नोटबंदी पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग, मुलायम घेरेंगे सरकार को

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नोटबंदी पर राज्यसभा में प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग, मुलायम घेरेंगे सरकार कोसंसद। फाइल फोटो

जौनपुर/नई दिल्ली (आईएएनएस)| सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी पर वह गुरुवार को संसद में बोलेंगे। उधर, राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने बुधवार को नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यसभा में मौजूदगी की मांग की। यह मांग सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी(बसपा) प्रमुख मायावती ने की और बाद में कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इसका समर्थन किया।

पीएम को सदन में होना चाहिए : माया

मायावती ने कहा, "नोटबंदी एक बहुत संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है। प्रधानमंत्री को इस सदन में आना चाहिए और इस पर हमलोगों की बातें सुननी चाहिए।" आजाद ने कहा, "अक्सर प्रधानमंत्री कहते हैं और हम सब सुनते हैं। वह टेलीविजन पर बोलते हैं, रेडियो पर बोलते हैं लेकिन यही मीडिया हमलोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। ऐसा कोई रास्ता नहीं जिसके जरिए हमलोग प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचा सकें।" उन्होंने कहा कि इसलिए हम लोग मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री को राज्यसभा में बैठकर विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को सुनना चाहिए। आजाद ने शिकायत की कि सर्वदलीय बैठक में भी प्रधानमंत्री तब पहुंचे जब सभी प्रमुख दलों के नेता बोल चुके थे।

उन्होंने कहा, "यदि प्रधानमंत्री हमारी बात सुनेंगे तो मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि गलतफहमी को दूर किया जा सकता है। विपक्ष और सरकार के बीच संवाद में बहुत कमी है।"

नोटबंदी से किसान सबसे ज्यादा प्रभावित

कांग्रेस सांसद प्रमोदी तिवारी ने राज्यसभा में मोदी के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ-साथ आम आदमी को भिखारी बना दिया है। इससे किसान तंग हो गए हैं। वेंकैया नायडू संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि लोग देश की बेहतरी के लिए बैंक के बाहर लाइनों में लगे हुए हैं और यह तकलीफ ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमने आय घोषित करने का मौका दिया था। क्या देश के सारे उद्योगपतियों ने नरेंद्र मोदी की दो साल के कार्याकाल में पैसा बनाया है? सरकार ने दो साल में काले धन पर रोक लगाने के लिए कई कड़े उठाए हैं। सरकार की काले धन की मुहिम रंग लाई।

सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार के इस कदम से कुछ भी हासिल नहीं हुआ। पता नहीं सरकार ने यह कदम क्यों उठाया।

      

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