"उस बच्चे को देखकर मुझे समझ में आया कि मुझे किसके लिए काम करना है"

Anchal Srivastava | May 29, 2023, 09:49 IST
आँचल श्रीवास्तव, यूपी के बहराइच ज़िले के चित्तौरा ब्लॉक के यूपीएस कमोलिया खास में सहायक अध्यापिका हैं, उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। हाल ही में शैक्षणिक यात्रा के लिए नीदरलैंड्स गईं थीं। टीचर्स डायरी में वो अपना अनुभव साझा कर रहीं हैं।
Teacher'sDiary
जब मेरी पोस्टिंग स्कूल में हुई थी तब मैं चीजों के बारे में समझ ही रही थी, मेरा मानना है कि खाना वेस्ट नहीं होना चाहिए, किसी को खाना को जितना खाना हैं उतना ही लेना चाहिए। एक दिन लंच के समय में मैं बच्चों को देख रही थी, कि बच्चों ने खाना खाया की नहीं तभी मेरी नज़र 6 साल के बच्चे पर गई।

उसकी थाली में कई रोटियाँ थीं, मैंने कहा कि बच्चा इतना छोटा एक तो वो इतना खाना खा नहीं पाएगा और वेस्ट भी कर देगा। लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ बच्चे ने 5 रोटियाँ खा ली।

मैंने स्कूल की रसोइया से जाकर पूछा, तो रसोइया ने मुझे बताया कि बच्चे की माँ नहीं हैं, उसकी दूसरी मम्मी उसको खाना नहीं देती है। ये सुनते ही मैं हैरान हो गई तब मैंने रसोइया से बोला की बच्चे को घर के लिए भी खाना दे दिया करो। उस दिन मुझे समझ आया कि मुझे किसके लिए काम करना है ये मेरे लिए बहुत ही इमोशनल पल था।

365624-gaon-moment-43
365624-gaon-moment-43

बच्चों के साथ हमारी हमेशा से काफी अच्छी बॉन्डिंग रही है, ऐसे ही एक छोटी सी बच्ची मीठी जोकि हमारे स्कूल में नहीं पढ़ती लेकिन अपनी बड़ी बहन के साथ स्कूल आती थी। मीठी को बोलने और सुनने में थोड़ी दिक्कत थी।

मीठी डाँस बहुत ही अच्छा करती है, इसलिए मैं मीठी को अपने साथ एक्टिविटी परफॉर्मेंस के लिए मुख्यालय लेकर गई और उसने वहाँ बहुत ही अच्छा परफॉर्म किया, जिसके बाद लोगों ने उसकी ख़ूब तारीफ़ की।

मीठी बहुत प्यारी लड़की हैं। हाल ही में मीठी के ना बोल पाने और कम सुन पाने की समस्या को दूर करने के लिए उसका ऑपरेशन कराया गया है, जिससे मीठी जल्द ही बोल पाएँगी और सुन भी पाएँगी।

365625-anchal-srivastava-teacher-behraich-netherlands-student-motivational-story-3
365625-anchal-srivastava-teacher-behraich-netherlands-student-motivational-story-3

मेरे काम को देखते हुए मुझे नीदरलैंड्स जाने का मौका मिला जो मेरे लिए बहुत ही आश्चर्य जैसा माहौल था। नीदरलैंड्स जाकर मेरे सोचने का नज़रिया बदला। बच्चों को कैसे उनके रुचि के अनुसार ही पढ़ाना है ये समझने का मौका मिला।

बच्चे सारे काम ख़ुद करते हैं, जिससे उन्हें किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है, बच्चों को सिर्फ किताबों से नहीं पढ़ाया जाता है। उन्हें प्रैक्टिकल चीजें ज़्यादा कराई जाती हैं जो बहुत ही ज़्यादा बढ़िया है, इससे बच्चे पढ़ते और सीखते दोनों हैं। मैं भी अपने बच्चों के लिए ऐसे नियम बनना चाहती हूँ।

हमारे स्कूल की योग टीम नेशनल लेवल तक गई है, बच्चों ने स्पोर्ट्स हो या कल्चरल एक्टिविटी, सभी में अपना नाम दर्ज़ कराया है। वैसे बच्चे खेल-खेल में पढ़ना ज़्यादा पसँद करते हैं और हमारी क्लास में ऐसे ही बच्चे पढ़ते दिखते हैं।

आँचल श्रीवास्तव ने जैसा गाँव कनेक्शन की इंटर्न अंबिका त्रिपाठी से बताया

आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें connect@gaonconnection.com पर भेजिए

साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।

Tags:
  • Teacher'sDiary
  • TeacherConnection

Follow us
Contact
  • Gomti Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh 226010
  • neelesh@gaonconnection.com

© 2025 All Rights Reserved.