तीन साल कोमा में रही फिर ओलंपिक में जीता गोल्ड

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तीन साल कोमा में रही फिर ओलंपिक में जीता गोल्डgaonconnection

नई दिल्ली (भाषा)। अगर मन में कुछ बनने की इच्छा हो तो व्यक्ति मुश्किल से मुश्किल समस्याएं आसानी से पार कर लेता है। यह बातें अमरीकी रैपालंपियन विक्टोरिया अरलेन पर सटीक बैठती हैं। जिन्होंने अपने जिंदगी को नया मोड़ दिया और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली।

दरअसल, 21 साल की विक्टोरिया के शरीर ने 11 साल पहले काम करना बंद कर दिया और तीन साल तक वह कोमा में रही। कोमा से बाहर आने के बाद तैराकी करनी शुरू की। 17 साल की उम्र में लंदन ओलंपिक में हिस्सा लेकर 100 मी. फ्रीस्टाइल में वर्ल्ड रिकार्ड के साथ गोल्ड जीता।

विक्टोरिया ने बताया कि जब वह 11 साल की थी तब उनके शरीर ने काम करना बंद कर दिया और फिर तीन साल वह कोमा में रहीं। उन्होंने बताया कि मैंने अपने जीने की उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन मेरे परिवार को मुझ पर भरोसा था और उन्होंने पूरा साथ दिया। विक्टोरिया ने कहा कि मेरे भाई ने मुझे काफी मोटिवेट किया और हम दोनों घर के पास वाले स्वीमिंग पूल में जाने लगे। बीमार होने के पहले मैं तैराकी करती थी। जब शरीर में थोड़ा मूवेंट होने लगा तो स्वीमिंग करने की इच्छा फिर से होने लगी। लेकिन मुझे महसूस हुआ कि मैं कभी फिर से स्वीमिंग नहीं पाऊंगी।

भाई ने पूल में दे दिया धक्का

एक दिन मुझे मेरे भाई ने प्रेरित करने के लिए पूल में धक्का दे दिया। उनको विश्वास था कि वह मददगार साबित होगा। मैंने जान बचाने के लिए हाथ पैर मारना शुरू कर दिया। मुझे खुद पर विश्वास नहीं हुआ। मैं फिर से तैरने लगी थी। वहीं मेरे जीवन का टर्निंग प्वांइट साबित हुआ। इसके बाद मैंने रोजाना तैराकी की और अपने लक्ष्य को पूरा किया। सात साल में मेरा चयन पैरलंपिक स्वीमिंग टीम में हुआ। मैंने लंदन ओलपिंक में एक गोल्ड और 3 रजत पदक जीते। 100मी. फ्रीस्टाइल में तो वर्ल्ड रिकार्ड बनाया। तीन साल बाद मैंने ट्रेनर्स की मदद से ट्रैडमिल पर चलना शुरू कर दिया। अब मैं टीवी प्रजेंटर हूं और लोगों को मोटिवेट भी करती हूं।

 

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