जल निगम की टंकियों से टोटियां गायब, बह रहा पानी

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जल निगम की टंकियों से टोटियां गायब, बह रहा पानीगाँव में ऐसी कई टोटियों से बहता रहता है पानी।

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: मोबिन अहमद

रायबरेली। जिले के बछरावां ब्लॉक के गाँवों में जल निगम ने पानी की टंकियां लगवा रखी हैं, जिससे ग्रामीणों को पानी भरने के लिए अपने घर से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता है। शायद यही वजह है कि यहां के ग्रामीण पानी की बहुमूल्यता से अंजान हैं। क्षेत्र में जल निगम के द्वारा लगवाए गए नलों में बहुत से ऐसे नल हैं, जिसमें टोटी नहीं हैं और उनमें पानी आने के समय से जाने के समय तक पानी लगातार बहता रहता है।

मगर जिम्मेदारी तो जल निगम की

बछरावां ब्लॉक के रम्भा खेड़ा गाँव के निवासी शिवशरण (45 वर्ष) बताते हैं कि गाँव में ऐसे बहुत सारे नल हैं, जिनमें टोटी नहीं है। टोटी न होने के कारण पानी आने से जाने तक बहता रहता है। जब हम में से कोई वहां से गुजरता है। तब बहते हुए पानी को देखकर उसमें कुछ लगा देते हैं, ताकि विश्व के लिए अनमोल पानी बर्बाद न हो। मगर ये ज़िम्मेदारी जल निगम की है, अगर वो इन नलों को लगवाते हैं, तो इनको ठीक करने की ज़िम्मेदारी भी विभाग की है।

फिर कोई देखने तक नहीं आता

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पानी सुलभता से पहुंचाया जा सके, इसके लिए जल निगम 4,000 से ज़्यादा आबादी वाले गाँवों में पानी की टंकी व सोलर वॉटर प्यूरीफायर लगवाती है। इन टंकियों में लगाई गई टोटी (नल) कुछ वर्षों तक चलते हैं, फिर उसके बाद इनकी हालत देखने कोई नहीं आता। ऐसे में इन बिन नलों वाली टंकियों में पानी लगातार बहता रहता है।

जब हम बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे

बछरावां क्षेत्र के संजय कुमार (40) कहते हैं कि पानी के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन फिर भी हम इसे फिजूल खर्च कर देते हैं। हमारी पृथ्वी का लगभग 75 प्रतिशत भाग जल में डूबा हुआ है, लेकिन पीने योग्य दो प्रतिशत पानी ही है। जल को बहुत ही सहेज कर रखने की जरूरत है, वरना वह दिन दूर नहीं, जब हम एक-एक बूंद पानी को तरसेगें।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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