स्कूलों में जलभराव से बीमारियों का खतरा बढ़ा

Update: 2017-07-22 14:42 GMT
कई स्कूलों में बारिश का पानी भरा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत खराब है। कहीं बाउंड्री वॉल टूटी पड़ी है। तो बिजली नहीं है। कई स्कूलों में बारिश का पानी भरा है और आस-पास गंदगी की भरमार है, लेकिन न तो प्रशासन को इसकी परवाह है न ही शिक्षा विभाग को।

मोहनलालगंज जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रसूलपुर समेसी प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्या आशा देवी बताती हैं, “स्कूल परिसर में बारिश का पानी भरा हुआ है। स्कूल में बाउंड्री वॉल नहीं है, जिससे सड़क का सारा पानी स्कूल परिसर में भर जाता है। बाउंड्री वॉल न होने के करण गाँव वालों ने स्कूल के बीच से रास्ता बना लिया है। कई बार लिखित में एनपीआरसी को लिखित में शिकायत की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

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जिला मुख्यालय सरोजनीनगर से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित प्राथमिक विद्यालय झिलझिलापुरवा की प्रधानाध्यापक आरती सचान कहती हैं, “बारिश के कारण स्कूल में जलभराव हो जाता है। स्कूल की बाउंड्री वॉल भी गिर गई है। बारिश का पानी स्कूल में व आस-पास जमा हो जाता है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं। ऐसे में बच्चों के बीमार होने का खतरा बना हुआ है।”

लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित प्राथमिक विद्यालय गोहरामऊ की इंचार्ज अम्बर फातिमा ने बताया, “स्कूल में बाउंड्री वॉल न होने के कारण सारा पानी बरामदे की ओर आता है। स्कूल में फर्नीचर नहीं हैं और बच्चे जमीन में चटाई पर बैठते हैं। सरकार बच्चों को किताबें, जूते, खाना और ड्रेस जैसी सुविधाएं दे रही है जो कि बहुत अच्छा है, लेकिन सरकार को स्कूल में मौजूद इन सारी कमियों पर भी ध्यान देना होगा।”

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