गाँव कनेक्शन की ओर से ग्रामीण शिक्षकों को समर्पित एक किताब, शिक्षक दिवस पर किया जाएगा लॉन्च

'ग्रामीण भारत में शिक्षा में बदलाव लाने वाले शिक्षकों की 100 कहानियाँ' देशभर के शिक्षकों की कहानियों का एक अनूठा संग्रह है। यह किताब गाँव कनेक्शन के ‘टीचर कनेक्शन’ प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो पाठकों को शिक्षकों और उनके छात्रों की दुनिया में ले जाएगी।

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गाँव कनेक्शन की ओर से ग्रामीण शिक्षकों को समर्पित एक किताब, शिक्षक दिवस पर किया जाएगा लॉन्च

5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर भारत का सबसे बड़ा रूरल कम्यूनिकेशन और इनसाइट प्लेटफॉर्म ‘गाँव कनेक्शन’ अपने पाठकों के लिए एक अनूठी पेशकश लेकर आ रहा है। कल ‘ग्रामीण भारत में शिक्षा में बदलाव लेने वाले शिक्षकों की 100 कहानियाँ- किताब का विमोचन किया जाएगा।

ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के शिक्षकों पर विशेष ध्यान देने वाले देश भर के शिक्षकों की कहानियों का यह अनूठा संग्रह भारत के 97 लाख से ज़्यादा शिक्षकों को समर्पित है।

यह किताब शिक्षकों की 100 कहानियों का संग्रह है। इस किताब में शिक्षा के क्षेत्र के उन नायकों के सामने आने वाली चुनौतियों और उपलब्धियों का ज़िक्र है, जो अब तक गुमनाम रहे हैं। यह एक ओपन सोर्स रिपोर्ट है और गाँव कनेक्शन की वेबसाइट - www.gaonconnection.com - पर कल 5 सितंबर को मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगी। इसे गाँव कनेक्शन इनसाइट्स द्वारा तैयार किया गया है, जो गाँव कनेक्शन की डेटा और इनसाइट शाखा है।


गाँव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा ने कहा, “भारत भर में सैकड़ों-हज़ारों शिक्षकों ने छोटे और बड़े बलिदान दिए हैं। वो हर दिन अपने स्कूलों और अपने छात्रों के लिए छोटे और बड़े योगदान देते रहे हैं, जिनमें से कुछ नज़र आ जाते हैं तो कुछ पर्दे की पीछे रहकर अपना काम करते रहते हैं। ये योगदान जीवन को आकार देते हैं, लेकिन इन्हें कभी उनके बारे में कोई बात नहीं करता है। लंबे समय से चलता आ रहा हमारा अभियान "टीचर कनेक्शन" सिर्फ शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को याद नहीं करता है बल्कि हर दिन शिक्षकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने की उत्सुकता के साथ आगे बढ़ता है।

इस साल की शुरुआत में 3 जनवरी को, क्रांतिकारी शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर गाँव कनेक्शन ने देश भर के शिक्षकों की कहानियों को संजो कर रखने के लिए अपना प्रोजेक्ट ‘टीचर कनेक्शन’ को लॉन्च किया था। इस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में ग्रामीण भारत में शिक्षा में बदलाव लाने वाले शिक्षकों की 100 कहानियों को संजोया गया है।

281 पेजों की इस किताब में आठ भाग हैं - Beyond The Call of Duty (अपेक्षाओं से परे), Strengthening Foundational Literacy And Numeracy; (बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता को मजबूत करना), Reimagining Education (शिक्षा की पुनर्कल्पना), Leave No One Behind (सबको साथ लेकर चलना), Rural Libraries (ग्रामीण पुस्तकालय), Sports Stars Of Rural India (ग्रामीण भारत के खेल सितारे), Out Of Syllabus (पाठ्यक्रम से बाहर), and Educate. Enable. Empower.(शिक्षित करें, सक्षम और सशक्त बनाना) इनमें से हर एक सेक्शन में शिक्षकों की कहानियाँ हैं, जिनकी कुल संख्या 100 है। किताब में 40 लेखकों ने अपना योगदान दिया हैं।

गाँव कनेक्शन की मैनेजिंग एडिटर निधि जम्वाल ने कहा, “शिक्षक राष्ट्र का निर्माण करते हैं लेकिन उन्हें सही पहचान नहीं मिलती है। ग्रामीण भारत में शिक्षक हर दिन लड़ाई लड़ते हैं और गुमनामी में रहकर अपनी लड़ाइयाँ जीतते हैं, लेकिन कोई उनकी सराहना नहीं करता। टीचर कनेक्शन शिक्षकों का जश्न मनाने का हमारा प्रयास है।''

उन्होंने कहा, “गाँव कनेक्शन की सबसे बड़ी ताकत का इस्तेमाल करते हुए (हमारे रिपोर्टर देश के 425 जिलों में फैले हुए) हमने देश के दूर-दराज़ के इलाकों में जाकर शिक्षकों से मुलाकात की। कारगिल के एक गाँव से, नागालैंड के एक आदिवासी गाँव से, मध्य प्रदेश में पन्ना के बाघ अभयारण्य के एक आदिवासी गाँव से हमने टीचरो की प्रेरक कहानियों को ढूंढ़ा। इन सबकी कहानियाँ किताब का हिस्सा हैं। ”

भारत में 640,930 से अधिक गाँव हैं और लगभग हर गाँव में एक प्राथमिक विद्यालय है। इसलिए इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि यहाँ पर सबसे अधिक शिक्षक भी हैं।

लगभग 97 लाख प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल शिक्षक हमारी शिक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं। इसमें से 15 लाख स्कूल हैं और पहली क्लास से 12वीं तक तक 24.8 करोड़ छात्र नामांकित हैं।

देश के कुल स्कूलों में से 84 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। हमारे 69 फीसदी स्कूल विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा चलाए जाते हैं। यहाँ लगभग 51 फीसदी शिक्षकों को रोज़गार मिला हुआ है।

लेकिन उनकी विशाल ताकत के बावजूद ग्रामीण भारत में शिक्षकों के बारे में बहुत कम जानकारी है। वे अपने छात्रों को हमारे देश के ईमानदार नागरिक बनने के लिए शिक्षित करते हैं, तैयार करते हैं और प्रभावित करते हैं। लेकिन हम कभी उनके चेहरे नहीं देखते या उनकी आवाज़ नहीं सुनते।

जम्वाल ने कहा, "ग्रामीण भारत में शिक्षा में बदलाव लाने वाले शिक्षकों की 100 कहानियों में, आपको उनके चेहरे देखने को मिलेंगे और उनकी प्रेरणादायक और दिल को छू लेने वाली कहानियाँ भी पढ़ने को मिलेंगी।"

नीलेश मिसरा ने आगे कहा, “शिक्षक दुनिया के सबसे निस्वार्थ लोगों में से हैं। भारतीय शिक्षक इससे भी कहीं आगे हैं। गुरु-शिष्य परंपरा हमारे डीएनए में है। यह हमारी संस्कृति, मूल्यों और विश्वदृष्टि में रचा बसा है। गाँव कनेक्शन में हम उम्मीद करते हैं कि हमारे प्रयास कहीं न कहीं भारतीय शिक्षकों को समाज में वह सम्मान और जगह वापस दिलाने में एक छोटा सा योगदान देंगे जो पहले हुआ करता था।”

शिक्षा में इनोवेशन और ग्रामीण बच्चों को पढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने वाले शिक्षकों की कहानियों के अलावा, किताब में खेल प्रशिक्षकों, संगीत शिक्षकों और स्पेशल नीड वाले बच्चों के साथ काम करने वाले शिक्षकों की कहानियाँ भी हैं। यह किताब उन शिक्षकों के जीवन के बारे में बताती है जिन्होंने अपनी क्लासरूम से आगे बढ़कर बच्चों की मदद की और एक बदलाव लेकर आए।

किताब में सरकार की सक्रिय शिक्षा नीतियों की भी सराहना की गई है। भारत सरकार ने शिक्षकों की मदद के लिए कई योजनाएँ और दिशानिर्देश पेश किए हैं। केंद्र सरकार द्वारा 2021 में शुरू की गई निपुण योजना (समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल) उल्लेखनीय परिणाम दिखा रही है। किताब में शामिल कहानियों में इसे खासतौर पर दर्शाया गया है।

‘मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता को मजबूत बनाना’ सेक्शन में उन शिक्षकों को शामिल किया गया है जिन्होंने इन सरकारी दिशानिर्देशों का इस्तेमाल करके अपनी कक्षाओं को जीवांत बनाया। और साथ ही अपने स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और नामांकन बढ़ाने और छात्रों को अपने जीवन में कुछ बनाने का अवसर दिया।

इस किताब के अलावा, गाँव कनेक्शन एक मासिक ई-मैगजीन ‘टीचर कनेक्शन’ भी निकालता है। इस ई-मैगजीन में शिक्षकों की कहानियाँ और शिक्षकों के लिए बेहतर शिक्षक बनने की जानकारी और संसाधन सामग्री होती है। ई-मैगजीन गाँव कनेक्शन की वेबसाइट पर मुफ्त डाउनलोड की जा सकती है।

गाँव कनेक्शन इनसाइट्स वर्टिकल नियमित रूप से ओपन सोर्स प्रकाशन निकालता है जो ग्रामीण भारत की असली तस्वीर दिखाता है। यह एक वार्षिक प्रकाशन - द स्टेट ऑफ़ रूरल इंडिया रिपोर्ट – भी निकालता है। इसमें किसी खास वर्ष में ग्रामीण भारत की प्रमुख विकास और घटनाओं का सारांश होता है।

वार्षिक रिपोर्ट के अलावा, गाँव कनेक्शन इनसाइट्स ने पूरे भारत में तीन ग्रामीण सर्वे किए हैं और इन सर्वेक्षणों पर तीन विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की हैं। इन ग्रामीण सर्वेक्षण रिपोर्टों को www.gaonconnection.com से फ्री डाउनलोड भी किया जा सकता है।

सत्ता के गलियारों में ग्रामीण भारत की चिंताओं, मुद्दों, चुनौतियों और उपलब्धियों को आवाज देने के लिए गाँव कनेक्शन इनसाइट्स प्लेटफॉर्म बनाया गया है। यह हाशिए की आवाज़ों को मुख्यधारा में लाने और दोनों के बीच की खाली जगह को भरने का एक प्रयास है।


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