‘खिड़की योजना को सफल बनाने का करें प्रयास’

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‘खिड़की योजना को सफल बनाने का करें प्रयास’गाँव कनेक्शन

नई दिल्ली (भाषा)। आयकर विभाग ने अपने अधिकारियाें से घरेलू कालाधन अनुपालन खिड़की योजना को सफल बनाने के लिए ‘सभी प्रयास’ करने को  कहा है। विभाग ने कहा कि कालेधन की घोषणा करने के इच्छुक संभावित लोगों को उनकी गोपनीयता कायम रखने तथा बिना अड़चन खुलासा करने की सुविधा का भरोसा दिलाया जाना चाहिए।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आय घोषणा योजना-2016 का व्यापक प्रचार करने के लिए इसके बारे में उच्चवर्गीय आलीशान बाजारों, क्लबों और शोरूम में विज्ञापन लगाने का सुझाव दिया है। सीबीडीटी ने इस योजना को सफल बनाने के लिए चार स्तरीय रणनीति बनाई है। इसके तहत गोपनीयता बरकरार रखने के लिए सिर्फ एकल संपर्क बिंदु, देशभर में सुगमता केंद्रों की स्थापना, व्यापक प्रचार और उच्चस्तर पर निगरानी शामिल है।

वित्त मंत्री अरण जेटली ने बजट में आय घोषणा योजना 2016 की घोषणा की  थी। यह योजना एक जून को खुली है। इस योजना के तहत घरेलू कालाधन धारक कुल 45 प्रतिशत कर और जुर्माना अदा कर पाक साफ होकर निकल सकते हैं। सीबीडीटी ने कार्यालय ज्ञापन में कहा है, “इस बात के पूरे प्रयास किए जाने  चाहिए कि लक्षित करदाताओं को इस योजना की पूरी जानकारी मिले।

यदि वे बेहिसाबी धन का खुलासा करना चाहते हैं तो उनका पूरा मार्गनिर्देशन किया जाए, जिससे वे योजना के तहत अधिकतम लाभ उठा सकें।” गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे में कालेधन की घोषणा करने के इच्छुक व्यक्ति का संपर्क सिर्फ एक अधिकृत अधिकारी आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त से होना चाहिए। इस विचार के पीछे मकसद यह है कि घोषणा करने वाले व्यक्ति को सिर्फ एक अधिकारी से ही संपर्क करना पड़े, जिससे उसकी गोपनीयता कायम रखी जा सके।

योजना का प्रचार करें

दिशानिर्देश में कहा गया है कि आयकर विभाग देशभर में उन स्थानों पर इस योजना के बारे में जानकारी दे जहां इस तरह के लोग आते हैं, जिनके पास कालाधन हो सकता है। इनमें क्लब हाउस, पॉश बाजार तथा महंगे उत्पादांे के शोरूम शामिल हैं। 

इस तरह का प्रचार संदेश और पोस्टर स्थानीय मेलाें, फेट और सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी लगाने का निर्देश दिया गया है। अपनी रणनीति के तहत सीबीडीटी ने कहा है कि खुलासे के समय प्रधान आयुक्त और आयुक्त संबंधित व्यक्ति को सभी प्रक्रियागत सुविधाएं उपलब्ध कराएं, जिससे उस व्यक्ति को किसी अन्य से संपर्क न करना पड़े।

आईडीएस-2016 से संबंधित सभी रिकार्ड प्रधान आयुक्त और आयुक्तों को अपने निजी संरक्षण में रखने होंगे। जहां भी प्रधान आयुक्त तैनात हैं वहां सुगमता केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे खुलासा करने वाले लोगों को मदद उपलब्ध कराई जा सके। 

पिछले साल सरकार विदेशों में कालाधन रखने वाले लोगों के लिए इसी तरह की योजना लेकर आई थी। पिछले साल 30 सितंबर को बंद हुई इस अनुपालन खिड़की के तहत कुल 4,147 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया गया। 

 

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