गांव और शहरों के शौचालय निर्माण राशि में अंतर क्यों?

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गांव और शहरों के शौचालय निर्माण राशि में अंतर क्यों?फोटो साभार: गूगल

कम्यूनिटी जर्नलिस्ट: मानसी (16 वर्ष)

आरएस पब्लिक स्कूल, गांधीनगर, तिर्वा, कन्नौज

तिर्वा/कन्नौज। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांव में दी जाने वाली सरकारी सहायता शहरी क्षेत्र से अधिक है। शौचालय निर्माण के लिए चार हजार रूपये का अंतर है। इण्टर की छात्रा ने सरकार से सवाल पूछा है कि क्या सभी शहरी अमीर हैं?

बराबर की सहायता राशि प्रदान करें

सरकार ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों के लिए शौचालय निर्माण के लिए धनराशि देती है। दोनों ही राशि में अंतर है। ग्रामीण क्षेत्रों में 12 हजार रूपये और शहरी क्षेत्रों में आठ हजार रूपये दिया जाता है। ग्राम पंचायतों में प्रधान शौचालय बनवाने में सहयोग कर रहे हैं। वहां बराबर मॉनीटरिंग और अन्य अभियान चल रहे हैं। शहरी क्षेत्र में अभियान बहुत कम चल रहे हैं। यहां गरीबों को शौचालय निर्माण के लिए जल्द धनराशि नहीं मिलती है। जबकि अपात्रों को दिक्कत नहीं होती है। गांव और शहर में सरकार भेदभाव समाप्त कर बराबर की सहायता राशि प्रदान करे। जिनके पास कुछ भी नहीं है उनको वरीयता से शौचालय निर्माण के लिए धनराशि दे।

दोनों सरकारों से राशि में अंश

जिला समन्वयक स्वच्छता वरूण यादव का कहना है कि जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से ग्रामीण क्षेत्रों को 12 हजार रूपये शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन के रूप में दिए जाते हैं। इसमें केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों का अंश है। नगर निकाय क्षेत्रों में बनने वाले शौचालय उनके विभाग के अधीन नहीं हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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