नम आंखों के साथ लोगो ने छोटी लाइन को कहा अलविदा

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नम आंखों के साथ लोगो ने छोटी लाइन को कहा अलविदागाँव कनेक्शन

लखनऊ। ऐशबाग से मैलानी के बीच चलने वाली छोटी लाइन की ट्रेनें शनिवार को रात से बंद कर दी गई हैं। जो ट्रेनें शनिवार को सीतापुर से यात्रियों को लेकर ऐशबाग पहुंची थीं, उन्हें रविवार को फूल मालाओं से सजाकर शानदार तरीके से ऐशबाग से विदा किया गया। ट्रेन की विदाई देख आसपास के कैन्टीन चालकों के आंखें नम थीं क्योंकि यहीं ट्रेनें पिछले कई वर्षों से इनकी रोजी रोटी का साधन थीं। इनके बंद होने से कई महीनों तक इन्हें कहीं और रोजगार तलाशना पड़ेगा। इस रूट पर रोजाना 11 जोड़ी ट्रेनें चलती थीं जिस पर रोजाना बीस से पच्चीस हजार लोग सफर करते थे। 

रविवार को जानकारी के अभाव की वजह से सैकड़ों मुसाफिरों को स्टेशन से वापस लौटना पड़ा। जो यात्री कभी-कभी सफर करते हैं, उन्हें इस रूट पर ट्रेन बंद होने की सूचना नहीं थी जिसकी वजह से इन्हें स्टेशन आकर वापस जाना पड़ा। सिधौली के रहने वाले रमेश (25 वर्ष) बताते है, “हर महीने की तरह इस महीने भी हम आज घर जाने के लिये तैयार होकर अपना सामान लेकर डालीगंज स्टेशन सुबह ही पहुंच गए। जब टिकट लेने खिड़की पर पहुंचे तब पता चला कि सीतापुर तक जाने वाली सारी ट्रेने बंद हो गई हैं। यह सुनकर हमें बहुत ही दुख हुआ क्योंकि ट्रेन से तो 20 रुपए में ही सिधौली पहुंच जाते थे पर बस से जाने में दोगुना पैसा खर्चा आ जायेगा।” 

क्रासिंग से मिलेगी निजात 

ट्रेन का आवागमन बंद होने के बाद ऐशबाग से सीतापुर रेलमार्ग पर बनी क्रासिंग बड़ी लाइन बनने तक खुली रहेगी। क्रासिंग खुलने से सड़क पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। इसके अलावा क्रासिंग संचालन करने वाले कर्मचारियों की भी छुट्टी हो जायेगी। 

आरक्षण के काउन्टर खुले रहेंगे

ऐशबाग, लखनऊ सिटी, डालीगंज और मोहिबुल्लापुर रेलवे स्टेशनों पर आरक्षण टिकट काउन्टर खुले रहेंगे। इस रूट के जाने वाली ट्रेनों के टिकट काउन्टर रविवार को सुबह तड़के बंद कर दिये गये हैं।  

बंद होने लगी कैन्टीन 

यात्रियों का आवागमन स्टेशनों पर कम पड़ने की वजह से स्टेशन पर चल रही कैन्टीन, ठेला, ट्राली बंद होने लगी। मोहिबुल्लापुर के कैन्टीन चालक दिलीप (25 वर्ष) बताते हैं कि हमारी कैन्टीन 2018 तक एलाट है लेकिन रेलमार्ग बंद होने से कम से कम एक साल तक कैन्टीन को बंद रखना पड़गा। यात्री न आने से दुकानदारी नाममात्र की ही हो पा रही है। इस वजह से इसे बंद करने का फैसला किया है।  

22 हजार लोग करते हैं रोज सफर 

ऐशबाग से मैलानी रेलमार्ग पर रोजाना 11 जोड़ी ट्रेनें चलती थीं जिस पर रोजाना लगभग 22 हजार लोग सफर करते थे। इन ट्रेनों से कई लोगों की यादें आज भी जुड़ी हुई हैं। सीतापुर से लेकर बीच में पड़ने वाले दस स्टेशनों पर रोजाना हजारों की सख्या में विद्यार्थी अपना भविष्य बनाने के लिये लखनऊ में शिक्षा प्राप्त करने आते थे। 

तेजी से चल रहा है निर्माणकार्य

बड़ी लाइन बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक वर्ष इसको बनाने में लग जाएंगे। पहले चरण में ऐशबाग से सीतापुर, दूसरे चरण में सीतापुर से मैलानी और तीसरे चरण में मैलानी से पीलीभीत तक 262 किमी. में बड़ी लाइन बनाने का निर्माण कार्य किया जाएगा। ऐशबाग से सीतापुर तक 80 किमी. के बदलाव के लिए डालीगंज सहित बीच के सभी स्टेशनों पर नए भवन का निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है।  

इन स्टेशनों पर बंद हो गया ट्रेनों का आवागमन  

ऐशबाग, लखनऊ सिटी, डालीगंज, मोहिबुल्लापुर, बीकेटी, इटौंजा, अटरिया, सिधौली, कमलापुर, खैराबाद, सीतापुर।

 

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