'पुस्तक दान मुहिम से प्राथमिक विद्यालय में शुरू की लाइब्रेरी'
अभिषेक शुक्ला सीतापुर के सहजापुर प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं। उन्होंने अपने स्कूल में एक अनोखी लाइब्रेरी की शुरुआत की है, आख़िर ये लाइब्रेरी कैसे अलग है और इसे कैसे शुरू किया गया, टीचर्स डायरी में अभिषेक वही साझा कर रहे हैं।
Abhishek Shukla 30 Jun 2023 1:08 PM GMT

इस बार गर्मी की छुट्टी के दौरान समर कैंप में मुझे लाइब्रेरी का ख़याल आया। कैंप में बच्चों से कई तरह की गतिविधियाँ कराई गईं। उसी समय लगा कि क्यों न स्कूल में भी ऐसी पुस्तकें हों, जिनसे अपने पाठ्यक्रम के अलावा भी बच्चे सीख पाएँ।इसलिए हमने इस बार पुस्तक दान अभियान की शुरुआत की, जिसके लिए सबसे पहले मैंने खुद ही किताबें खरीदीं। फिर तो वहीं से शुरुआत हो गई।
स्कूल के कुछ पुराने छात्र भी इस मुहिम के साथ जुट गए, जो अभी कहीं अच्छी जॉब कर रहे हैं। हमने सोचा ये काम हम कर तो लें, लेकिन समाज के साथ बच्चों को जोड़ना भी तो हमारा ही काम है,इसलिए जब बच्चों के लिए समाज का सहयोग होगा तो ये भी एक अच्छी बात होगी।
हमारे स्कूल काम को भी सराहना मिलीं। सारी पुस्तकें बच्चों के हिसाब की हैं। यहाँ कक्षा 5 तक के विद्यार्थी हैं इसलिए बच्चों से जुड़ी कुछ कॉमिक्स भी रखी गईं हैं।
आप जिस प्रकार अन्नदान, वस्त्रदान, रक्तदान और अन्य दान करते हैं , उसी तरह पुस्तक दान भी ज़रूर करें।
शिक्षा से ही समाज और देश को नई दिशा, ऊंचाइयाँ हासिल होती हैं। पुस्तकों के बिना अच्छी शिक्षा सम्भव नहीं है। इसलिए सभी लोग अपनी इच्छा और सामर्थ्य के अनुरूप अपने निकट के सरकारी विद्यालय में पुस्तक दान कर पुस्तकालय को समृद्ध बनाकर बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण में सहयोग करें।
इस काम में देश के युवाओं, समाजसेवियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इस काम में सबसे ज़्यादा योगदान विद्यालय के पुरातन छात्रों को करना चाहिए। उन्हें अपने विद्यालय मे पुस्तक दान ज़रूर करना चाहिए।
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