यह यंत्र बताएगा गाय-भैंस के कृत्रिम गर्भाधान का सही समय

Diti BajpaiDiti Bajpai   1 April 2019 1:50 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo

बरेली। कई बार पशुपालकों को गाय-भैंस को कृत्रिम गर्भाधान कराने का सही समय नहीं पता होता है और जानकारी के अभाव में कुछ लक्षणों को देखकर पशु का कृत्रिम गर्भाधान करा देते है। इस समस्या को हल करने के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने एक यंत्र तैयार किया है जिसकी मदद से पशुपालक आसानी ये पता लगा सकते है कि गाय-भैंस को गाभिन करने का सही समय क्या है।

इस यंत्र का नाम क्रिस्टोस्कोप है। "ज्यादातर किसान गाय-भैंस के हीट में आने के लक्षण को सही तरह से नहीं जान पाते है और उसका कृत्रिम गर्भाधान करा देते है। इसलिए संस्थान ने क्रिस्टोस्कोप डिवाइज तैयार किया है जिससे सही समय पता चल सकेगा।" आईवीआरआई के पशु प्रजनन विभाग के वैज्ञानिक डॉ ब्रजेश कुमार ने बताया इस यंत्र की जानकारी देते हुए बताते हैं, "इस डिवाइज का प्रयोग बहुत आसान है। गाय-भैंस के पेशाब के रास्ते से जो स्त्राव आता है उसमें एक स्लाइड पर रख लेना होता है और मशीन में स्लाइड को डालकर देख सकते है। अगर मशीन में फर्न की पत्तियों जैसा कुछ दिखाई पड़ता है तो वह सही समय होता है पशु का कृत्रिम गर्भाधान कराने का।

यह भी पढ़ें- अब कृत्रिम गर्भाधान से होगा बकरियों में होगा नस्ल सुधार, देखें वीडियो


हर पशु का एक मदचक्र होता है। गाय-भैंसों में यह लगभग 21 दिन का है। मदचक्र पूरा होने पर मदकाल आता है। यह दो से तीन दिन तक चलता है। मदकाल के गलत समय कृत्रिम गर्भाधान कराने से किसानों का पशुओं के खान-पान में धन और समय दोनों खराब होता है। सही समय पर गर्भधारण न हो पाने से दुग्ध उत्पादन भी नहीं हो पाता। दो से तीन बार मदकाल निकल जाने पर गायें या भैंस बांझ भी हो जाती है।

आईवीआरआई द्वारा तैयार किया गया यह यंत्र बाजार में भी उपलब्ध है। अगर कोई भी व्यक्ति डेयरी चला रहा है तो वह इस यंत्र के प्रयोग से अपने आप आर्थिक नुकसान से बचा सकता है। इस यंत्र को तैयार में अपना योगदान देने वाले प्रधान वैज्ञानिक डॉ हरेंद्र प्रसाद ने बताया, "यह हेडी टूल यंत्र है। इस यंत्र को पेटेंट कराकर निजी कंपनियों को दे दिया है। कोई भी किसान इसको खरीद सकता है। उन्हें किसी अस्पताल में जाने में जाने की जरूरत नहीं होगी। बरेली आस-पास के क्षेत्र के लोग इसका इस्तेमाल भी कर रहे है। उनके कृत्रिम गर्भाधान की सफलता की दर लगभग सतर फीसद तक बढ़ गई है। अभी यह औसत महज तीस फीसद तक थी।"

यह भी पढ़ें- कृत्रिम गर्भाधान : इन बातों को ध्यान में रखकर पशुपालक बचा सकते हैं, 3300 रूपए


ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी के अभाव में रिपीट ब्रीडिंग(बार-बार कृत्रिम गर्भाधान कराने पर भी पशु का न रुकना) की समस्या बढ़ रही है। इस समस्या को हल करने के लिए क्रिस्टोस्कोप यंत्र काफी मददगार साबित होगा।

पशु जब हीट में आए तो किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए इसके बारे में डॉ ब्रजेश बताते हैं, "अगर आपकी गाय-भैंय सुबह हीट में आई है तो उसको शाम तक कृत्रिम गर्भाधान करा देना चाहिए और अगर शाम करे आई है तो अगले दिन सुबह करा सकते हैं। कुछ-कुछ गाय देर तक हीट में रहती है उनको आप 12 से 20 घंटे बाद कृत्रिम गर्भाधान करा दीजिए इससे समय-समय पर बच्चा मिलता रहेगा।

इस यंत्र की जानकारी के लिए आप इस नंबर पर संपर्क कर सकते है:

भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान

डॉ ब्रजेश कुमार

प्रधान वैज्ञानिक

09411631354

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.