ धुलने के लिए कम से कम 30 सेकेण्ड तक अपने हाथों को हथेलियों से एक दूसरी उंगली, नाखूनों को अच्छे से रगड़े, जिससे वैक्टीरिया पूरी तरह से मर सके। हाथ पोंछने के लिए साफ टावेल का ही इस्तेमाल करें।
डॉ वरुण सिंह कटियार

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

  

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