यूपीए सरकार छुपा रही थी इशरत के आतंकी होने की बात: गृहमंत्री
गाँव कनेक्शन 11 March 2016 5:30 AM GMT
गाँव कनेक्शन नेटवर्क
नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पिछली यूपीए सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय इस बात की जांच कर रहा है कि इशरत को पहले आतंकी बताने और बाद में उससे पीछे हट जाने से जुड़े दो हलफनामे किन हालातों में दाखिल किए गए। राजनाथ सिंह ये भी बताया कि इस मामले में कुछ दस्तावेज लापता हैं। लेकिन मंत्रालय के स्तर पर आंतरिक छानबीन की जा रही है और सारे तथ्य जमा किये जा रहे हैं जिसके बाद आखिरी फ़ैसला लिया जाएगा।
लोकसभा में कुछ सदस्यों द्वारा ‘इशरत जहां मामले से जुड़े हलफमाने में कथित फेरबदल’ के बारे में पेश ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में गृहमंत्री ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा, पिछली यूपीए सरकार ने इस बात पर पर्दा डालने की कोशिश की कि इशरत जहां लश्कर-ए- तैयबा की आपरेटिव थी, हालांकि अपने पहले हलफनामे में उसने ये बात मानी थी लेकिन एक महीने बाद ही उस हलफनामे को बदल दिया गया।
गृहमंत्री ने कहा कि मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की गवाही से साबित हो गया है कि इशरत के लश्कर-ए-तैयबा से रिश्ते थे जैसा कि यूपीए सरकार के समय के पहले हलफनामे में भी माना गया था। सिंह ने कहा कि पहले इशरत को लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव बताने वाला हलफनामा छह अगस्त 2009 को गुजरात उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया था लेकिन अगले महीने ही 24 सितंबर को दूसरा हलफनामा दाखिल कर उसे आतंकवादी मानने से इनकार कर दिया गया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इशरत जहां का मामला हो या आतंकवाद से जुड़ा कोई दूसरा मामला हो, उस पर किसी भी सरकार को फ्लिप-फ्लॉप नहीं करना चाहिए। सिंह ने कहा, "आतंकवाद के प्रश्न पर जाति, मजहब और धर्म की राजनीति नहीं होनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "मैं एनडीए सरकार की ओर से इस सदन को और देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आतंकवाद के मुद्दे पर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और पूरी कड़ाई से कार्रवाई की जाएगी।"
More Stories