न परिवार देखेंगे न उम्र, जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट देगी बीजेपी: माथुर
Rishi Mishra 10 Jan 2017 7:09 PM GMT

लखनऊ। भाजपा के टिकट वितरण में परिवारवाद और बड़ी उम्र के तथाकथित बंधन टूटेंगे। केवल मानक है उम्मीदवार जीतने के लायक होना चाहिये और उसके लंबे समय तक बीजेपी में बने रहने की उम्मीद हो। चुनाव समिति से पहले प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर का ये बयान बहुत अहम हैं। इसका सीधा मतलब है कि टिकट को लेकर केवल जीत हासिल कर पाना ही फार्मूला है और कुछ भी नहीं।
चुनाव समिति की मीटिंग से पहले उन्होंने ये बात मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा अभी तो पहली बार बैठक हो रही है। 70 साल की उम्र वालों को टिकट नहीं बाटेंगे ये कोई नियम नहीं है। टिकट कैसे देंगे ये संसदीय समिति पर निर्भर है। मगर दो दिन में सूची आएगी। सहयोगी दलों को लेकर माथुर ने कहा कि अपना दल से बातचीत चल रही है। भारतीय समाज पार्टी अभी एनडीए में नहीं है। अपना दल में मां बेटी की लड़ाई को लेकर कहा कि हमारे साथ तो केवल अनुप्रिया हैं। उनकी माँ से हमारा कोई लेना देना नहीं है। बड़े नेताओं के लोगों के टिकट मांगने को लेकर उन्होंने कहा कि परिवार के टिकट मांगना कोई गलत बात नहीं है। मगर परिवारीजनों को लेकर कोई मनाही नहीं है। हर जगह दागी और बाहुबलियों हैं हमारे यहाँ नहीं होंगे। टिकट उसको दिया जाएगा जो जिताऊ और बिकाऊ हो।
जनता सीएम नहीं बीजेपी को खोज रही
मुख्यमंत्री का चेहरा सामने न आने को लेकर उन्होंने कहा कि जनता सीएम नहीं बीजेपी को खोज रही है। उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है। वह।मंच बीजेपी का नहीं था। इतने लोग हैं। योगी हमारे नेता नहीं है। मगर वो समिति में नहीं है। चुनाव समिति का संविधान पढ़िए। महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी चुनाव समिति में हैं।
राजनाथ और उमा नहीं आए मगर हो गई बात
राजनाथ और उमाभारती को लेकर उन्होंने कहा कि ये कोई बड़ी बात नहीं है कि राजनाथ और उमा भारती नहीं आये हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है। मुझे लगता है कि सपा जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। अगर मुलायम सिंह को यही कहना था तब इतने दिन तक ड्रामा क्यों किया। मतदाता इनसे पीछा छुड़ाने।का मन बना चुका है। मतदाता परिवर्तन का मन बना चुका है।
सर्जिकल स्ट्राइक कोई चुनावी मुद्दा नहीं
माथुर ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक चुनावी मुद्दा नहीं है। जबकि नोटबंदी ने पूरे देश में भाव पैदा किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे भले का काम किया है। गरीब के कल्याण का काम किया है। विरोधी हड़बड़ाए हुए हैं। इसीलिए हर तरह से हंगाम कर रहे हैं।
More Stories