अपने शौक को बना लिया व्यवसाय, होने लगी लाखों की आमदनी
Diti Bajpai | May 26, 2017, 19:13 IST
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। संजय कुमार (35 वर्ष) को बचपन से खरगोश पालने का शौक था। इसी शौक को संजय ने व्यवसाय के रूप में चुन लिया। आज वो बड़े स्तर पर खरगोश पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं साथ ही लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
हरियाणा के जींद जिले के रोहतक रोड बाईपास पर करीब आधा एकड़ जमीन संजय का रैबिट फार्म बना हुआ है। संजय बताते हैं, “मेरा रैबिट फार्म प्रदेश का पहला रैबिट फार्म है। जब व्यवसाय के रूप में इनको पालना शुरू किया तो 100 खरगोश पाले थे। इस समय हमारे पास 6 नस्ल के करीब 500 खरगोश है। मेरे फार्म को शुरु करने के बाद से कुछ लोगों छोटे स्तर से इसकी शुरुआत की है।”
पिछले दस वर्षों से संजय खरगोश पालन कर रहे है। संजय बताते हैं, “हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार समेत दूसरी यूनिवर्सिटी में रिसर्च के लिए खरगोश हमारे फार्म से भेजे जाते हैं। दूर-दूर से लोग खरगोश पालन का प्रशिक्षण लेने के लिए भी हमारे फार्म में आते हैं।”
खरगोश पालन कम निवेश और छोटी जगह में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है। अन्य मांस की तुलना करने पर खरगोश के मीट में उच्च प्रोटीन (21 फीसदी)और कम वसा (8 फीसदी) होता है। इसलिए यह मांस सभी उम्र के लोगों, बच्चों से लेकर वयस्क तक के लिए होता है।
इस पालन की खासियत बताते हुए संजय कहते हैं, “खरगोश को पत्ते, बची हुईं सब्जियां और चने खिलाए जा सकते हैं, जो ब्रॉयलर खरगोश होते हैं उनकी वृद्धि दर उच्च होती है। वे चार महीने में 2 किलो के हो जाते हैं और करीब 200 रुपए में बिक जाते हैं। वहीं मादा खरगोश के बच्चे देने की संख्या भी ज्यादा होती है। ये एक साल में 6 बार बच्चे देती है, जिनकी संख्या 6 से 12 होती है। हमारे फार्म से देशभर की पेट शॉप में खरगोश की सप्लाई होती है।
संजय कुमार, खरगोश व्यवसायीखरगोश पालन व्यवसाय को एक यूनिट में शुरु किया जा सकता है। एक युनिट में 7 मादा और 3 नर खरगोश होते हैं। 10 युनिट से फार्मिंग शुरू करने के लिए लगभग 4 से 4.5 लाख रुपए खर्च आता है। इसमें टिन शेड लगभग 1 से 1.5 लाख रुपए, पिंजरे 1 से 1.25लाख रुपए, चारा और इन युनिट्स पर लगभग 2 लाख रुपए खर्च शामिल है।
10 यूनिट खरगोश से 45 दिनों में तैयार हुआ बच्चों का बैच लगभग 2 लाख रुपए में बिकता है। इन्हें फार्म ब्रीडिंग, मीट लिए बेचते हैं। एक मादा खरगोश सालभर में कम से कम से कम 7 बार प्रेग्नेंट होती है। लेकिन, यदि हम मोर्टालिटी, बीमारी आदि सभी कोध्यान में रखकर औसतन 5 प्रेग्नेंसी पीरियड भी मान लें तो साल भर में 10 लाख रुपए के खरगोश बिक जाते हैं, जबकि, चारे पर खर्च 2से 3 लाख भी मान लें तो 7 लाख रुपए शुद्ध इनकम होती है।
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लखनऊ। संजय कुमार (35 वर्ष) को बचपन से खरगोश पालने का शौक था। इसी शौक को संजय ने व्यवसाय के रूप में चुन लिया। आज वो बड़े स्तर पर खरगोश पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं साथ ही लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
हरियाणा के जींद जिले के रोहतक रोड बाईपास पर करीब आधा एकड़ जमीन संजय का रैबिट फार्म बना हुआ है। संजय बताते हैं, “मेरा रैबिट फार्म प्रदेश का पहला रैबिट फार्म है। जब व्यवसाय के रूप में इनको पालना शुरू किया तो 100 खरगोश पाले थे। इस समय हमारे पास 6 नस्ल के करीब 500 खरगोश है। मेरे फार्म को शुरु करने के बाद से कुछ लोगों छोटे स्तर से इसकी शुरुआत की है।”
पिछले दस वर्षों से संजय खरगोश पालन कर रहे है। संजय बताते हैं, “हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार समेत दूसरी यूनिवर्सिटी में रिसर्च के लिए खरगोश हमारे फार्म से भेजे जाते हैं। दूर-दूर से लोग खरगोश पालन का प्रशिक्षण लेने के लिए भी हमारे फार्म में आते हैं।”
खरगोश पालन कम निवेश और छोटी जगह में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है। अन्य मांस की तुलना करने पर खरगोश के मीट में उच्च प्रोटीन (21 फीसदी)और कम वसा (8 फीसदी) होता है। इसलिए यह मांस सभी उम्र के लोगों, बच्चों से लेकर वयस्क तक के लिए होता है।
इस पालन की खासियत बताते हुए संजय कहते हैं, “खरगोश को पत्ते, बची हुईं सब्जियां और चने खिलाए जा सकते हैं, जो ब्रॉयलर खरगोश होते हैं उनकी वृद्धि दर उच्च होती है। वे चार महीने में 2 किलो के हो जाते हैं और करीब 200 रुपए में बिक जाते हैं। वहीं मादा खरगोश के बच्चे देने की संख्या भी ज्यादा होती है। ये एक साल में 6 बार बच्चे देती है, जिनकी संख्या 6 से 12 होती है। हमारे फार्म से देशभर की पेट शॉप में खरगोश की सप्लाई होती है।
संजय कुमार, खरगोश व्यवसायी
दस यूनिट से शुरू कर सकते है व्यापार
7 से 8 लाख होती है औसत इनकम
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